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असामान्य परिस्थितियों में गाड़ियों का संचालन

असामान्य परिस्थितियों में गाड़ियों का संचालन

असामान्य परिस्थितियों में उपयोग में लिए जाने वाले प्राधिकार पत्र

602 अवरुद्ध ब्लाॅक सेक्शन में जाने वाले सहायता इंजन/गाड़ी को दिया जाने वाला प्राधिकार
602 सिंगल लाइन पूर्ण संचार व्यवस्था भंग के दौरान संचार व्यवस्था खोलने हेतु जाने वाले वाहन का प्राधिकार
602 डबल लाइन मे पूर्ण संचार व्यवस्था भंग के दौरान जाने वाली गाड़ी को दिया जाने वाला प्राधिकर
602 डबल लाइन पर अस्थाई सिंगल लाइन कार्य प्रणाली के दौरान दिया जाने वाला प्राधिकार
602 लाइन क्लीयर इन्कवायरी मैसेज
602 कन्डीशनल लाइन क्लीयर मैसेज
602 अप कन्डीशनल लाइन क्लीयर टिकट
602 डाउन कन्डीशनल लाइन क्लीयर टिकट
602 संचार व्यवस्था चालू होने के बाद स्टेशन मास्टर द्वारा एक्सचेंज किया जाने वाला रेस्टोरेशन मैसेज

दुर्घटना स्थल पर सहायता गाड़ी भेजने के नियम

स्टेशन मास्टर द्वारा अनुमति लेने के पश्चात् जब किसी दुर्घटनाग्रस्त ब्लाॅक सेक्शन मे कोई सहायता गाड़ी भेजनी हो तो उसके इन्चार्ज को वहाँ जाने का उद्देश्य, रुकावट का स्थान किलोमीटर नम्बर सहित व उसे वहाँ रुकना है या कार्य करके वापस लौटना है, आदि महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी व पावती प्राप्त की जाएगी। दुर्घटनाग्रस्त ब्लाॅक सेक्शन मे  दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी के अलावा अधिकतम दो गाड़ियाँ भेजी जा सकती है चाहे वे एक ही स्टेशन से आगे व पीछे भेजी जाएं या अलग-अलग स्टेशन से एक-एक। डबल लाइन पर दुर्घटना के समय यदि दोनो  लाइने  अवरुद्ध हो जाती है तो एक लाइन पर दो गाड़ी नहीं भेजी जा सकती बल्कि दोनों लाइनो  पर एक-एक गाड़ी भेजी जा सकती है। जिस गाड़ी को दुर्घटनास्थल की ओर भेजा जाएगा उसके लोको पायलट को स्टेशन से टीए-602 (अवरुद्ध ब्लाॅक सेक्शन मे  प्रवेश करने का प्राधिकार) का प्राधिकार पत्र जारी किया जाएगा, जिसमें गति प्रतिबन्ध पहली गाड़ी के लिए दिन के समय दृश्यता स्पष्ट व इंजन लीडिंग मे  हो तो 15 कि.मी.प्र.घं. अन्यथा 10 कि.मी.प्र.घ. होगा। दुर्घटना स्थल पर भेजी जाने वाली दूसरी गाड़ी की अधिकतम गति 8 कि.मी.प्र.घ. होगी।
दुर्घटनास्थल पर जब सहायता कार्य चल रहा हो तो सहायता गाड़ी के गार्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सहायता गाड़ी का बचाव कर दिया गया है।
दुर्घटनास्थल से यदि अप्रभावित भाग को बिना गाड़ी परीक्षक की जाँच के स्टेशन पर भेजना हो तो उसे अधिकतम 40 कि.मी.प्र.घ. की गति से चलाया जाएगा।

पूर्ण संचार व्यवस्था भंग

सम्पूर्ण ब्लाॅक पद्धति के अन्तर्गत किन्हीं दो ब्लाॅक स्टेशनो  के बीच रेलवे प्रशासन द्वारा निम्नलिखित अनुमोदित संचार के साधन उपलब्ध कराए जाते है , जिनके द्वारा स्टेशन मास्टर लाइन क्लीयर प्राप्त करके गाड़ियों का संचालन करता है। ये साधन निम्नलिखित हैं -
ब्लाॅक उपकरण, ट्रेक सर्किट या एक्सल काउन्टर
ब्लाॅक उपकरण के साथ जुड़ा हुआ टेलीफोन
स्टेशन से स्टेशन के मध्य जुड़ा हुआ स्थायी टेलीफोन (जहाँ उपलब्ध हो)
स्थाई टेलीफोन जैसे - रेलवे आॅटो फोन तथा बी.एस.एन.एल. फोन
कन्ट्रोल टेलीफोन

उपरोक्त मे  जो-जो भी साधन किन्हीं दो ब्लाॅक स्टेशनों के बीच लगे हो  और वे सभी एक साथ खराब हो जाए या बन्द हो जाएं तो ऐसी परिस्थिति को उन दो ब्लाॅक स्टेशनों के बीच पूर्ण संचार व्यवस्था भंग होना माना जाता है। ऐसी परिस्थिति में गाड़ी का संचालन नीचे बताए गए नियमो  के अन्तर्गत किया जाएगा।

पूर्ण संचार व्यवस्था भंग हो जाने पर डबल लाइन पर गाड़ियों का संचालन

जब डबल लाइन के किन्हीं दो ब्लाॅक स्टेशनों के बीच पूर्ण संचार व्यवस्था भंग हो जाती है तो सम्पूर्ण ब्लाॅक पद्धति मे  निम्नलिखित विधि से गाड़ियों का संचालन किया जाएगा -

दोनो  तरफ के स्टेशन मास्टर अपनी अपनी दिशा की सही लाइन पर ही गाड़ियाँ भेजेगे। स्टेशन मास्टर किसी भी गाड़ी को अपने स्टेशन से रनिंग थ्रू जाने की अनुमति नहीं देगा। हर गाड़ी को रोककर उसके लोको पायलट व गार्ड को इस बात की सूचना दी जाएगी कि अगले ब्लाॅक सेक्शन मे  पूर्ण संचार व्यवस्था भंग है।
किसी भी गाड़ी को ब्लाॅक सेक्शन मे  जाने की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक कि उससे पहले गई हुई गाड़ी को 30 मिनट का समय न गुजर गया हो अर्थात हर दो गाड़ियों के प्रस्थान के बीच 30 मिनट का अन्तराल रखा जाएगा।
ब्लाॅक सेक्शन मे  भेजी जाने वाली प्रत्येक गाड़ी के लोको पायलट को ऐसी परिस्थिति में प्राधिकार के रूप मे  टीसी-602 जारी किया जाएगा जिसमें बिना लाइन क्लीयर के अगले ब्लाॅक

स्टेशन तक जाने के लिए । लाइन सीधी होने पर 25 कि.मी.प्र.घ. अन्यथा 10 कि. मी.प्र.घ. की प्रतिबन्धित गति से ब्लाॅक सेक्शन मे  चलने हेतु सतर्कता आदेश व प्रस्थान रोक सिगनल को आॅन स्थिति में पार करने का प्राधिकार शामिल है।

यदि ब्लाॅक सेक्शन में लोको पायलट को धुन्ध, कोहरे या अन्य किसी कारण से आगे दृश्यता स्पष्ट न दिखाई दे तो वह अपने सहायक लोको पायलट को हैंड सिगनल व पटाखे देकर गाड़ी को पायलट करने हेतु भेजेगा। ऐसी परिस्थिति में लोको पायलट सीटी का स्वतंत्रता से उपयोग करेगा।

यदि ब्लाॅक सेक्शन में कोई सुरंग पड़ती हो तो लोको पायलट को उसमे  तभी प्रवेश करना चाहिए जब वह यह सुनिश्चित कर ले कि वह साफ है। किसी प्रकार की शंका हो तो सहायक लोको पायलट को हैंड सिगनल व पटाखे देकर गाड़ी को पायलट करने हेतु भेजेगा। सुरंग मे  प्रवेश से पूर्व इंजन की हैड लाइट, मार्कर लाइट आदि को चालू कर दिया जाएगा।

गाड़ी यदि दुर्घटना, रुकावट, इंजन फेलियर या अन्य किसी कारण से ब्लाॅक सेक्शन मे  खड़ी हो जाए व आगे जाने की संभावना न हो तो लोको पायलट सीटी के द्वारा गार्ड को संकेत देगा व गार्ड पीछे की ओर टेल लैम्प/टेल बोर्ड देखकर सुनिश्चित करेगा कि उसकी गाड़ी पूरी है व फिर पीछे की ओर से गाड़ी का बचाव पटाखे लगाकर करेगा जिसमें वह किसी भी गेज में गाड़ी/रुकावट से 250 मी. पर पहला व 500 मी. पर दूसरा व उससे 10 मीटर के अन्तर पर तीसरा पटाखा लगाएगा। ऐसी परिस्थिति मे  पास वाली लाइन पर भी यदि रुकावट हो जाए और उसका बचाव करने की आवश्यकता हो तो पटाखे इसी विधि से लगाए जाएंगे।

इस परिस्थिति मे  गाड़ियों का संचालन करते समय किसी भी गाड़ी को सामान्यतया पुश बैक नहीं किया जाएगा। यदि कोई ऐसी परिस्थिति आ जाए जिसमे  गाड़ी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुश बैक करना अति आवश्यक हो तो जहाँ तक गाड़ी को पुश बैक करना हो उससे पीछे की ओर पहले गार्ड द्वारा 250-500-10 मीटर पर पटाखे लगाने के बाद ही गाड़ी को गार्ड के हैड सिगनलों पर बैक किया जाएगा।

अगले स्टेशन के प्रथम रोक सिगनल पर गाड़ी को रोककर लोको पायलट लगातार लम्बी सीटी बजाकर स्टेशन कर्मचारियों को सूचित करेगा व आगमन सिगनल के आॅफ होने का इन्तजार करेगा। यदि सिगनल 10 मिनट तक आॅफ नहीं होते हैं तो लोको पायलट अपने सहायक लोको पायलट या अन्य सक्षम रेल कर्मचारी को स्टेशन पर सूचना देने के लिए भेजेगा एवं गार्ड अपनी गाड़ी पूरी है या नहीं इसे सुनिश्चित करने के बाद पीछे से 250-500-10 मीटर पर पटाखे लगाकर बचाव करेगा।

अगले स्टेशन पर पहुँचकर लोको पायलट टीसी-602 का प्राधिकार स्टेशन मास्टर को सौंप देगा जिसे स्टेशन मास्टर रद्द करके रिकाॅर्ड मे  सुरक्षित रख लेगा।

उपरोक्त विधि से दोनो  ओर के स्टेशन मास्टर गाड़ियों का संचालन अपनी अपनी सही लाइनो  पर करते रहेंगे व इसका पूरा विवरण गाड़ी सिगनल रजिस्टर में भरते रहेंगे।

