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इंजीनियरिंग कार्य प्रणाली व इंजीनियरिंग वाहनों का संचालन

रेलपथ और निर्माण कार्य की दशा

प्रत्येक सेक्शन इंजीनियर (रेलपथ या निर्माण) अपने चार्ज वाले रेलपथ या निर्माण कार्य की स्थिति के लिए जिम्मेदार होगा।

लाइन का अनुरक्षण

प्रत्येक सेक्शन इंजीनियर (रेलपथ या निर्माण) -
  • यह देखेगे कि उनके चार्जवाली लाइन या निर्माण कार्य अच्छी तरह से अनुरक्षित है।
  • रेलपथ या निर्माण कार्य होने के साथ होने वाली उन सभी दुर्घटनाओं या खराबी की रिपोर्ट, जो उनके अनुसार असुरक्षित गाड़ी संचालन मे  बाधा डाल सकती है, इंजीनियर इन्चार्ज को तुरन्त करेगा और साथ ही दुर्घटना को रोकने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही करेगा।

सामान की देखभाल

प्रत्येक सेक्शन इंजीनियर (रेलपथ या निर्माण) अपने चार्जवाली सभी रेलों, चेयरों, स्लीपरों और अन्य सामान की सुरक्षा का प्रबंध करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि इनमें से जो भी सामान काम में नहीं आ रहा है, उसे लाइन से अलग ठीक प्रकार से चट्टाजंबामकद्ध लगाकर रखा गया है जिससे गाड़ियों के सुरक्षित संचालन में बाधा न हो।

रेलपथ एवं निर्माण कार्य का निरीक्षण
  • रेलपथ के प्रत्येक भाग का निरीक्षण विशेष अनुदेशों द्वारा इस प्रयोजन के लिए नियुक्त किए गए किसी रेल कर्मचारी द्वारा प्रतिदिन पैदल किया जाएगा, परन्तु जिन लाइनों पर यातायात कम या कभी-कभी होता है वहाँ अनुमोदित विशेष अनुदेशो  के द्वारा ऐसे निरीक्षणो  के बीच के समय के अन्तर को बढ़ाकर दो दिन मे  एक बार किया जा सकता है।
  • सभी पुलों का और निर्माण कार्यो  का, जिनके अन्तर्गत सिगनल के तार, इन्टरलाॅकिंग गीयर, पाॅइन्ट एवं क्राॅसिंग, ओवरहेड इक्यूपमेंट और गाड़ियों की सुरक्षा और संचालन पर प्रभाव डालने वाले अन्य उपस्कर विशेष अनुदेशों के अन्तर्गत नियमित रूप से किया जाएगा।

लाइनों पर गश्त लगाना
  • लाइन के निरीक्षण के अतिरिक्त जब कभी भारी वर्षा, ब्रीचेस, बाढ़, तूफान, नागरिक उपद्रव जैसी असाधारण परिस्थितियों मे  रेल के किसी भाग को खतरा पहुँचने की संभावना हो तो लाइन को विशेष अनुदेशों के अनुसार पेट्रोलिंग करवाया जाएगा।
  • यदि लाइन का पेट्रोलिंग करने वाले पेट्रोलमेन को कोई ऐसी परिस्थिति दिखाई देती है जिससे गाड़ियों की सुरक्षा प्रभावित होने की संभावना हो या उसे किसी अन्य खतरे की आशंका हो तो वह तुरन्त लाइन का बचाव नियमानुसार करेगा तथा शीघ्रतम साधन द्वारा नजदीकी स्टेशन मास्टर को सूचना देगा।