जब कोई एक संचार का साधन चालू हो जाए तो दोनो  स्टेशन मास्टर प्राइवेट नम्बर के आदान प्रदान के साथ टीआई-602 के निर्धारित प्राधिकर मे  अपनी यहाँ आई व अपने यहाँ से गई हुई

गाड़ियों के बारे में व दोनो  लाइनो  पर ब्लाॅक सेक्शन साफ होना सुनिश्चित करने के बाद किसी साधन से गाड़ियाँ चलाई जाएंगी इसके बारे मे  एक दूसरे को बताएंगे। यदि कन्ट्रोल टेलीफोन चालू हो जाए तो इस दौरान चलाई गई गाड़ियों की विस्तृत जानकारी कन्ट्रोलर को देंगे।

इस दौरान चलाई गई गाड़ियों का पूर्ण रिकाॅर्ड संभालकर रखा जाएगा जिसे संचार व्यवस्था चालू होने के 7 दिनो  के अन्दर सेक्शन के परिवहन निरीक्षक द्वारा जाँचने के बाद उसकी रिपोर्ट मंडल कार्यालय को भेजी जाएगी।

सिंगल लाइन पर पूर्ण संचार व्यवस्था भंग होने पर गाड़ियों का संचालन सम्पूर्ण ब्लाॅक पद्धति के अन्तर्गत सिंगल लाइन पर किन्हीं दो ब्लाॅक स्टेशनों के बीच पूर्ण संचार व्यवस्था भंग हो जाने पर निम्न विधि से गाड़ियों का संचालन किया जाएगा -

संचार व्यवस्था भंग के दौरान किसी भी गाड़ी को ब्लाॅक स्टेशन से तब तक नहीं भेजा जा सकता जब तक उसके लिए दूसरी ओर के स्टेशन से लाइन क्लीयर प्राप्त न हो जाए (अर्थात संचार व्यवस्था न खोल ली जाए)। यदि किसी अकेले इंजन या इंजन व ब्रेक को भेजना हो तो

उसे बिना संचार व्यवस्था खोले भी भेजा जा सकता है। यदि गाड़ी भेजनी हो तो इसके लिए जिस स्टेशन पर गाड़ी हो वहाँ का स्टेशन मास्टर निम्न मे  से किसी एक साधन को भेजकर संचार व्यवस्था खोलने हेतु भेजेगा -

लाइट इंजन
गाड़ी का इंजन (आॅन ड्यूटी स्टेशन मास्टर के आदेश से गाड़ी से अलग किया जाएगा)
मोटर ट्राॅली/टावर वैगन (इसके साथ कोई गार्ड अथवा आॅफ ड्यूटी स्टेशन मास्टर जाएगा)
हैंड पुश ट्राॅली/साइकल ट्राॅली/मोपेड ट्राॅली (इसके साथ कोई गार्ड अथवा आॅफ ड्यूटी स्टेशन मास्टर जाएगा)
डीजल कार/रेल मोटर कार/ई.एम.यू. रैक/डी.एम.यू. रैक (सभी यात्रियों को उतारकर भेजा जाएगा)

उपरोक्त वाहन के साथ भेजे जाने वाले स्टेशन मास्टर/लोको पायलट/गार्ड/मोटरमेन को इस परिस्थिति से अवगत कराया जाएगा व उसे ऐसे में गाड़ियों के संचालन संबंधी ज्ञान है या नहीं इसकी आॅन ड्यूटी स्टेशन मास्टर जाँच करेगा। आवश्यकता पड़े तो आॅन ड्यूटी स्टेशन मास्टर

उस इंचार्ज को नियमो  के बारे मे  समझाएगा व बदले में उसके हस्ताक्षर उसे दिए जाने वाले निर्धारित प्राधिकार पत्र की रिकाॅर्ड प्रति पर लिए जाएंगे।

जिस वाहन को ब्लाॅक सेक्शन मे  संचार व्यवस्था खोलने के लिए भेजा जा रहा हो उसके इंचार्ज को टीबी-602 का प्राधिकार दिया जाएगा। जिसमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं -

यह वाहन को अगले ब्लाॅक स्टेशन तक बिना लाइन क्लीयर के जाने हेतु दिया जाएगा।
सतर्कता आदेश - इसके अन्तर्गत वाहन को दिन के समय दृश्यता स्पष्ट दिखाई देने पर अधिकतम 15 कि.मी.प्र.घ. अन्यथा 10 कि.मी.प्र.घ. का गति प्रतिबन्ध लिखकर दिया जाएगा।
सिगनल को आॅन स्थिति मे  पार करने का प्राधिकार - इसके अन्तर्गत वाहन को जाते समय स्टेशन  के प्रस्थान सिगनल आॅन स्थिति मे  पार करने की अनुमति दी जाएगी।
लाइन क्लीयर इन्कवायरी मैसेज - इसके अन्तर्गत स्टेशन मास्टर उसके स्टेशन पर खड़ी हुई गाड़ी का लाइन क्लीयर पूछेगा।
कन्डीशनल लाइन क्लीयर मैसेज - इसके अन्तर्गत उस वाहन के इन्चार्ज को अगले ब्लाॅक स्टेशन जाकर वापस अकेला या वहाँ कोई गाड़ी इस स्टेशन पर आने के लिए खड़ी हो उसे साथ लाने का अधिकार देते हुए लाइन क्लीयर दिया जाता है। इसमे  स्टेशन मास्टर लाइन क्लीयर के लिए प्राइवेट नम्बर लिखकर देता है जिसके आधार पर लौटते समय वाहन या उसके साथ कोई गाड़ी हो तो वह सामान्य गति से आ सकती है। उपरोक्त पाँच प्राधिकार उस वाहन के लिए लागू होते हैं जो कि संचार व्यवस्था खोलने जा रहा हो। जो वाहन केवल अपनी यात्रा पूर्ण करने के उद्देश्य से जा रहा हो तो उसे भी टीबी-602 का प्राधिकार पत्र दिया जाएगा परन्तु उसमे अन्तिम दो परिस्थिति (लाइन क्लीयरइन्कवायरी मैसेज व कन्डीशनल लाइन क्लीयर मैसेज) लागू नहीं होती है अतः उन्हें स्टेशन मास्टर द्वारा काट दिया जाएगा। ऐसे वाहन को भेजने के बाद यदि फिर किसी गाड़ी के लिए संचार व्यवस्था खोलनी हो तो स्टेशन मास्टर दूसरा वाहन कम से कम 30 मिनट बाद भेज सकता है।

स्टेशन से वाहन को रवाना करते समय स्टेशन मास्टर को ऐसा आभास हो कि दृश्यता स्पष्ट नहीं है जिसके कारण ब्लाॅक सेक्शन में लोको पायलट को परेशानी हो सकती है तो संरक्षा की दृष्टि से स्टेशन मास्टर आवश्यकतानुसार सक्षम रेल कर्मचारी उस वाहन के साथ भेजेगा जो कि आवश्यकता पड़ने पर रास्ते मे  वाहन का मार्गदर्शन करेगा।

जब तक संचार व्यवस्था खोलने के लिए गया हुआ वाहन लौटकर नहीं आ जाता तब तक उस दिशा मे  अन्य किसी इंजन आदि को नहीं भेजा जाएगा और न ही सबसे बाहरी पाॅइन्ट के बाहर कोई शंटिंग किया जाएगा।

वाहन का इन्चार्ज रास्ते मे  अपने वाहन की फ्लेशर लाइट चालू करके चलेगा व खतरे की छोटी-छोटी सीटी का बार-बार उपयोग करेगा।

रास्ते मे  आगे लाइन स्पष्ट न दिखाई दे तो इन्चार्ज अपने साथ मौजूद दो कर्मचारियों को पायलटिंग हेतु आगे भेजेगा जिनमे  से एक खतरे का हैंड सिगनल व दूसरा पटाखे लेकर चलेगा व वाहन उसी चाल से चलेगा। जहाँ लाइन स्पष्ट दिखाई दे, उन्हें वापस बुला लिया जाएगा व वाहन पुनः सतर्कता आदेश मे  बताई गई गति से चलेगा। ऐसे मे  इन्चार्ज पूर्ण सतर्क रहेगा।

रास्ते मे  कोई सुरंग हो तो उसमे  प्रवेश से पूर्व उसका साफ होना सुनिश्चित किया जाना चाहिए व किसी भी प्रकार की कोई शंका हो तो वहाँ भी पायलटिंग करवाया जाना चाहिए। सुरंग में प्रवेश से पूर्व हैड लाइट, मार्कर लाइट आदि को चालू कर दिया जाना चाहिए।

ब्लाॅक सेक्शन में सामने से आता हुआ कोई अन्य वाहन भी दिखाई दे तो दोनों वाहनों के इन्चार्ज अपने अपने वाहन को सावधानीपूर्वक रोक देंगे व निम्न बिन्दुओं को ध्यान मे  रखते हुए तय करेगे कि उन्हें किस स्टेशन की ओर जाना उचित है -

जब एक वाहन संचार व्यवस्था खोलने जा रहा हो व दूसरा केवल अपनी आगे की यात्रा पर हो तो वे दोनो  वाहन उस स्टेशन की ओर जाएंगे जहाँ से संचार व्यवस्था न खोलने वाला वाहन आया है। अर्थात जिसके पास मौजूद टीबी-602 मे  केवल ऊपर के तीन प्राधिकार भरे हुए हैं।

जब दोनों ही वाहन संचार व्यवस्था खोलने जा रहा हो  तो वे दोनो  वाहन उस स्टेशन की ओर जाएंगे जिस स्टेशन पर महत्वपूर्ण गाड़ी खड़ी है।

जब दोनो  ही वाहन संचार व्यवस्था खोलने जा रहे हों और दोनो ही स्टेशन पर समान महत्व की गाड़ी खड़ी हों तो वे देखेंगे कि -
  • कौन सा स्टेशन नजदीक है,
  • रास्ते के उतार चढ़ाव कैसे हैं व गाड़ी को उनके कारण कितना विलम्ब हो सकता है,
  • रास्ते मे  कोई कैच साइडिंग तो नहीं है, यदि है तो उसके कारण कितना विलम्ब हो सकता है, आदि
उपरोक्त बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए जिस तरफ जाने मे  कम समय लगता हो उस

तरफ दोनो  वाहन जोड़कर या नहीं जोड़े जा सकते तो एक दूसरे पर लोड करके यदि ये भी न किया जा सके तो संरक्षा की दूरी रखते हुए अलग अलग ही ले जाए जाएंगे।
उस स्टेशन के प्रथम रोक सिगनल पर वाहन को खड़ा किया जाएगा व इन्चार्ज एक लगातार लम्बी सीटी बजाकर स्टेशन कर्मचारियों को सूचित करेगा। यदि 10 मिनट तक उसको स्टेशन पर नहीं लिया जाता है तो उस वाहन का इन्चार्ज किसी सक्षम रेल कर्मचारी को स्टेशन पर सूचना देने हेतु भेजेगा एव  वाहन का पीछे की ओर से 250-500-10 मीटर की दूरी पर पटाखे लगाकर बचाव किया जाएगा।