इंजीनियरिंग ब्लाॅक
  • किसी ब्लाॅक सेक्शन को किसी समय विशेष के लिए ब्लाॅक कर देना ताकि मेटेरियल ट्रेन या लाइन पर कार्य से संबंधित इंजीनियरिंग वाहनों को छोड़कर कोई अन्य वाहन ब्लाॅक सेक्शन मे  नहीं भेजा जा सके। उसे इंजीनियरिंग ब्लाॅक कहा जाता है। निम्नलिखित कार्यां  के लिए इंजीनियरिंग ब्लाॅक प्राप्त किया जाता है -
  • यदि किसी रेलवे लाइन को किसी ऐसे स्थान पर अलग करनी हो जो गाड़ी यातायात के लिए खतरनाक हो जैसे - पुल पर, ऊँचाई पर इत्यादि।
  • किसी ऊँचाई वाले स्थान पर नई लाइन डालना या उसे बदलना।
  • ऐसा कोई कार्य जो गाड़ी के यातायात के लिए असुरक्षित हो।
  • यदि इंजीनियरिंग ब्लाॅक के लिए यातायात कार्य आदेश के अन्तर्गत बताया गया हो।
  • जब उपरोक्त कार्यो  के अन्तर्गत लाइन को ब्लाॅक किया जाना हो तब कार्य प्रारम्भ करने से 48
  • घंटे  पूर्व सेक्शन इंजीनियर (रेलपथ) या सेक्शन इंजीनियर (सिगनल) दोनो  तरफ के स्टेशन मास्टरों, मुख्य गाड़ी नियंत्रक, सेक्शन इंजीनियर (लोको) तथा गार्ड मुख्यालय वाले स्टेशन को लिखित या संदेश के रूप मे  सूचित करेगा जिन्हें कि कार्य के लिए सतर्कता आदेश जारी करना है। सेक्शन कन्ट्रोलर सभी स्थानो  से इस संदेश की पावती प्राइवेट नम्बर के साथ प्राप्त करेगा और संबंधित ब्लाॅक स्टेशन को संदेश के रूप मे  बताएगा। इसके पश्चात् स्टेशन मास्टर उस कार्य के इंचार्ज को सूचित करेगा कि सभी संबंधित को सूचित किया जा चुका है।
  • इसी प्रकार कार्य समाप्ति पर सतर्कता आदेश हटाने या गति मे  छूट देने की सूचना भी इन्चार्ज लिखित में स्टेशन मास्टर को भिजवाएगा। स्टेशन मास्टर उसे सभी संबंधित को सूचित करेगा। इंजीनियरिंग ब्लाॅक लागू करने की कार्य विधि
  • स्टेशन मास्टर ब्लाॅक की कार्यवाही के अन्तर्गत जहाँ सिंगल लाइन पर टोकन/टेबलेट वाले ब्लाॅक उपकरण लगे हेां वहाँ ब्लाॅक उपकरण को आॅपरेट करेगा और उससे प्राप्त होने वाले टोकन/टेबलेट को तथा काॅसरेट चाबी (यदि ब्लाॅक उपकरण मे  लगी हो) को अपनी सेफ
  • कस्टडी मे  रखेगा। सिंगल लाइन टोकनलैस ब्लाॅक उपकरण हो तो उसमे  से एस.एच. चाबी निकालकर उसे सेफ कस्टडी में रखेगा तथा डबल लाइन में जिस लाइन पर ब्लाॅक दिया गया हो उस लाइन से संबंधित ब्लाॅक उपकरण के काॅम्यूटेटर को (सीमेस टाइप ब्लाॅक उपकरण मे ) ‘ट्रेन आॅन लाइन) पर करके उसे तालित कर देगा। बी.पी.ए.सी. ब्लाॅक उपकरण मे  ब्लाॅक को लाॅक करके चाबी निकाल ली जाएगी। साथ ही एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल व स्लाइड कन्ट्रोल पर स्टाॅप काॅलर रख देगा।
  • ये कार्यवाही करने के बाद स्टेशन मास्टर सेक्शन इंजीनियर (रेलपथ) या सेक्शन इंजीनियर (सिगनल) जो कार्य का इन्चार्ज है, को लाइन ब्लाॅक करने की सूचना देगा जिसमे  दूसरे सिरे के स्टेशन मास्टर से प्राप्त प्राइवेट नम्बर भी लिखा जाएगा।
  • उपरोक्त ब्लाॅक के नियम के अन्तर्गत केवल मेटेरियल ट्रेन या कोई अन्य इंजीनियरिंग वाहन जिसे कार्यस्थल पर ले जाना आवश्यक हो, को टीए-602 के प्राधिकार पर भेजा जा सकता है जिसे इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी द्वारा ब्लाॅक सेक्शन मे  रुकावट के स्थान पर पायलट करके ले जाया जाएगा।