स्टेशन पर पहुँचकर दूसरे स्टेशन से आए हुए वाहन के इन्चार्ज द्वारा टीबी-602 स्टेशन मास्टर को सौंप दिया जाएगा। स्टेशन मास्टर उसे अपने रिकाॅर्ड मे  रख लेगा व उसके बदले यदि उसकी लाइन क्लीयर देने की शर्ते  पूरी हो तो वह ‘‘कन्डीशनल लाइन क्लीयर मैसेज’’ (टीएफ-602) के प्राधिकार द्वारा दूसरे स्टेशन पर खड़ी गाड़ी के लिए लाइन क्लीयर देगा व वापसी यात्रा हेतु उस वाहन को अकेले या वहाँ कोई गाड़ी जाने के लिए हो तो उसके साथ दूसरे स्टेशन की ओर भेजने के लिए टीबी-602 में वापसी हेतु उपलब्ध लाइन क्लीयर के आधार पर ‘‘कन्डीशनल लाइन क्लीयर टिकट’’ (अप गाड़ी के लिए टीजी-602 व डाउन गाड़ी के लिए टीएच-602) बनाकर देगा जिस पर कि वह वाहन/गाड़ी सामान्य गति से (अन्य लागू गति प्रतिबन्धों को छोड़कर) जाएगा/जाएगी।

संचार व्यवस्था लगातार बनी रहे इसके लिए यह आवश्यक है कि दोनो  स्टेशन मास्टर ऐसी परिस्थिति मे  अपने विवेक का इस्तेमाल करे व किसी भी गाड़ी को रवाना करने से पूर्व उसके पश्चात् की गाड़ियों की भी जानकारी प्राप्त कर लें व उसके पीछे भी कोई गाड़ी नजदीक हो तो उसके लिए ‘‘लाइन क्लीयर इन्कवायरी मैसेज’’(टीई-602) बनाकर जाने वाली गाड़ी के इन्चार्ज को सौंप दे। दोनो  स्टेशन मास्टर लाइन क्लीयर पूछते या स्वीकार करते समय उस सेक्शन के वर्किंग टाइम टेबल को ध्यान मे  रखते हुए लाइन क्लीयर देंगे जिससे किसी महत्वपूर्ण गाड़ी को विलम्ब न हो।

वापस अपने स्टेशन पहुँचकर इन्चार्ज दूसरे स्टेशन से प्राप्त किए गए टीएफ-602, टीजी-602 या टीएच-602 तथा टीई-602 (यदि जारी किया गया हो) को स्टेशन मास्टर को सौंप देगा। स्टेशन मास्टर सभी प्रपत्रों को अपने रिकाॅर्ड में रखकर गाड़ी से संबंधित रिकाॅर्ड को पूरा करेगा।

टीएफ-602 के द्वारा प्राप्त लाइन क्लीयर पर स्टेशन मास्टर अपने स्टेशन पर इन्तजार कर रही गाड़ी को चलाने हेतु लोको पायलट को ‘कन्डीशनल लाइन क्लीयर टिकट’ (अप गाड़ी के लिए टीजी-602 व डाउन गाड़ी के लिए टीएच-602) व दूसरी ओर के स्टेशन मास्टर ने ‘लाइन क्लीयर इन्कवायरी मैसेज’ द्वारा किसी गाड़ी का लाइन क्लीयर पूछा हो तो उसके जवाब मे  ‘कन्डीशनल लाइन क्लीयर मैसेज’ (टीएफ-602) तथा उस स्टेशन के पास इस गाड़ी को चलाने के बाद कोई ओर गाड़ी हो तो उसके लाइन क्लीयर हेतु ‘लाइन क्लीयर इन्कवायरी मैसेज’ (टीई-602) बना कर देगा।

नोटः- दोनो  ओर के स्टेशन मास्टर किसी भी गाड़ी को लाइन क्लीयर पर चलाते समय सतर्कता आदेश (टी-409 या टीए-409 या टीबी-409) तथा प्रस्थान सिगनलों के लिए टी-369(3बी), जहाँ आवश्यक हो, जारी करेगे।

जब किसी स्टेशन के पास एक से अधिक गाड़ियाँ हो और दूसरी तरफ के स्टेशन पर कोई गाड़ी न हो तो स्टेशन मास्टर वर्किंग टाइम टेबल को ध्यान में रखते हुए पहली गाड़ी द्वारा संचार व्यवस्था खोलने के लिए टीबी-602 तथा शेष गाड़ियों के लिए टीई-602 द्वारा लाइन क्लीयर पूछेगा। दूसरी ओर का स्टेशन मास्टर अपनी गाड़ियों को ध्यान में रखते हुए यदि उचित समझे तो सभी गाड़ियों का लाइन क्लीयर टीएफ-602 संदेश के द्वारा स्वीकार कर सकता है, जिसमें सभी गाड़ियों के लिए अलग-अलग प्राइवेट नम्बर दिए जाएंगे। ऐसा संदेश प्राप्त हो जाने पर स्टेशन मास्टर सभी गाड़ियों को ‘‘कन्डीशनल लाइन क्लीयर टिकट’’ के द्वारा चलाएगा। जिसमें पहली गाड़ी सामान्य गति से व बाद वाली गाड़ियाँ 30-30 मिनट के अन्तराल से दृश्यता स्पष्ट व लाइन सीधी होने पर 25 कि.मी.प्र.घ. अन्यथा 10 मि.मी.प्र.घ. की अधिकतम गति से जाएगी। सभी गाड़ियों के लोको पायलट व गार्ड को आगे व पीछे की गाड़ियों की सूचना दी जाएगी। ऐसी परिस्थिति में किसी भी गाड़ी को ब्लाॅक सेक्शन में पुश बैक नहीं किया जाएगा। यदि गाड़ी की सुरक्षा के लिए कुछ दूरी तक पुश बैक करना आवश्यक हो तो जिस सुरक्षित स्थान तक गाड़ी बैक करवानी है वहाँ से पीछे की ओर गार्ड द्वारा 250-500-10 मीटर की दूरी पर पटाखे लगाकर बचाव किया जाएगा व उसके बाद गाड़ी को बैक किया जाएगा।

उपरोक्त विधि से गाड़ियों का संचालन करते समय किसी गाड़ी की दुर्घटना हो जाए, इंजन खराब हो जाए या अन्य किसी कारण से गाड़ी खड़ी हो जाए व आगे बढ़ने मे  असमर्थ हो तो लोको पायलट सीटी द्वारा गार्ड को सूचित करेगा व गार्ड पीछे की ओर जाकर गाड़ी का बचाव करने के लिए किसी भी गेज में 250-500-10 मीटर की दूरी पर पटाखे लगाएगा।

उपरोक्त विधि से गाड़ियों का संचालन दोनों स्टेशन के बीच तब तक किया जाएगा जब तक कि संचार का कोई एक साधन चालू न हो जाए। संचार साधन चालू होने के बाद दोनो  ओर के स्टेशन मास्टर प्राइवेट नम्बर के आदान प्रदान के साथ ‘रेस्टोरेशन मैसेज’ (टीआई-602) में एक दूसरे को अन्तिम आई व गई गाड़ी की जानकारी देंगे व इस बात से संतुष्ट हो जाने के बाद कि ब्लाॅक सेक्शन पूर्ण रूप से साफ है, वे उस उपलब्ध संचार साधन के द्वारा गाड़ियों को सामान्य रूप से चलाएंगे। यदि कन्ट्रोल टेलीफोन चालू हो जाए जाता है तो इस दौरान चलाई गई सभी गाड़ियों की विस्तृत जानकारी कन्ट्रोल को भी देगे।

इस दौरान चलाई गई गाड़ियों का पूर्ण रिकाॅर्ड सुरक्षित रखा जाएगा जिसे संचार व्यवस्था चालू होने के बाद 7 दिनों के अन्दर सेक्शन का परिवहन निरीक्षक आकर चैक करेगा व उसकी रिपोर्ट बनाकर मंडल कार्यालय को भेजेगा।

डबल लाइन सेक्शन पर अस्थाई रूप से सिंगल लाइन कार्य प्रणाली लागू करना

जब किसी डबल लाइन सेक्शन पर गाड़ी या रेलपथ दुर्घटनाग्रस्त हो जाए या किसी लाइन को ब्लाॅक कर दिया जाए और कार्य लम्बे समय तक चलने वाला हो तो उस स्टेशन पर एक तरफ विपरीत दिशा मे  शंटिग लिमिट बोर्ड लगाकर व स्टेशन पर सिंगल लाइन का ब्लाॅक उपकरण लगाकर उस स्टेशन को सिंगल लाइन का स्टेशन बना दिया जाएगा व गाड़ियाँ सिंगल लाइन की तरह से चलाई जाएंगी। परन्तु जब एक लाइन कुछ समय के लिए ब्लाॅक हो जाए तो अस्थाई सिंगल लाइन कार्य प्रणाली के द्वारा निम्न विधि से चलाई जाएंगी:-

जिस लाइन पर गाड़ियों का संचालन करना है वह लाइन साफ व गाड़ियों को चलाने के लिए सुरक्षित होनी चाहिए। यदि आवश्यकता हो इंजीनियरिंग अधिकारी/निरीक्षक से इस बात के लिए लिखित प्रमाण पत्र लिया जाना चाहिए।