फील्ड टेलीफोन पर लाइन को ब्लाॅक करने की कार्य विधि
  • फील्ड टेलीफोन पर लाइन को ब्लाॅक करने की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक कि यातायात कार्य आदेश के अन्तर्गत बताया न गया हो।
  • केवल से.इंजी./जूनि.इंजी. (रेलपथ) ही फील्ड टेलीफोन पर लाइन को ब्लाॅक कर सकते हैं। जिसके द्वारा लाइन को ब्लाॅक किया जाए उसके ही द्वारा उसे रद्द किया जाना चाहिए।
  • इस कार्य के लिए मंडल इंजीनियर द्वारा कार्य के इन्चार्ज व मुख्य गाड़ी नियंत्रक को एक प्राइवेट नम्बर शीट व कोड लिस्ट दी जाएगी जिस पर नम्बर भी लिखा होगा जिसे कार्य समाप्ति पर मंडल इंजीनियर को लौटा दिया जाएगा।
  • कार्यस्थल की ओर जाने से पूर्व इन्चार्ज कन्ट्रोलर से सलाह मशविरा करेगा कि ब्लाॅक लगभग किस समय व किस गाड़ी के बाद दिया जाएगा।
  • कन्ट्रोलर द्वारा बताई गाड़ी गुजर जाने के बाद इन्चार्ज कार्यस्थल का बचाव  मे  बताए अनुसार करवाने के बाद फील्ड टेलीफोन पर सेक्शन कन्ट्रोलर से ब्लाॅक देने का आग्रह करेगा। सेक्शन कन्ट्रोलर दोनों तरफ के स्टेशन मास्टर को टेलीफोन पर बुलाकर प्राइवेट नम्बर प्राप्त करेगा कि दोनों स्टेशन के बीच ब्लाॅक सेक्शन साफ है।
  • इन्चार्ज इसके बाद मुख्य गाड़ी नियंत्रक के नाम लाइन को ब्लाॅक करने हेतु एक संदेश देगा जिसमें वो प्राइवेट नम्बर व कोड नम्बर बताएगा। कन्ट्रोलर इसके आधार पर दोनो  तरफ के स्टेशन मास्टर को कोड नम्बर के साथ लाइन को ब्लाॅक करने की अनुमति देगा। जिसकी दोनो  स्टेशन मास्टर प्राइवेट नम्बर के साथ पावती देगे।
  • दोनों तरफ के स्टेशन मास्टर ऊपर बताई गई विधि से लाइन को ब्लाॅक करने के बाद से.इंजी./ जूनि.इंजी. (रेलपथ) को संदेश देंगे कि उन्होने लाइन को ब्लाॅक कर दिया है। इसके पश्चात् इन्चार्ज अपना कार्य प्रारम्भ करेगा।
  • कार्य समाप्ति के समय से.इंजी./जूनि.इंजी. (रेलपथ) एक संदेश मुख्य गाड़ी नियंत्रक के नाम देंगे कि उसने कार्य समाप्त कर लिया है व गति प्रतिबंध, यदि कोई लगाया हो, तो उसकी जानकारी भी देगा। साथ ही वह इसकी एक कन्फर्मेशन काॅपी नजदीक के स्टेशन मास्टर को उपलब्ध शीघ्रतम साधन द्वारा भिजवाएगा।
  • इस संदेश के प्राप्त होने पर कन्ट्रोलर दोनों तरफ के स्टेशन मास्टर को संदेश के द्वारा ब्लाॅक को रद्द करने व सामान्य कार्यप्रणाली लागू करने की अनुमति देगा।
  • ब्लाॅक रद्द करते समय यदि कन्ट्रोल टेलीफोन खराब हो तो कार्य का इन्चार्ज स्वयं नजदीकी
  • ब्लाॅक स्टेशन पर पहुँचकर लिखित मे  सूचित करेगा जिसे स्टेशन मास्टर कन्ट्रोल टेलीफोन चालू होने के बाद कन्ट्रोलर को रिपीट करेगा।
  • उपरोक्त ब्लाॅक की प्रविष्टि स्टेशन मास्टर गाड़ी सिगनल रजिस्टर मे  लाल स्याही से करेगा। लाॅरियों, ट्राॅलियों और मोटर ट्राॅलियों का संचालन
  • जिस वाहन को चार व्यक्ति मिलकर लाइन पर से उठा सकते हैं उसे ट्राॅली समझा जाएगा। उससे भारी वाहन को लाॅरी समझा जाएगा। यदि आपातकाल की स्थिति में ट्राॅली को भारी सामान की ढुलाई के काम मे  लिया जाता है तो उस समय उसे लाॅरी समझा जाएगा। इसी प्रकार साइकल व मोपेड ट्राॅलियाँ दो व्यक्तियों द्वारा आसानी से उठाकर लाइन से हटाई जा सकती है।
  • उपरोक्त ट्राॅलियाँ व लाॅरी का अधिकृत किए गए योग्यता प्राप्त पदाधिकारी निरीक्षण या अन्य कार्य के लिए उपयोग कर सकते हैं। इनके संचलन के समय संचालनकर्ता के पास नियमानुसार निर्धारित आवश्यक सक्षमता प्रमाण पत्र जिसकी वैधता एक वर्ष है व नीचे बताए गए आवश्यक उपस्कर साथ होने  चाहिए -
  1. दो हैंड सिगनल बत्तियाँ
  2. दो लाल और दो हरी झंडियाँ
  3. 10 पटाखे
  4. एक जंजीर और एक ताला
  5. उस सेक्शन के वर्किंग टाइम टेबल की प्रति
  6. मोटर ट्राॅली हेतु हाॅर्न और एक सर्च लाइट
  7. लाॅरी के लिए दो बैनर फ्लेग
  8. बाॅल बियरिंग वाली ट्रालियों हेतु तेल से भरी कुप्पी
  9. सामान्य एव  सहायक नियम पुस्तिका की प्रति
  10. अन्य कोई वस्तु जो रेल प्रशासन द्वारा निर्धारित की जाए।
  11. किसी लाॅरी या ट्राॅली को लाइन पर तब तक नहीं रखा जाएगा जब तक उसमें प्रभावी ब्रेक न लगे हों, इसी प्रकार बिना स्टेशन मास्टर की अनुमति के माल ठेले को लाइन पर नहीं रखा जाना चाहिए।
  12. ट्राॅली का इन्चार्ज चलने से पूर्व उस सेक्शन की गाड़ियों की जानकारी स्टेशन मास्टर से प्राप्त करेगा ताकि गाड़ी के संचलन मे  आवश्यक विलम्ब या बाधा उत्पन्न न हो।
  13. ट्राॅली को लाइन पर रखने के समय से लेकर हटाने तक ट्राॅली या माल ठेले का योग्यता प्राप्त इन्चार्ज उसकी सुरक्षा के लिए उत्तरदायी होगा। उसे रास्ते के स्प्रिंग पाॅइन्टो  की कार्यप्रणाली का भी ज्ञान होना चाहिए। डबल लाइन पर जाते समय पासवाली लाइन को अवरोधित नहीं करना चाहिए। जब दृश्यता स्पष्ट न हो तो इसे लाइन से हटा लेना चाहिए।
  14. ट्राॅली का उपयोग रेलवे पदाधिकारियों द्वारा ही किया जाना चाहिए यद्यपि विशेष परिस्थितियों मे ं सक्षम निरीक्षक/अधिकारी की अनुमति प्राप्त करके इसका उपयोग रेलवे के अलावा अन्य विभाग के व्यक्ति भी कर सकते हैं।
  15. सामान्यतः ट्राॅली को मालगाड़ी के ब्रेकवान मे  ही ले जाना चाहिए फिर भी विशेष परिस्थितियों मे इसे सवारी गाड़ी द्वारा ले जाया जा सकता है। इसे लदान के लिए प्लेटफाॅर्म पर सुरक्षित तरीके से रखा जाना चाहिए।
  16. कोई भी लाॅरी या ट्राॅली किसी गाड़ी के साथ नहीं जोड़ी जानी चाहिए।
  17. ट्राॅली पर कम से कम चार व अधिकतम 10 व्यक्ति तथा साइकल व मोपेड ट्राॅली पर कम से कम 3 व अधिकतम 5 व्यक्ति ले जाए जा सकते है । माल ठेले पर कम से कम 6 व्यक्तियो  का होना आवश्यक है। ये संख्या दृश्यता की स्थिति या सामान के आधार पर बढ़ाई भी जा सकती है। मोटर ट्राॅली पर कम से कम व्यक्तियों की संख्या मुख्य इं जीनियर या मुख्य संकेत एव  दूरसंचार इंजीनियर द्वारा निश्चित की जाएगी। सामान्यतः इस पर 6 से अधिक व्यक्ति नहीं होने चाहिए।
  18. साधारणतः ट्राॅली व लाॅरी दिन के समय जब दृश्यता स्पष्ट हो व सिगनल पर्याप्त दूरी से अच्छी तरह दिखते हो तभी चलाई जाएगी। ये पर्याप्त दूरी कम से कम 800 मीटर होगी। रात के समय या धुन्ध/कोहरे/धूलभरे वातावरण/तेज बारिश के कारण अस्पष्ट दृश्यता मे  या जब इन पर भारी सामान लदा हो जिसे उतारने मे  विलम्ब हो सकता हो तो इन्हें गाड़ी संचालन पद्धति के अनुसार चलाया जाएगा।
  19. ट्राॅली को घाट सेक्शन में व रात के समय फुल ब्लाॅक पर चलाया जाएगा व बाकी स्थानों पर यह फ्री जा सकती है परन्तु खतरनाक सेक्शन में जाने से पूर्व इसके इन्चार्ज को स्टेशन मास्टर को सूचित करके व उससे सतर्कता आदेश का संदेश सभी संबंधित को देने की पावती लेकर जाना चाहिए। इसी प्रकार माल ठेला सामान्यतया फुल ब्लाॅक पर ही चलाया जाता है किन्तु जहाँ फुल ब्लाॅक प्राप्त न हो वहाँ इसे पार्शियल ब्लाॅक पर चलाया जा सकता है। घाट सेक्शन, खतरनाक सेक्शन में व रात के समय यदि कार्य करना हो तो यह हमेशा फुल ब्लाॅक पर ही कार्य करेगा।
  20. जब इसे ब्लाॅक सेक्शन मे  फुल या पार्शियलल ब्लाॅक पर चलाया जाता है तब इसका बचाव किया जाएगा जिसमे  ब्राॅडगेज/मीटरगेज व नेरोगेज मे  क्रमशः 600/400 मीटर पर एक या आवश्यकतानुसार दो व्यक्ति बैनर फ्लेग लेकर चलेंगे व क्रमशः 1200/800 मीटर पर एक व्यक्ति खतरे का हाथ सिगनल दिखाते हुए चलेगा जिसके पास पटाखा सिगनल भी होंगे।
  21. इस तरह से बचाव सिंगल लाइन मे  दोनो  तरफ से तथा डबल लाइन मे  यातायात की दिशा मे  किया जाएगा। जब लोडिंग या अनलोडिंग के उद्देश्य से मेटेरियल लाॅरी बीच मे  रुकेगी तो बैनर फ्लेग वाला व्यक्ति तुरन्त बैनर फ्लैग लगा देगा व पटाखे वाला व्यक्ति तुरन्त तीन पटाखे 10-10 मीटर के अन्तर से लगाकर उसका बचाव कर देगा व अन्तिम पटाखे से 45 मीटर दूर खतरे का हाथ सिगनल बताते हुए खड़ा रहेगा। जब तक मेटेरियल लाॅरी का इन्चार्ज न कहे तब तक ये बचाव रहेगा।
  22. मेटेरियल लाॅरी को पूर्ण संचार व्यवस्था भंग के दौरान ब्लाॅक सेक्शन में नहीं चलाया जाना चाहिए। यदि आपातकाल मे  ऐसा करना आवश्यक हो तो इस परिस्थिति मे  गाड़ी के संचालन नियमो  के अनुसार ही चलाया जाएगा व इसका प्रभारी परिस्थिति के अनुसार इसका बचाव करके चलेगा।
फुल ब्लाॅक