सिंगल लाइन कार्य प्रणाली रुकावट के स्थान से दोनो  तरफ नजदीकी ऐसे स्टेशनो  के बीच लागू की जाएगी जहाँ अप व डाउन लाइनो  के बीच क्राॅस ओवर की सुविधा हो। उनकी रास्ते मे  पड़ने वाले ‘सी’ क्लास स्टेशन, आई.बी.पी. या ऐसा कोई स्टेशन जहाँ क्राॅस ओवर की सुविधा नहीं है, उन्हें स्टेशन मास्टर द्वारा प्राइवेट नम्बर के आदान प्रदान के संदेश द्वारा बन्द करवा दिया जाएगा। वहाँ के स्टेशन मास्टर ऐसा संदेश प्राप्त होने के बाद अपने स्टेशन की मेन लाइन सेट करके, फेसिंग पाॅइन्ट को लाॅक करके, सम्बन्धित सिगनलों के लीवरों/बटनों पर स्टाॅप काॅलर लगाकर व ब्लाॅक उपकरण को ट्रेन आॅन लाइन स्थिति में करके/ब्लाॅक उपकरण को तालित करके प्राइवेट नम्बर के आश्वासन सहित संदेश देंगे कि उन्होने अपने स्टेशन को अस्थाई रूप से बन्द कर दिया है।
  • उन दोनो  स्टेशनो  के बीच यदि कोई ट्रेप पाॅइन्ट कहीं पर भी पड़ता हो तो उसे सही लगाकर उसे स्पाइक कर दिया जाएगा। क्राॅस ओवर पाॅइन्ट को आवश्यकतानुसार क्लैम्प किया जाएगा।
  • सही दिशा मे  जाने वाली गाड़ी के लिए अन्तिम रोक सिगनल व विपरीत दिशा मे  जाने वाली गाड़ी के लिए सभी सिगनलों को आॅन स्थिति मे  रखा जाएगा। यदि बीच मे  किसी स्टेशन को अस्थाई रूप से बन्द किया गया हो तो उसके सभी रोक सिगनलों को आॅन स्थिति में पार करने की अनुमति लिखित प्राधिकार के अन्तर्गत पिछले स्टेशन से ही दी जाएगी।
  • सिंगल लाइन कार्यप्रणाली के अन्तर्गत गाड़ियाँ चलाने से पूर्व जिस स्टेशन मास्टर को गाड़ी चलानी है, वह दूसरे सिरे के स्टेशन मास्टर को प्राइवेट नम्बर के आदान प्रदान के साथ एक संदेश देगा जिसमे  निम्नलिखित बाते  बताई जाएंगी:
  1. सिंगल लाइन प्रारम्भ करने का कारण
  2. किस लाइन पर गाड़ियों का संचालन किया जाएगा
  3. लाइन साफ होने का प्रमाण पत्र संख्या व उसे जारी करने वाले का पदनाम
  4. रुकावट का स्थान किलोमीटर नम्बर सहित
  5. गति प्रतिबन्ध, यदि कोई हो
  6. उन स्टेशनो  के नाम जिन्हें अस्थाई रूप से बन्द कर दिया गया हो
  7. रास्ते मे  पड़ने वाले ट्रेप पाॅइन्टो  को सेट तथा तालित करके स्पाइक कर दिया गया है इस बात का आश्वासन
  8. सही दिशा मे  जाने वाली गाड़ियों के लिए अन्तिम रोक सिगनल तथा विपरीत दिशा मे  जाने वाली गाड़ियों के लिए सभी सिगनलों को आॅन स्थिति में रखने का आश्वासन
  9. सेक्शन मे  आई व गई हुई अन्तिम गाड़ी का नम्बर व समय
  10. दोनो  तरफ के स्टेशन मास्टर अपने अपने स्टेशन के ब्लाॅक उपकरण को सस्पेन्ड (निलम्बित) कर देंगे तथा ब्लाॅक उपकरण पर ब्लाॅक सस्पेन्ड का प्ला कार्ड लगा दिया जाएगा। गाड़ियों का लाइन क्लीयर उपलब्ध अन्य अनुमोदित साधन द्वारा प्राप्त किया जाएगा।
सही दिशा (त्पहीज कपतमबजपवद) मे  जाने वाली गाड़ियों का संचालन -
सही दिशा मे  जाने वाली गाड़ियों के लोको पायलट को स्टेशन मास्टर द्वारा प्राधिकार के रूप में टीडी-602 जारी किया जाएगा जिसके अन्तर्गत पेपर लाइन क्लीयर टिकट, सतर्कता आदेश व प्रस्थान सिगनलों को आॅन स्थिति मे  पार करने के प्राधिकार शामिल हैं। पेपर लाइन क्लीयर टिकट के द्वारा लोको पायलट को उस स्टेशन तक जाने की अनुमति दी जाएगी जहाँ तक सिंगल लाइन कार्यप्रणाली चल रही है, सतर्कता आदेश के द्वारा लोको पायलट को विभिन्न प्रकार की सूचनाएं दी जाएंगी जिनका उल्लेख नीचे किया गया है व सिगनल आॅन स्थिति मे  पार करने की अनुमति के अन्तर्गत उस स्टेशन के प्रस्थान सिगनल व रास्ते मे  बन्द किए गए 

स्टेशन के सभी सिगनलों को आॅन स्थिति में पार करने की अनुमति दी जाएगी।

सही दिशा मे जाने वाली गाड़ी का लोको पायलट ब्लाॅक सेक्शन में पूर्ण सावधानी रखते हुए जाएगा। रुकावट के स्थान से गुजरते समय यदि कोई गति प्रतिबन्ध लागू किया गया हो तो उसका पालन करेगा तथा 00000000 (छोटी-छोटी) सीटी का उपयोग करेगा। रास्ते मे  कोई स्टेशन बन्द किया गया हो तो वहाँ टाइम टेबल के अनुसार गाड़ी का स्टाॅपेज हो तो रुकना चाहिए अन्यथा स्टेशन मास्टर के साथ आॅल राइट सिगनल मिलाते हुए रनिंग थ्रू गुजरेगा। अगले स्टेशन पर उस गाड़ी को स्टेशन मास्टर द्वारा आगमन सिगनलों को आॅफ करके रिसीव किया जाएगा।

विपरीत दिशा  मे  जाने वाली गाड़ियों का संचालन -

विपरीत दिशा मे  जाने वाली गाड़ियों के लोको पायलट को स्टेशन मास्टर द्वारा प्राधिकार के रूप मे टीडी-602 व टी-511 जारी किया जाएगा व गाड़ी को सक्षम रेल कर्मचारी द्वारा स्टेशन के अन्तिम पाॅइन्ट तक पायलट किया जाएगा। लोको पायलट अपने इंजन की फ्लेशर लाइट ब्लाॅक सेक्शन मे  लगातार चालू रखकर चलेगा अन्यथा स्टेशन मास्टर या गेटमेन या गैंगमेन ऐसी गाड़ी को खतरे का हाथ संकेत दिखाकर रोक देगा। टीडी-602 के अन्तर्गत पेपर लाइन क्लीयर टिकट, सतर्कता आदेश व प्रस्थान सिगनलों को आॅन स्थिति में पार करने के प्राधिकार शामिल हैं। पेपर लाइन क्लीयर टिकट के द्वारा लोको पायलट को उस स्टेशन तक जाने की अनुमति दी जाएगी जहाँ तक सिंगल लाइन कार्यप्रणाली चल रही है, सतर्कता आदेश के द्वारा लोको पायलट को विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ दी जाएंगी जिनका उल्लेख नीचे किया गया है व सिगनल आॅन स्थिति मे  पार करने की अनुमति को काट दिया जाएगा क्योंकि विपरीत दिशा में जाने वाली गाड़ी के लिए कोई गवर्निग सिगनल नहीं होता है।

विपरीत दिशा में जाने वाली गाड़ी के लोको पायलट को ब्लाॅक सेक्शन में पूर्ण सावधानी रखते हुए जाएगा। रुकावट के स्थान से गुजरते समय यदि कोई गति प्रतिबन्ध लागू किया गया हो तो उसका पालन करेगा व सीटी का उपयोग करेगा। रास्ते में कोई स्टेशन बन्द किया गया हो तो वहाँ टाइम टेबल के अनुसार गाड़ी का स्टाॅपेज हो तो रुकना चाहिए अन्यथा स्टेशन मास्टर के साथ आॅल राइट सिगनल मिलाते हुए रनिंग थ्रू गुजरेगा। स्टेशन मास्टर से सतर्कता आदेश में प्राप्त समपार फाटक एवं न्यूट्रल सेक्शन की सूचना के अनुसार पालन करना चाहिए और अगले स्टेशन पर उसी लाइन का विपरीत दिशा का अन्तिम रोक सिगनल या पासवाली लाइन का प्रथम रोक सिगनल दोनों में से जो पहले आए वहाँ गाड़ी को रोका जाना चाहिए व वहाँ से सक्षम रेल कर्मचारी के द्वारा लोको पायलट को टी-510 का प्राधिकार देकर स्टेशन तक पायलट करके गाड़ी को लिया जाएगा।

उपरोक्त दोनों दिशाओं मे  संचालित होने वाली गाड़ियों के लोको पायलट को सतर्कता आदेश के माध्यम से विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ दी जाएंगी, जो निम्नलिखित है -

कौन सी लाइन पर सिंगल लाइन कार्यप्रणाली चल रही है
रुकावट का स्थान (किलोमीटर नम्बर सहित)
रुकावट के स्थान पर कोई गति प्रतिबन्ध, यदि लागू किया गया हो
रास्ते मे  यदि कोई ट्रेप पाॅइन्ट पड़ता हो तो उसे सही सेट व स्पाइक करने का आश्वासन
पहली गाड़ी को रास्ते के सभी गेटमैन व गैंगमैनों को सूचना देते हुए पूरे ब्लाॅक सेक्शन में 25 कि.मी.प्र.घ. का गति प्रतिबन्ध
विपरीत दिशा मे  जाने वाली गाड़ियों के लिए न्यूट्रल सेक्शन व समपार फाटको  के किलोमीटर सहित सूचना

नोटः- सेक्शन मे  जाने वाली पहली गाड़ी यदि ।त्ज्ध्।त्डम् हो और वह दुर्घटना स्थल पर कार्य करने जा रही हो तो कन्ट्रोलर से सलाह करके सामान्य गति से भेजा जा सकता है। ऐसे मे  उसके बाद वाली गाड़ी द्वारा सेक्शन के गेटमैनों व गैंगमैनों को सूचना दिलवाई जाएगी।

दोनो  दिशाओं से चलने वाली गाड़ियों को स्टेशन पर रिसीव करने के लिए यदि सही दिशा मे  सिगनल आॅफ न हो  या विपरीत दिशा मे  सक्षम रेल कर्मचारी टी-510 देने के लिए उपलब्ध न हो तो लोको पायलट लगातार लम्बी सीटी बजाकर स्टेशन कर्मचारियो  का ध्यान आकर्षित करेगा व उसके बाद नियम सं. 4.44 के अनुसार स्टेशन को सूचना देने व बचाव करने की कार्यवाही की जाएगी।

इस प्रकार गाड़ियों का संचालन करते समय यदि किसी गाड़ी की दुर्घटना हो जाए या लाइन पर किसी प्रकार की रुकावट आ जाए या इंजन खराब होने के कारण या अन्य किसी भी कारण से गाड़ी आगे बढ़ने मे  असमर्थ हो तो गाड़ी का बचाव नियम सं. 6.03 के अनुसार उसी लाइन पर दोनो  ओर से किया जाएगा।