फुल ब्लाॅक से अभिप्राय किसी ट्राॅली या लाॅरी के लिए ब्लाॅक सेक्शन को ब्लाॅक करने से है। जब तक ट्राॅली या लाॅरी ब्लाॅक सेक्शन में है तब तक किसी गाड़ी को उस ब्लाॅक सेक्शन में नहीं भेजा जाएगा। मेटेरियल लाॅरी रात के समय व घाट सेक्शन में, हैंड पुश ट्राली घाट सेक्शन में व रात के समय किसी भी सेक्शन मे  फुल ब्लाॅक पर चलाई जाएगी।

मेटेरियल लाॅरी को फुल ब्लाॅक पर चलाने की कार्यविधि
  • कोई भी लाॅरी स्टेशन मास्टर की अनुमति के बिना लाइन पर नहीं रखी जानी चाहिए। जब कभी मेटेरियल लाॅरी को फुल ब्लाॅक पर चलाना हो तो फुल ब्लाॅक प्राप्त करने के लिए सबसे पहले इंजीनियरिंग विभाग का निरीक्षक/अधिकारी नोटिस सं. टी-1518 भरकर स्टेशन मास्टर को देगा जिसमें वह ब्लाॅक सेक्शन को ब्लाॅक किए जाने का समय भी दर्शाएगा। साधारणतया ब्लाॅक सेक्शन को ब्लाॅक किए जाने का समय ऐसा होना चाहिए ताकि गाड़ियों के यातायात को विलम्ब न हो।
  • स्टेशन मास्टर को चाहिए कि वह नोटिस सं. टी-1518 मिलते ही कन्ट्रोल को सूचित करे तथा अनुमति मिलने के बाद दूसरे सिरे के स्टेशन मास्टर को प्राइवेट नम्बर के आदान प्रदान के साथ इस बात का संदेश दे। इसके पश्चात् ब्लाॅक उपकरण को आॅपरेट करके लाइन क्लीयर प्राप्त किया जाएगा एवं सिंगल लाइन पर टोकन/टेबलेट/पेपर लाइन क्लीयर टिकट लाॅरी के इन्चार्ज को दिया जाएगा तथा डबल लाइन पर अन्तिम रोक सिगनल को आॅफ किया जाएगा (संदर्भ हेतु स्टेशन संचालन नियम को भी देखना चाहिए) व इन्चार्ज के हस्ताक्षर प्राप्त किए जाएंगे। स्टेशन मास्टर केा टी-1518 के रिकाॅर्ड भाग पर सेक्शन साफ करने का समय लिखना चाहिए व इन्चार्ज की भी जवाबदारी है कि वह बताए गए समय मे  ही सेक्शन साफ कर दे ताकि गाड़ियों को विलम्ब न हो।
  • इन्चार्ज को अगले स्टेशन पहुँचकर अपना टोकन/टेबलेट स्टेशन मास्टर को सौंप देना चाहिए व पेपर लाइन क्लीयर टिकट या डबल लाइन के सेक्शन पर आगमन प्रमाण पत्र देना चाहिए।
  • स्टेशन मास्टर को लाॅरी को सिगनल द्वारा/प्राधिकार द्वारा/हैड सिगनल पर पायलट करके स्टेशन पर लेना चाहिए।
  • फुल ब्लाॅक समाप्ति की लिखित सूचना प्राप्त होने के बाद कन्ट्रोल व दूसरे सिरे के स्टेशन मास्टर को सूचित किया जाएगा व ब्लाॅक उपकरण मे  टोकन/टेबलेट डालकर सामान्य स्थिति में कर दिया जाएगा।

पार्शियल ब्लाॅक

जब किसी लाॅरी के लिए ब्लाॅक सेक्शन को आवश्यकतानुसार समय के लिए ब्लाॅक करना संभव नहीं हो तो कुछ समय के लिए सेक्शन केा ब्लाॅक करके लाॅरी को सेक्शन मे  प्रवेश करने की अनुमति दी जा सकती है और निर्धारित समय के बाद लाॅरी सेक्शन मे  होते हुए भी गाड़ियों को सतर्कता आदेश जारी करके सेक्शन में भेजा जा सकता है। इस प्रकार के ब्लाॅक को पार्शियल ब्लाॅक कहते हैं।

मेटेरियल लाॅरी को पार्शियल ब्लाॅक पर चलाने की कार्यविधि

जब मेटेरियल लाॅरी (माल ठेला) को ब्लाॅक सेक्शन में किसी भारी सामान के साथ ले जाना हो और फुल ब्लाॅक प्राप्त न हो रहा हो तो इन्चार्ज निम्नलिखित विधि से पार्शियल ब्लाॅक प्राप्त करके माल ठेले को ब्लाॅक सेक्शन में ले जा सकता है -
  • मेटेरियल लाॅरी का इन्चार्ज पार्शियल ब्लाॅक प्राप्त करने के लिए टी-1518 का निर्धारित फाॅर्म भरकर स्टेशन मास्टर को देगा। यदि उस ब्लाॅक सेक्शन में 1 इन 200 या उससे खतरनाक ढलान हो तो दिशा व किलोमीटर नम्बर सहित उसका विशेष रूप से उल्लेख करेगा।
  • स्टेशन मास्टर इसकी जानकारी कन्ट्रोल को देगा व अनुमति प्राप्त करेगा।
  • कन्ट्रोल से अनुमति प्राप्त होने के बाद स्टेशन मास्टर दूसरे सिरे के स्टेशन मास्टर को भी इसकी सूचना देगा व उसके बाद टोकन/टेबलेट वाला ब्लाॅक उपकरण हो तो लाइन क्लीयर प्राप्त करके उसके टोकन/टेबलेट को अपनी सेफ कस्टडी मे  रखेगा। टोकनलैस सिंगल लाइन ब्लाॅक उपकरण के मामले में ब्लाॅक उपकरण को सस्पेंड करेगे व एस.एच.चाबी को ब्लाॅक उपकरण से निकालकर सेफ कस्टडी में रखा जाएगा व अन्तिम रोक सिगनल को आॅन स्थिति मे  पार करने के लिए उसके इन्चार्ज केा टी-369(3बी) जारी किया जाएगा तथा डबल लाइन मे  जिस लाइन पर पार्शियल ब्लाॅक दिया जा रहा है उस लाइन से संबंधित सीमेस ब्लाॅक उपकरण का काॅम्यूटेटर को सीधा ‘‘ट्रेन आॅन लाइन’’ पर लाकर एव  बीपीएसी ब्लाॅक उपकरण को लाॅक करके चाबी को निकाल लिया जाएगा।
लाइन क्लीयर प्राप्त करते समय या पार्शियल ब्लाॅक की सूचना देते समय निम्नलिखित संदेश का प्राइवेट नम्बर के साथ आदान प्रदान किया जाएगा व पार्शियल ब्लाॅक का समय स्पष्ट रूप से बताया जाएगा -
  • दूसरे सिरे का स्टेशन मास्टर उपरोक्त संदेश की प्राइवेट नम्बर के साथ पावती देगा व इस बात का आश्वासन भी देगा कि पार्शियल ब्लाॅक का समय समाप्त होने के बाद भी जब तक लाॅरी ब्लाॅक सेक्शन में लाइन पर है तब तक वह प्रत्येक गाड़ी को सतर्कता आदेश जारी करेगा।
  • इसकी प्रविष्टि लाल स्याही से गाड़ी सिगनल रजिस्टर के रिमार्क काॅलम मे  की जाएगी।
  • टी-1518 के रिकाॅर्ड भाग पर स्टेशन मास्टर लाइन को ब्लाॅक किए जाने का समय लिखेगा व अपने हस्ताक्षर करके स्टेशन की मुहर लगाएगा। रिकाॅर्ड भाग इन्चार्ज को लौटा दिया जाएगा।
  • निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद स्टेशन मास्टर सेफ कस्टडी मे  से टोकन/टेबलेट या एस.एच.चाबी को निकालकर ब्लाॅक उपकरण मे  लगाकर या डबल लाइन मे  काॅम्यूटेटर को घुमाकर/चाबी लगाकर ब्लाॅक उपकरण को सामान्य स्थिति मे  करेगा और गाड़ियों को सतर्कता आदेश पर चलाने के बारे मे  एक दूसरे को प्राइवेट नम्बर के साथ संदेश का आदान प्रदान करेगे। इसके बाद उस ब्लाॅक सेक्शन मे  जाने वाली गाड़ियों को तब तक सतर्कता आदेश जारी किया जाएगा जब तक कि मेटेरियल लाॅरी के इन्चार्ज द्वारा लिखित रूप से स्टेशन मास्टर को सूचना न दे दी जाए कि उसने मेटेरियल लाॅरी को लाइन पर से हटा लिया है व लाइन गाड़ियों के लिए साफ व सुरक्षित है।
  • यदि 1 इन 200 या उससे खतरनाक सेक्शन की सूचना दी गई हो तो मालगाड़ी/लाइट इंजन/मेटेरियल ट्रेन को दिए जाने वाले सतर्कता आदेश मे  उसका विशेष उल्लेख किया जाएगा जिसके अन्तर्गत गाड़ियों की गति क्रमशः ब्राॅडगेज, मीटरगेज व नेरोगेज में 40, 30 व 25 कि. मी.प्र.घ. से अधिक नहीं होगी।