इसी प्रकार दोनो  दिशाओं से गाड़ियाँ तब तक चलती रहेंगी जब तक कि दूसरी लाइन के साफ हो जाने का लिखित प्रमाण पत्र प्राप्त न हो जाए। प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद स्टेशन मास्टर दूसरी ओर के स्टेशन मास्टर को बताएगा व प्राइवेट नम्बर के साथ एक संदेश का आदान प्रदान करेगे जिसमे  अन्तिम आई व गई गाड़ी के बारे में एक दूसरे को बताएंगे। जब ब्लाॅक से क्शन साफ होने की पुष्टि हो जाए तब रास्ते के बन्द किए गए स्टेशनो  के स्टेशन मास्टरो  को प्राइवेट नम्बर के साथ वापस स्टेशन को चालू करने की सूचना दी जाएगी जिसके आधार पर उन स्टेशनों के स्टेशन मास्टर अपने अपने ब्लाॅक उपकरणे  को सामान्य स्थिति में करेंगे। ट्रेप पाॅइन्टो  को स्पाइक को हटा दिया जाएगा एवं क्राॅस ओवर पर लगाए गए क्लैम्पो  को खोल दिया जाएगा। ये सब करने के बाद गाड़ियाँ सामान्य रूप से चलाई जाएंगी।
सेक्शन में जाने वाली पहली गाड़ी को रोककर उसके लोको पायलट को रास्ते मे  पड़ने वाले गेटमैन व गैंगमैन को डबल लाइन पुन चालू होने संबंधी सूचना देने हेतु सतर्कता आदेश जारी किया जाएगा।
सेक्शन का परिवहन निरीक्षक 7 दिनों मे स्टेशन पर आकर सभी रिकाॅर्ड की जाँच करेगा व इसकी रिपोर्ट मंडल कार्यालय को भेजेगा।

गाड़ी विभाजन

इसका अभिप्राय किसी गाड़ी की चलती हुई स्थिति मे  विभाजन हो जाने से है जो कि कपलिंग खुलने या टूटने के कारण हेाता है। ऐसी परिस्थिति मे  निम्नलिखित कार्यवाही की जाएगी -

जब किसी गाड़ी के लोको पायलट को गाड़ी संचालन के दौरान यह पता चले कि उसकी गाड़ी का विभाजन हो गया है तो वह इस बात की सूचना अपनी गाड़ी के गार्ड केा देने के लिए

- 0 - 0 (लम्बी छोटी लम्बी छोटी) सीटी बजाएगा जब तक कि गार्ड इसकी पावती दिन मे  हरी झंडी व रात के समय सफेद बत्ती को सिर से पैर तक ऊपर नीचे हिलाकर न दे दे। यदि गाड़ी विभाजन की जानकारी पहले गार्ड को हो जाए तो वह उपरोक्त हैंड सिगनल लोको पायलट को तब तक दिखाएगा जब तक कि लोको पायलट - 0 - 0 (लम्बी छोटी लम्बी छोटी) सीटी बजाकर इसकी पावती न दे।

लोको पायलट अपने अगले भाग को जहाँ तक संभव हो आगे की ओर चलाने का प्रयास करेगा, जब तक कि यह सुनिश्चित न हो जाए कि पिछला भाग रुक गया है  इस बीच वह पीछे की ओर सतर्क निगाहो  से देखता रहेगा ताकि पीछे के भाग को आगे के भाग से टकराने से बचाया जा सके। गार्ड अपने पीछे के भाग को रोकने के लिए  ब्रेकवान से हैंड ब्रेक लगाएगा व पिछला भाग रुक जाता है तो लोको पायलट को लाल झंडी/बत्ती दिखाकर रोकेगा या पीछे की ओर गाड़ी मे  यदि बैकिंग इंजन लगा हुआ हो तो उसका लोको पायलट पीछे के भाग को तुरन्त ब्रेक लगाकर रोक देगा।

जब लोको पायलट देखता है कि पिछला भाग रुक गया है तो वह अपने आगे के भाग को भी रोक देगा एव  उसके बाद सहायक लोको पायलट आगे व गार्ड पीछे से यह देखने जाएंगे कि गाड़ी का विभाजन किस कारण से हुआ है। उसके पश्चात् वे निम्न कार्यवाही करेगे:-

यदि कपलिंग खुल गया है और उसे जोड़ा जा सकता है तो वे कपलिंग जोड़कर वैक्यूम/ एयर प्रेशर आने पर गाड़ी रवाना करके ब्लाॅक सेक्शन साफ कर देंगे।

यदि कपलिंग टूट गया हो और उसे जोड़ना संभव न हो तो मजबूरीवश उस गाड़ी को दो भागों में ही स्टेशन पर ले जाना पड़ेगा। ऐसे में स्वेच्छापूर्वक गाड़ी विभाजन (गाड़ी का भाग ब्लाॅक सेक्शन में छूट जाना) के नियमों का पालन करेंगे जिसका उल्लेख आगे किया गया है।

यदि लोको पायलट अगले भाग को रोकने से पूर्व अगले स्टेशन के नजदीक पहुँच जाता है तो वह उस स्टेशन के आगमन सिगनलों का पालन करते हुए स्टेशन पर पहुँचेगा एव  गाड़ी विभाजन की सूचना - 0 - 0 सीटी बजाकर देगा। यदि उसके पास कोई वस्तुरूपी प्रस्थान आदेश है तो वह स्टेशन मास्टर को तब तक नहीं सौंपेगा जब तक कि शेष भाग भी उस स्टेशन पर नहीं पहुँच जाए। यदि लोको पायलट द्वारा गलती से प्रस्थान आदेश स्टेशन मास्टर को सौंप भी दिया जाए तो वह उसे तब तक अपने पास सुरक्षित रखेगा जब तक कि शेष भाग उस स्टेशन पर सुरक्षित न पहुँच जाए।

स्टेशन मास्टर को गाड़ी विभाजन की सूचना मिलते ही वह इसकी सूचना पिछले स्टेशन को निर्धारित ब्लाॅक उपकरण के बेल कोड (000000 पाॅस 000) द्वारा देगा। फिर दोनों स्टेशन के स्टेशन मास्टर उस विभाजित शेष भाग को अपने स्टेशन पर सुरक्षित रूप से लेने के लिए कार्यवाही करेगे।

यदि मान लें कि किसी सेक्शन में तीन स्टेशन ‘अ’, ‘ब’ व ‘स’ हैं। यदि कोई गाड़ी स्टेशन ‘ब’ से रनिंग थ्रू जा रही हो और आॅल राइट मिलाते समय स्टेशन मास्टर को यह पता चले कि उसका विभाजन हो गया है तो वह लोको पायलट का ध्यान आकर्षित करने के लिए गाड़ी विभाजन का हैंड सिगनल दिन में हरी झंडी व रात के समय सफेद बत्ती जितना संभव हो उतना ऊपर से नीचे की ओर हिलाकर दिखाएगा एवं इसकी सूचना स्टेशन ‘अ’ व ‘स’ दोनों को देगा।

पिछले स्टेशन को ‘ट्रेन आउट आॅफ सेक्शन’ का संकेत नहीं देगा। स्टेशन मास्टर उस विभाजित भाग को अपने स्टेशन पर सुरक्षित रूप से लेने के लिए निम्नलिखित कार्यवाही करेगें -

लुढकते हुए भाग के रास्ते मे  पटरी पर रेती, गिट्टी इत्यादि डलवाएंगे (यदि इंजीनियरिंग गैंग आसपास हो तो उसकी मदद से)।

विभाजित भाग को स्टेशन की किसी खाली लाइन जो रेतीले डेड एण्ड मे  समाप्त होती हो, उस पर लेंगे।
पाॅइट को स्लिप या कैच साइडिंग के लिए लगाएंगे, यदि स्टेशन पर हो तो।
यदि अगला ब्लाॅक सेक्शन साफ हो तो पाॅइन्ट ब्लाॅक सेक्शन की ओर लगाकर छोड़ देंगे।
उपरोक्त कार्यवाही करने के बाद स्टेशन मास्टर उस विभाजित भाग को अपने स्टेशन पर आने का इन्तजार करेगे। डबल लाइन का सेक्शन हो तो स्टेशन मास्टर पास वाली लाइन पर किसी भी गाड़ी को नहीं भेजेगा। जब तक शेष भाग के सुरक्षित रूप से लाइन पर खड़े होने का पता न लग जाए।
उधर ब्लाॅक सेक्शन में गार्ड अपने पीछे वाले भाग को हैंड ब्रेक लगाकर रोकेगा। उसके पश्चात्उ से यह पता चले कि लोको पायलट अगला भाग लेकर स्टेशन की ओर चला गया है तो वह अपने शेष भाग की सुरक्षा के लिए उसके 1/3 भाग के डिब्बों के हैंड ब्रेक लगा देगा एवं उस विभाजित भाग का बचाव दोनो  ओर से नियम संख्या 6.03 के अनुसार ब्राॅडगेज मे  600-1200-10-10 मीटर पर तथा मीटरगेज/नेरोगेज मे  400-800-10-10 मीटर की दूरी पर पटाखे लगाकर करेगा। इसके पश्चात् वह पीछे की ओर जाकर आखरी पटाखे से 45 मीटर की दूरी पर खतरे का हैड सिगनल लेकर खड़ा रहेगा।
उस सेक्शन में चलने वाली सबसे धीमी मालगाड़ी के रनिंग टाइम एवं 30 मिनट तक दोनों स्टेशन मास्टर उस शेष भाग के आने का इन्तजार करेंगे। यदि इतने समय में भी शेष भाग दोनों में से किसी भी स्टेशन पर नहीं पहुँचता है तो मान लिया जाएगा कि वह रास्ते में कहीं रुक गया है।
उस शेष भाग को लाने हेतु स्टेशन मास्टर लाइट इंजन को भेजेगा व उसके लोको पायलट को प्राधिकार के रूप मे  टीए-602 का प्राधिकार देगा। इस प्राधिकार के आधार पर लोको पायलट ब्लाॅक सेक्शन मे  सावधानीपूर्वक जाएगा व गार्ड द्वारा लगाए गए पटाखे फोड़ने के बाद या शेष भाग को देखकर अपने इंजन को उसके पास ले जाकर रोकेगा। गार्ड को बुलाने के लिए एक लगातार लम्बी सीटी बजाएगा। गार्ड सीटी सुनकर आखरी तीन पटाखों को वहीं लाइन पर लगा हुआ छोड़कर वापस आते समय 400 मीटर या 600 मीटर पर लगा पटाखा उठाकर अपने लोड पर आ जाएगा। गार्ड के सुपरविजन मे  इंजन को लोड से जोड़ा जाएगा, सभी ब्रेक पाइप आदि जोड़ दिए जाएंगे। इंजन को जोड़ने से पूर्व सुरक्षा चैन व वुडन वैजेस यदि लगाए गए है  तो उन्हें हटा दिया जाएगा। इंजन में पर्याप्त वैक्यूम/एयर प्रेशर आ जाने के बाद लोको पायलट अपना ए-9 द्वारा गाड़ी में ब्रेक लगाएगा। इसके पश्चात् हैंड ब्रेकों को खोल दिया जाएगा। जब गाड़ी चलने के लिए तैयार हो जाए तो लोको पायलट गार्ड से आॅल राइट लेकर रवाना होगा व अगले स्टेशन के आगमन सिगनलों का पालन करते हुए स्टेशन पर पहुँचेगा।
अगले स्टेशन पहुँचकर लोको पायलट व गार्ड दोनो  स्टेशन मास्टर कार्यालय मे  जाकर ट्रेन सिगनल रजिस्टर के रिमार्क काॅलम मे  हस्ताक्षर करके यह प्रमाणित करेगे कि ब्लाॅक सेक्शन पूरी तरह साफ व गाड़ियों के संचालन के लिए सुरक्षित है।

चढ़ाई पर गाड़ी पूर्ण लोड के साथ न चढ़ पाए तो ब्लाॅक सेक्शन साफ करने की कार्यवाही (स्वेच्छापूर्वक गाड़ी विभाजन)

जब किसी मालगाड़ी का लोको पायलट अपनी गाड़ी के पूरे लोड को किसी कारण से चढ़ाई वाले सेक्शन पर खींचने में असमर्थ हो तो वह अपनी गाड़ी को जहाँ तक संभव हो किसी सुरक्षित स्थान पर खड़ी करने के बाद 0000 (चार छोटी) सीटी बजाकर गार्ड को इस बात की सूचना देगा कि गाड़ी आगे जाने में असमर्थ है। जिसकी पावती गार्ड दिन मे  लाल झंडी व रात के समय लाल बत्ती दिखाकर देगा। इसके बाद निम्नलिखित कार्यवाही की जाएगी -

गाड़ी की सुरक्षा:

गाड़ी लुढ़ककर कोई दुर्घटना न कर दे इसलिए लोको पायलट व गार्ड उसकी सुरक्षा हेतु निम्न कार्यवाही करेगे -

लोको पायलट तुरन्त अपने इंजन से ए-9, एसए-9 व हैंड ब्रेक लगा देगा तथा अपने सहायक लोको पायलट की मदद से इंजन के पीछे कम से कम 10 वैगनों के हैंड ब्रेक लगवा देगा।
गार्ड अपने ब्रेकवान के हैंड ब्रेक लगाने के बाद नीचे उतरकर संरक्षा चैन व वुडन वैजेस, यदि उपलब्ध हो , का उपयोग करेगा व फिर ब्रेकवान के अन्दर कम से कम वैक्यूम की गाड़ी मे  5 वैगनों के व एयर ब्रेक की गाड़ी के मामले मे  10 वैगनो  के हैंड ब्रेक लगाएगा।

गाड़ी का बचाव:

गार्ड इसके बाद लाल झंडी को ब्रेकवान के साइड के साॅकिट मे  फंसाकर या रात के समय साइड लैम्प को लोको पायलट की ओर लाल दिखता हुआ करके पीछे की ओर जाएगा व नियम संख्या 6.03 के अनुसार लाइन पर ब्राॅडगेज मे  600-1200-10-10 मीटर तथा मीटरगेज/नेरोगेज मे  400-800-10-10 मीटर की दूरी पर पटाखे लगाकर बचाव करेगा। बचाव करने के पश्चात् गार्ड वापस आएगा व आते समय अपने द्वारा लगाया गया बीच का पटाखा (600 मीटर या 400 मीटर) उठा लेगा। गाड़ी पर पहुँचकर लोको पायलट से मिलेगा व गाड़ी आगे न जाने का कारण जानेगा।

ब्लाॅक सेक्शन साफ करने हेतु कार्यवाही:

जब गार्ड यह जान लेगा कि गाड़ी पूरे लोड के साथ चढ़ाई पर नहीं चढ़ सकती तो वह निम्न मे  से कोई एक विधि द्वारा ब्लाॅक सेक्शन साफ करवाने हेतु आगे की कार्यवाही करेगा। -

सहायता इंजन के द्वारा - गार्ड उपलब्ध साधन मे से किसी भी एक संचार साधन द्वारा इस परिस्थिति से कन्ट्रोल व स्टेशन मास्टर को अवगत कराएगा व कन्ट्रोल से सहायता इंजन की माँग करेगा ताकि उसकी मदद से ब्लाॅक सेक्शन को साफ किया जा सके।

यदि सहायता इंजन भेजने का आश्वासन कन्ट्रोल या स्टेशन मास्टर द्वारा दिया जाता है तो गार्ड पुनः पीछे की ओर जहाँ उसने बचाव किया था, उसके आखरी पटाखे से 45 मीटर दूर जाकर खतरे का हैंड सिगनल बताते हुए खड़ा रहेगा। इसी प्रकार लोको पायलट अपने सहायक लोको पायलट को भी पटाखे देकर आगे की ओर बचाव करने हेतु भेजेगा जो कि

गार्ड की तरह ही नियम सं. 6.03 के अनुसार बचाव करके आखरी पटाखे से 45 मीटर दूर खड़ा रहेगा। गार्ड व सहायक लोको पायलट दोनों सहायता इंजन के आने का इंतजार करेगे। जब सहायता इंजन आता हुआ दिखाई दे तो लाल दिखाते हुए उसे रोककर पटाखे उठा लेंगे व इंजन को पायलट करते हुए गाड़ी तक ले आएंगे।

गार्ड को बुलाने के लिए लगातार लम्बी सीटी बजाई जाएगी जिसे सुनकर गार्ड अपने अन्तिम लगे हुए तीनों पटाखे (ब्राॅडगेज 1200-10-10 व मीटरगेज/नेरोगेज 800-10-10 मीटर) वहीं छोड़ देगा व गाड़ी पर आएगा। गार्ड के सुपरविजन में इंजन को लोड से जोड़ा

जाएगा, सभी ब्रेक पाइप आदि जोड़ दिए जाएंगे। इंजन को जोड़ने से पूर्व सुरक्षा चैन व वुडन वैजेस यदि लगाए गए हैं तो उन्हें हटा दिया जाएगा। इंजन मे  पर्याप्त वैक्यूम/एयर प्रेशर आ जाने के बाद लोको पायलट अपना ए-9 द्वारा गाड़ी मे  ब्रेक लगाएगा। इसके पश्चात् हैंड ब्रेको  को खोल दिया जाएगा। जब गाड़ी चलने के लिए तैयार हो जाए तो लोको पायलट गार्ड से आॅल राइट लेकर रवाना होगा व अगले स्टेशन के आगमन सिगनलो  का पालन करते हुए स्टेशन पर पहुँचकर ब्लाॅक सेक्शन साफ कर देंगे।

नोटः- आने वाला सहायता इंजन टीए-602 के प्राधिकार पर 15/10 कि.मी.प्र.घ. की अधिकतम गति से आएगा जिसे रुकावट के किलोमीटर की जानकारी भी दी जाएगी।

स्वेच्छापूर्वक गाड़ी विभाजन द्वारा:

जब कन्ट्रोल सहायता इंजन देने मे  असमर्थ हो या किसी भी साधन द्वारा बातचीत न हो पाए तो लोको पायलट व गार्ड मिलकर यह निर्णय लेंगे कि स्वेच्छापूर्वक गाड़ी विभाजन द्वारा ब्लाॅक सेक्शन साफ किया जाए। इस हेतु वे निम्न कार्यवाही करेंगे -

गार्ड द्वारा लोको पायलट से जितना लोड वह आसानी से अपने इंजन द्वारा खींच सकता है वह लिखवाकर ले लेगा व उसके आधार पर यह सुनिश्चित करेगा कि जो भाग लोको पायलट छोड़कर जाएगा उस भाग की सुरक्षा के लिए उसके कम से कम

1/3 भाग के हैंड ब्रेक लगे होने चाहिए। यदि वे पर्याप्त न हो  तो आवश्यकतानुसार और हैड ब्रेक लगाए जाएंगे। दोनो भागो  को अलग-अलग करने से पूर्व गार्ड टी-609 का प्राधिकार बनाएगा जिसमे  ऐसा करने का कारण दर्शाते हुए आगे के भाग मे  कितनी यूनिट है, विभाजन किन किन स्टेशनो  के बीच किस किलोमीटर पर किया गया है, अन्तिम वाहन का नम्बर व मालिक रेलवे कौन सी है तथा वापसी में दूसरे भाग को ले जाने के लिए किसी प्रकार की वस्तु या सहायता की आवश्यकता हो तो वह भी लिखकर देगा।

उपरोक्त प्राधिकार लोको पायलट को देने के बाद लोको पायलट के पास यदि कोई वस्तुरूपी प्रस्थान आदेश (टोकन/टेबलेट) हो तो वह गार्ड उससे लेकर अपने पास रख लेगा। तत्पश्चात् दोनो  भागो  के कपलिंग को खोलकर अलग किया जाएगा। एयर ब्रेक की गाड़ी हो तो पिछले भाग के आगे के ब्रेकपाइप एंगल काॅक को खुला रखा जाएगा ताकि शेष भाग में ब्रेक लग जाएं।

आगे के भाग के अन्तिम वाहन के पीछे टेल लैम्प/टेल बोर्ड नहीं लगाया जाएगा। ऐसा विभाजन रात के समय या जब दृश्यता अस्पष्ट के समय किया गया हो तो आगे वाले भाग को रवाना करने से पूर्व गार्ड लोको पायलट से उसका हैंड सिगनल लैम्प (यदि संभव हो ) माँग लेगा व आगे वाले भाग के रवाना होने के बाद शेष भाग के आगे लाल करके रख देगा। ऐसी परिस्थिति मे  उस शेष भाग का गार्ड द्वारा आगे से भी उपरोक्त विधि से पटाखे लगाकर बचाव किया जाएगा। इसके पश्चात् गार्ड दुबारा पीछे की ओर जहाँ उसने पहले बचाव किया था, उसके आखरी पटाखे से 45 मीटर दूर जाकर खतरे का हैड सिगनल दिखाते हुए खड़ा रहेगा।

लोको पायलट आगे वाले भाग के साथ स्टेशन की ओर जाते समय - 0 - 0 (लम्बी छोटी लम्बी छोटी) सीटी बजाते हुए जाएगा और सिगनलों का पालन करते हुए स्टेशन मे प्रवेश करेगा। यदि पहले ब्लाॅक केबिन पड़ती हो तो वहाँ रुककर सूचित करेगा कि गाड़ी का आधा भाग ब्लाॅक सेक्शन में ही है, अतः ब्लाॅक सेक्शन को बन्द न किया जाए। इसके पश्चात् स्टेशन पहुँचकर या जब पहले ब्लाॅक केबिन न हो तो सीधा स्टेशन पहुँचकर स्टेशन को गार्ड द्वारा दिया गया प्राधिकार सौप देगा।

स्टेशन मास्टर उस भाग को प्राधिकार के आधार पर चैक करेगा व पूर्ण होने पर उसे यार्ड में रखकर शेष भाग को लाने हेतु लाइट इंजन को तुरन्त ब्लाॅक सेक्शन मे  भेजेगा। लोको पायलट को पुनः ब्लाॅक सेक्शन मे  जाने हेतु प्राधिकार के रूप मे  उसी टी-609 के प्राधिकार पर हस्ताक्षर करके व मुहर लगाकर देगा। डबल व मल्टीपल लाइन सेक्शन हो और स्टेशन पर अप व डाउन लाइनों के बीच क्राॅसओवर की सुविधा हो तो स्टेशन मास्टर लिखित मे  इस बात का आश्वासन देगा कि जब तक लोको पायलट दूसरे लोड को लेकर स्टेशन पर नहीं आ जाएगा तब तक वह उस क्राॅसओवर के पाॅइन्ट को नहीं बदलेगा। गार्ड द्वारा दूसरे भाग को लाने हेतु किसी वस्तु या सहायता की माँग की गई हो तो वह लोको पायलट को दी जाएगी।