मोटर ट्राॅली एवं उसका कार्य संचालन
यह एक स्वचलित वाहन है जिसे आसानी से लाइन से उठाया नहीं जा सकता। इसका उपयोग इंजीनियरिंग या सिगनल विभाग के सभी अधिकारी और परिचालन विभाग के उन अधिकारियों द्वारा किया जाता है जिन्हें सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदन प्राप्त हो।

कार्य संचालन -
  • मोटर ट्राली को चलाने वाला व्यक्ति या अधिकारी पूर्ण रूप से प्रशिक्षित होना चाहिए तथा उसके पास सक्षमता प्रमाण पत्र होना चाहिए।
  • प्रत्येक मोटर ट्राली पर उसका नम्बर, अधिकारी का पदनाम तथा मुख्यालय का विवरण होना चाहिए।
  • मोटर ट्राली चलाने के लिए आवश्यक उपकरण होने चाहिए जिसमे  ब्रेक, मोटर हाॅर्न तथा सर्च लाइट की भी व्यवस्था होनी चाहिए।
  • मोटर ट्राली पर ट्राॅलीमेन की संख्या मुख्य इंजीनियर या मुख्य सिगनल व दूरसंचार इंजीनियर द्वारा निर्धारित की जाएगी।
  • मोटर ट्राली पर ट्राॅलीमेन सहित अधिकतम व्यक्तियों की संख्या 6 होगी लेकिन विशेष परिस्थितियों में यदि यह संख्या अधिक हो तो कम से कम दो व्यक्तियों को आगे बैठना चाहिए।
  • दिन के समय मोटर ट्राली पर लाल झंडी तथा रात में या आँधी, धुंध/कोहरे के समय सिंगल लाइन पर दोनों और लाल बत्ती तथा डबल लाइन पर पीछे लाल व आगे की ओर सफेद बत्ती होनी चाहिए।
  • मोटर ट्राली का जिम्मेदार अधिकारी या व्यक्ति मोटर ट्राली की रक्षा करने तथा उसका उचित उपयोग करने के लिए उत्तरदायी होगा। डबल लाइन सेक्शन मे  जब मोटर ट्राॅली एक लाइन पर जा रही हो तो पासवाली लाइन को किसी भी परिस्थिति मे  अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए।
  • मोटर ट्राली के अधिकारी को सेक्शन मे  पड़ने वाले स्प्रिंग पाॅइन्ट का ध्यान तथा उन्हें पार करने की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।
  • मोटर ट्राॅली चलाने के लिए किसी अनाधिकृत व्यक्ति की मदद नहीं लेनी चाहिए।
  • सामान्यतः मोटर ट्राली को गाड़ी मानकर कार्य पद्धति के अनुसार लाइन क्लीयर पर चलाया जाना चाहिए। सिंगल लाइन पर जहाँ टोकनलैस ब्लाॅक उपकरण लगे हों वहाँ मोटर ट्राली को लाइन क्लीयर पर चलाना हो तो ब्लाॅक उपकरण को सस्पेंड किया जाएगा तथा लाइन क्लीयर ब्लाॅक/कन्ट्रोल टेलीफोन पर लिया जाएगा। मोटर ट्राली के चालक को टीसी-1425 या टीडी-1425 दिया जाएगा।
  • डबल लाइन पर मोटर ट्राॅली वजन में हल्की होने से ट्रेक या ट्रेडल को शंट नहीं कर पाती है इसलिए यदि उसे स्टेशन संचालन नियम के अनुसार लाइन क्लीयर पर भेजना हो तो ब्लाॅक उपकरण पर विधिवत लाइन क्लीयर प्राप्त किया जाएगा और अन्तिम रोक सिगनल को आॅन स्थिति में पार करने के लिए मोटर ट्राॅली चालक को टी-369(3बी) जारी किया जाएगा। अगले स्टेशन पहुँचने पर मोटर ट्राॅली को पहले बाहर खड़ा करने के बाद सिगनल आॅफ किए जाने चाहिए। दो संकेतीय सिगनल व्यवस्था वाले स्टेशन पर यदि पाँच मिनट तक सिगनल नहीं आॅफ किए जाएं तो आउटर सिगनल को आॅन स्थिति मे  पार करके अपेक्षित पड़ने वाले एडवान्स्ड स्टार्टर सिगनल या शंटिंग लिमिट बोर्ड या दोनो  न हो  तो होम सिगनल पर रुकना चाहिए। वहाँ से होम सिगनल आॅफ करके या सक्षम रेल कर्मचारी द्वारा हैंड सिगनल पर पायलट करके उसे स्टेशन यार्ड मे  लिया जाएगा। बहु संकेतीय सिगनल व्यवस्था वाले स्टेशन पर होम सिगनल को तभी पार करना चाहिए जब या तो उसे आॅफ किया जाए या सक्षम रेल कर्मचारी द्वारा हैंड सिगनल पर पायलट किया जाए।
  • दिन के समय तथा जब मौसम व दृश्यता साफ हो तो सिंगल लाइन टोकन/टेबलेट वाले स्टेशन पर पूर्ण ब्रेकपावर वाली गाड़ी या लाइट इंजन या मोटर ट्राॅली को दो मोटर ट्राॅली फोलो कर सकती है।
  • सिंगल लाइन टोकनलैस/डबल लाइन सेक्शन मे ं एक गाड़ी या लाइट इंजन या मोटर ट्राॅली को एक मोटर ट्राॅली फोलो कर सकती है।
  • जब मोटर ट्राॅली फोलो नहीं कर रही हो तब उसे लाइन क्लीयर लेकर फुल ब्लाॅक पर ही चलाया जाता है।