लोको पायलट ब्लाॅक सेक्शन मे  जाते समय सतर्क रहेगा व पटाखे फूटने पर या दिन के समय दृश्यता साफ होने पर उसे किलोमीटर का ज्ञान है वहाँ पहुँचकर अपने लोड के पास लाइट इंजन को रोककर गार्ड को बुलाने के लिए लगातार लम्बी सीटी बर्जाइ जाएगी जिसे सुनकर गार्ड अपने अन्तिम लगे हुए तीनों पटाखे (ब्राॅडगेज 1200-10-10 व मीटरगेज/नेरोगेज 800-10-10 मीटर) वहीं छोड़ देगा व गाड़ी पर आएगा। गार्ड के सुपरविजन में इंजन को लोड से जोड़ा जाएगा, सभी ब्रेक पाइप आदि जोड़ दिए जाएंगे। इंजन को जोड़ने से पूर्व सुरक्षा चैन व वुडन वैजेस यदि लगाए गए हैं तो उन्हें हटा दिया जाएगा। इंजन मे  पर्याप्त वैक्यूम/एयर प्रेशर आ जाने के बाद लोको पायलट अपना ए-9 द्वारा गाड़ी में ब्रेक लगाएगा। इसके पश्चात् हैंड ब्रेकों को खोल दिया जाएगा। जब गाड़ी चलने के लिए तैयार हो जाए तो लोको पायलट गार्ड से आॅल राइट लेकर रवाना होगा व अगले स्टेशन के आगमन सिगनलों का पालन करते हुए स्टेशन पर पहुँचकर ब्लाॅक सेक्शन साफ कर देंगे।

आगमन सिगनलों का पालन करते हुए लोको पायलट शेष भाग के साथ स्टेशन पहुँचेगा व लोको पायलट तथा गार्ड दोनो  स्टेशन मास्टर कार्यालय मे  जाकर गाड़ी सिगनल रजिस्टर के टिप्पणी काॅलम मे  हस्ताक्षर करके यह प्रमाणित करेगे कि ब्लाॅक सेक्शन साफ व गाड़ियों के संचलन के लिए सुरक्षित है। इसके पश्चात् गार्ड के पास जो टोकन/टेबलेट (यदि हो तो) है, वह स्टेशन मास्टर को सौंप देगा। स्टेशन मास्टर उसे ब्लाॅक उपकरण मे  जमा करते हुए ‘ट्रेन आउट आॅफ सेक्शन’ संकेत दे देगा।

नोटः- जहाँ तक संभव हो, गाड़ी के दोनों भाग एक ही ब्लाॅक स्टेशन पर ले जाए जाएंगे। आपातकालीन परिस्थितियों में वरि.मं.परि.प्रबं./मं.परि.प्रबं. की अनुमति से अलग-अलग स्टेशनों पर भी ले जाए जा सकते हैं। ऐसे मे  यदि लाइट इंजन दूसरी ओर के स्टेशन से आता है तो उसके लोको पायलट को शेष भाग किस किलोमीटर पर है यह बताते हुए टीए-602 का प्राधिकार जारी किया जाएगा जिसमें ब्लाॅक सेक्शन कहाँ साफ करना है, इसकी भी जानकारी दी जाएगी।

पुश बैक के द्वारा:

वर्किंग टाइम टेबल या विशेष आदेशों के द्वारा जिन खतरनाक सेक्शनों में गाड़ी का विभाजन करने की अनुमति नहीं दी हुई हो व सहायता इंजन नहीं मिल पा रहा हो तो ऐसी परिस्थिति मे  पूरी गाड़ी को पुश बैक के नियमो  के द्वारा पिछले स्टेशन ले जाकर ब्लाॅक सेक्शन साफ किया जाएगा।

ब्लाॅक सेक्शन से गाड़ी को पुश बैक करना

जब कोई गाड़ी दुर्घटना अथवा अन्य किसी कारणवश ब्लाॅक सेक्शन में खड़ी हो जाए व आगे बढ़ने में असमर्थ हो तो गाड़ी का लोको पायलट गाड़ी की सुरक्षा करके 0000 (चार छोटी) सीटी बजाकर गार्ड को सूचित करेगा। जिसकी पावती गार्ड दिन के समय लाल झंडी व रात के समय लाल बत्ती दिखाकर देगा। तत्पश्चात् गार्ड गाड़ी की सुरक्षा हेतु ब्रेकवान के हैंड ब्रेक, संरक्षा चैन, वुडन वैजेस, डिब्बो  के हैंड ब्रेक आदि लगाकर पीछे की ओर से गाड़ी का बचाव करने जाएगा व नियम सं. 6.03 के अनुसार ब्राॅडगेज मे  600-1200-10-10 व मीटरगेज/ नेरोगेज में 400-800-10-10 मीटर पर पटाखे लगाकर बचाव करेगा। बचाव के बाद वह वापस लौटते समय बीच वाला 600 मीटर या 400 मीटर वाला पटाखा उठा लेगा।

गार्ड गाड़ी पर पहुँचकर लोको पायलट से मिलेगा व गाड़ी आगे न जाने का कारण लिखित में लेगा। इसके पश्चात् दोनों आपस मे  सलाह करने के बाद यदि इस निर्णय पर पहुँचते है  कि गाड़ी को पुश बैक करके पिछले स्टेशन पर ले जाया जाए तो यदि संभव हो तो स्टेशन मास्टर को उपलब्ध साधन द्वारा सूचना देने के बाद गार्ड लोको पायलट को लिखित मीमो द्वारा गाड़ी पुश बैक करने हेतु प्राधिकृत किया जाएगा। जिसमें गार्ड के हैंड सिगलनो  पर अधिकतम 8 कि. मी.प्र.घ. की गति से गाड़ी बैक करने की अनुमति दी जाएगी।

गार्ड ब्रेकवान पर पहुँचकर संरक्षा के लिए किए गए इंतजाम को हटा देगा व गाड़ी को बैक करवाने हेतु प्रोसीड विथ काॅशन का हैंड सिगनल लोको पायलट की ओर बताएगा। लोको पायलट भी अपने संरक्षा के इंतजाम को हटाने के बाद गार्ड के हैंड सिगनलों के इशारे पर अधिकतम 8 कि.मी.प्र.घ. की गति से गाड़ी को बैक करेगा। लोको पायलट व सहायक लोको पायलट पीछे की ओर सतर्क निगाहे  रखते हुए गाड़ी को बैक करेगे व किसी भी खतरे के संकेत पर गाड़ी को रोकने के लिए तैयार रहेंगे।

इस प्रकार गाड़ी को सिंगल लाइन पर पिछले स्टेशन के प्रथम रोक सिगनल तक व डबल लाइन पर दोनो लाइन मे  से जिस लाइन का रोक सिगनल पहले आए वहाँ तक बैक किया जाएगा व गार्ड द्वारा लाल बताकर गाड़ी को रुकवा लिया जाएगा। वहाँ से जिस लाइन पर गाड़ी को लिया जाना है, उस लाइन के पाॅइन्ट सही सेट व तालित करवाने के बाद स्टेशन मास्टर द्वारा एक सक्षम रेल कर्मचारी के माध्यम से गार्ड को शंटिंग आदेश (टी-806) का प्राधिकार दिलवाया जाएगा जो कि हैंड सिगनलों पर गाड़ी को यार्ड मे  बैक करवा लेगा।

नोटः- पुश बैक को शंट मुवमेट मानते हुए जहाँ शंट सिगनल हो वहाँ संरक्षा की दृष्टि से उन्हें आॅफ किया जा सकता है।
सिंगल लाइन टोकनलैस ब्लाॅक उपकरण वाले स्टेशन पर गाड़ी को स्टेशन पर लेने के लिए प्राधिकार के अतिरिक्त आगमन सिगनलों को भी आॅफ किया जाएगा।

नोट:- सिंगल लाइन पर जहाँ टोकनलैस ब्लाॅक उपकरण लगे हुए हो  वहाँ आगमन सिगनलों को आॅफ किया जाना आवश्यक है अन्यथा ब्लाॅक उपकरण पर ‘ट्रेन अराइवल बेल’ नहीं बजने के कारण ब्लाॅक फेल हो जाएगा।

आई.बी.एस. वाले सेक्शन मे  आई.बी.पी. के आगे वाले ब्लाॅक सेक्शन से यदि किसी परिस्थिति मे  गाड़ी को पुश बैक करना हो तो आई.बी.पी. के हेाम सिगनल से 400 मीटर आगे लगे बोर्ड तक ही बैक किया जाएगा व फिर पिछले स्टेशन के स्टेशन मास्टर से टेलीफोन द्वारा बात करने व पिछला ब्लाॅक सेक्शन साफ है इसे सुनिश्चित करने के बाद ही पीछे की ओर गाड़ी को उपरोक्त विधि से पुश बैक किया जाएगा।

ब्लाॅक सेक्शन में गाड़ी का इंजन फेल हो जाना

जब ब्लाॅक सेक्शन मे  किसी गाड़ी का इंजन फेल हो जाए जिसके कारण गाड़ी आगे न बढ़ सके तो लोको पायलट 0000 (चार छोटी) सीटी बजाकर गार्ड को सूचित करेगा जिसकी पावती गार्ड द्वारा लाल झंडी/लाल बत्ती दिखाकर दी जाएगी। इसके पश्चात् गाड़ी की सुरक्षा व बचाव हेतु उपरोक्त ‘चढ़ाई पर गाड़ी पूर्ण लोड के साथ न चढ़ पाए’ वाले विषय मे  बताए अनुसार लोको पायलट व गार्ड द्वारा कार्यवाही की जाएगी।

गार्ड दोनों कार्यवाही करने के बाद लोको पायलट से आकर मिलेगा व इंजन फेल का कारण लिखित मे  लेगा। इसके पश्चात् उपलब्ध शीघ्रतम साधन द्वारा कन्ट्रोल या नजदीकी स्टेशन के स्टेशन मास्टर को सूचना दी जाएगी। सहायता इंजन के आने व ब्लाॅक सेक्शन साफ करने तक की कार्यवाही उपरोक्त ‘चढ़ाई पर गाड़ी पूर्ण लोड के साथ न चढ़ पाए’ वाले विषय में बताए अनुसार ही होगी।

नोटः- एक बार सहायता इंजन माँगने संबंधी सूचना देने के बाद यदि गाड़ी का इंजन ठीक होकर कार्य करने की स्थिति में आ जाता है तो गाड़ी चलाई जा सकती है बशर्त है कि उसके दोनों ओर ब्राॅडगेज में 600 मीटर व मीटरगेज/नेरोगेज मे  400 मीटर की दूरी पर एक कर्मचारी हैंड सिगनलों के साथ चले। उन्हीं की चाल से गाड़ी चलाई जाएगी। यदि सहायता इंजन आता हुआ दिखाई देता है तो उसे रोककर सावधानीपूर्वक गाड़ी के साथ जोड़कर आगे संचलन किया जाएगा तब कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है। बिना ब्रेकवान मालगाड़ी संचालन के नियम

कोई भी गाड़ी सिवाय आपात् स्थिति के ब्लाॅक सेक्शन मे बिना ब्रेकवान के नहीं भेजी जायेगी ।
  • बिना  ब्रेकवान के मालगाड़ियाँ केवल अपरिहार्य परिस्थितियां मे  परिचालनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये चलाई जा सकती है।
  • बिना ब्रेकवान गाड़ी चलाने की अनुमति प्रत्येक गाड़ी के लिए अलग-अलग वरि.मं.परि.प्रबंधक/ मं.परि.प्रबंधक द्वारा व्यक्तिगत रूप से दी जायेगी।
  • बिना  ब्रेकवान के चलने वाली गाड़ियों के लिए कंट्रोल कार्यालय मे  एक रजिस्टर रखा जायेगा जिसमें इस गाड़ी से सम्बंधित विवरण जैसे दिनांक, गाड़ी संख्या, कहाँ से कहाँ तक, अंतिम
  • वाहन संख्या तथा गाड़ी को बिना  ब्रेकवान के चलाये जाने का कारण लिखे गा।
  • संचार की पूर्ण विफलता के दौरान एवं नाॅन-कन्ट्रोल्ड सेक्शन पर ऐसी गाड़ियो का संचालन नही किया जायेगा ।
  • जब कभी बिना ब्रेकवान के मालगाड़ी का संचालन किया जाए तो निम्नलिखित सावधानियाँ बरती जायेगी -
  1. गाड़ियाँ अंतिम डिब्बा सिद्धांत के आधार पर चलायी जायेगी।
  2. स्टेशन मास्टर निजी अंक के साथ गाड़ी के अंतिम डिब्बे का नम्बर व विवरण कन्ट्रोलर को बताएगा। इसके बाद कन्ट्रोलर सभी स्टेशनों के स्टेशन मास्टरों को गाड़ी नम्बर, अंतिम वाहन नम्बर व विवरण के विषय मे  सावधान करेगा।
  3. प्रत्येक स्टेशन द्वारा लाइन क्लीयर पूछताछ तथा ‘ट्रेन एन्टरिंग सेक्शन’ की सूचना देते समय अंतिम डिब्बा नम्बर व विवरण अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर को दोहराया जायेगा। लाइन क्लीयर देते समय अगले स्टेशन का स्टेशन मास्टर प्राइवेट नंबर के आदान-प्रदान के साथ स्पष्ट रूप से अंतिम डिब्बा नम्बर व विवरण दोहरायेगा तथा गाड़ी सिगनल रजिस्टर के रिमार्क काॅलम मे  अंतिम डिब्बा नम्बर व प्राइवेट नंबर की प्रविष्टि करेगा जो लाइन क्लीयर के लिये प्राप्त प्राइवेट नंबर के अतिरिक्त होगा।
  4. अंतिम डिब्बे का नम्बर व विवरण ‘ट्रेन एन्टरिंग सेक्शन’ देते समय भी अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर व कंट्रोलर को रिपीट किया जायेगा।
  5. गार्ड यह सुनिश्चित करेगा कि गाड़ी इंजन से लेकर आखिरी डिब्बे तक लगातार वैक्यूम/एयर  ब्रेक युक्त है तथा अंतिम चार  ब्रेक सिलिंडर कार्यशील है ।
  6. गार्ड अंतिम वाहन पर दिन मे  टेलबोर्ड व रात मे  टेल लैम्प लगायेगा और सुनिश्चित करेगा कि गाड़ी के कप्लिंग प्रस्थान से पहले व रास्ते मे  सुरक्षित हैं।
  7. गार्ड इंजन में यात्रा करेगा तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि गाड़ी सुरक्षित चल रही है, निरन्तर पीछे देखता रहेगा।
  8. लोको पायलट व सहायक लोको पायलट भी यात्रा के दौरान गाड़ी का सुरक्षित चलना सुनिश्चित करने हेतु बार बार पीछे देखते रहेंगे।
  9. जब बिना  ब्रेकवान वाली गाड़ी के पीछे टेल लैम्प/बोर्ड लगाया गया है तो ऐसी गाड़ियो ं को टेल बोर्ड/लैम्प युक्त  ब्रेकवान सहित चलने वाली गाड़ियों के समान मानते हुए स्टेशनो  से निर्धारित सेक्शनल गति से पास किया जायेगा।
  10. यदि किसी कारण से टेल बोर्ड/लैम्प नहीं लगाया जा सके तो निम्न सावधनियाँ बरती जानी चाहिये-
  11. दिन मे  जब दृश्यता साफ हो स्टेशन से थ्रू पास होते समय गाड़ी की अधिकतम गति 20 किमीप्रघ होगी व रात मे  या धुध/कोहरे मे  जब दृश्यता स्पष्ट न हो तब अंतिम डिब्बे के सत्यापन व गाड़ी का पूर्ण आगमन सुनिश्चित करने के लिए गाड़ी को स्टेशन पर रोका जायेगा।
  12. ब्लाॅक सेक्शन मे  गाड़ी सतर्कता आदेशों का पालन करते हुए सेक्शनल गति से चल सकती है।
  13. ब्रेकवान रहित गाड़ी की संख्या व अंतिम वाहन नम्बर प्राप्त होते ही स्टेशन मास्टर प्राईवेट नंबर के आदान-प्रदान के साथ केबिनो  को सूचित करेगा।
  14. स्टेशन मास्टर/केबिनमैन पिछले स्टेशन/कंट्रोलर द्वारा प्राप्त अंतिम डिब्बा नम्बर को चैक करेगा व सत्यापित करेगा। यदि स्टेशन मास्टर अंतिम वाहन नम्बर को मिलाने मे  असमर्थ रहता है या पढ़ने मे  असमर्थ रहता है तो अगले स्टेशन पर गाड़ी को रुकवाकर अंतिम डिब्बा नम्बर को सुनिश्चित करने के लिए कहेगा तथा पिछले ब्लाॅक सेक्शन को बन्द नहीं करेगा।
  15. अगले ब्लाॅक स्टेशन का स्टेशन मास्टर गाड़ी को रोकेगा तथा यदि पिछले स्टेशन मास्टर से प्राप्त नम्बर का अंतिम वाहन नम्बर से मिलान नहीं होता है तो इंजन मे  यात्रा कर रहे गार्ड से अंतिम वाहन नम्बर सहित गाड़ी पूर्ण आगमन के बारे मे  टी-1410 में प्रमाणित करवाएगा।
  16. जब सिरे के केबिन न हो तो अंतिम डिब्बे के नम्बर के मिलान की जिम्मेदारी स्टेशन मास्टर की होगी।
बिना गार्ड के गाड़ी का संचालन
  • सिवाय आपात्काल के कोई भी गाड़ी बिना गार्ड के नहीं चलाई जायेगी।
  • आपात्काल मे  वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक/मंडल परिचालन प्रबंधक की पूर्व अनुमति से केवल दिन के समय बिना गार्ड के मालगाड़ी का संचालन किया जा सकता है।
  • ऐसी परिस्थिति मे  एक ‘ग’ श्रेणी का सक्षम रेल कर्मचारी गार्ड के कर्तव्यों को निभाने के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए जिसके पास गाड़ी के संरक्षित संचलन व बचाव संबंधी गार्ड के कम से कम उपकरण जैसे - पटाखा सिगनल, ट्राई कलर हैड सिगनल लैम्प, लाल व हरी झंडियाँ, ड्राई सेल टाॅर्च आदि होंगे।
  • ऐसी गाड़ियों के संचालन संबंधी अलग से एक रजिस्टर कन्ट्रोल कार्यालय में रखा जाएगा। आग लगने पर कार्यवाही
  • यदि कोई रेल कर्मचारी कहीं आग लगी हुई देखता है जिसमें जनहानि, संपति की क्षति और गाड़ियों को विलम्ब होने की संभावना है तो वह आग को फैलने से रोकने तथा बुझाने के लिए यथासंभव सभी प्रयास करेगा।
  • यदि यह आग विद्युत उपस्कर मे  या उसके आस-पास लगती है और रेल कर्मचारी विद्युत उपस्कर का संचालन करने मे  सक्षम व प्रशिक्षित है तो वह प्रभावित भाग की बिजली सप्लाई तुरन्त काट देगा।
  • यदि शाॅर्ट सर्किट से वाहन की लकड़ी में आग लग जाए तो वाहन के दोनो  ओर के विद्युत कपलरों को अलग कर देना चाहिए। यदि उसमे  डायनमो और बैटरियाँ लगी है तो डायनमो  बेल्ट अलग कर देनी चाहिए और बैटरियों का कनेक्शन काटकर बैटरी फ्यूज बक्सों से जोड़ने वाली कड़ियों को हटा देना चाहिये।
  • आग लगने की हर घटना की रिपोर्ट निकटतम स्टेशन मास्टर को शीघ्रता से दी जानी चािहए जो विशेष अनुदेशों के द्वारा निर्धारित कार्यवाही करेगा।
  • यदि किसी वाहन मे  आग लगी हो तो उसे अन्य वाहनो  से कम से कम 50 मीटर की दूरी पर काटा जायेगा। यदि गाड़ी स्थाई सिगनलों से नियंत्रित नहीं होती हो तो उसका बचाव सा.नि. 6.03 के अनुसार किया जायेगा।
  • जब गाड़ी मे  आग लगने का पता चले तब लोको पायलट और गार्ड गाड़ी को किसी पानी के स्त्रोत वाले स्थान/स्टेशन तक सावधानीपूर्वक पहुचने के लिये अपने विवेक से काम लेगे और इस बात का ध्यान रखेगे कि आग फैलकर किसी अन्य वाहन को क्षतिग्रस्त न कर दे।
  • यदि सवारी गाड़ी में आग लगी है तो सबसे पहले यात्रियों की सुरक्षा करनी चाहिये। इसके बाद पोस्टल वान मे  रखी डाक को प्राथमिकता से बचाने का प्रयास किया जायेगा।
  • आग लगने पर सभी रेल कर्मचारियों की जिम्मेदारी है कि उपलब्ध आग बुझाने के साधनों का शीघ्र उपयोग कर तुरन्त आग को बुझाया जाए ताकि रेलवे को कम से कम हानि हो।
  • यदि बंद स्थान मे  आग लगी हो और आग बुझाने के उपकरण हो  तो हर स्थिति मे  उनका उपयोग किया जाना चाहिये।

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