मोटर ट्राॅली फोलो करने की विधि
  • जब मोटर ट्राॅली को किसी गाड़ी या लाइट इंजन या मोटर ट्राॅली के पीछे भेजना आवश्यक हो तो मोटर ट्राॅली का अधिकारी स्टेशन मास्टर को लिखित रूप में इस बात की सूचना देगा। जब दो मोटर ट्राॅली फोलो की जानी हो तो प्रत्येक मोटर ट्राॅली का इन्चार्ज अधिकारी लिखित रूप मे  स्टेशन मास्टर को सूचित करेगा और इसमे  यह भी बताया जाएगा कि कौन सी मोटर ट्राॅली को आगे भेजना है व कौन सी मोटर ट्राॅली पीछे जाएगी।
  • स्टेशन मास्टर कन्ट्रोल से अनुमति लेने के बाद दूसरे सिरे के स्टेशन मास्टर को संदेश के द्वारा इसकी सूचना देगा व पावती के रूप में प्राइवेट नम्बर प्राप्त करेगा। इसके पश्चात् स्टेशन मास्टर लाइन क्लीयर पर जाने वाली मोटर ट्राॅली या लाइट इंजन के लोको पायलट/चालक को प्रस्थान आदेश देगा तथा पीछे जाने वाली मोटर ट्राॅली के इन्चार्ज को मोटर ट्राॅली परमिट (टी-1525) देगा। यदि दो मोटर ट्राॅली फोलो कर रही हो तो आगे जाने वाली मोटर ट्राॅली के इन्चार्ज केा सतर्कता आदेश तथा एक लिखित मीमो दिया जाएगा जिसमें यह बताया जाएगा कि अगले स्टेशन को दो मोटर ट्राॅली फोलो करने की सूचना दे दी गई है तथा उससे प्राप्त प्राइवेट नम्बर भी लिखा जाएगा और उसके पीछे जाने वाली मोटर ट्राॅली के इन्चार्ज को मोटर ट्राॅली परमिट (टी-1525) दिया जाएगा जिस पर अगले स्टेशन से प्राप्त प्राइवेट नम्बर भी लिखा जाएगा।
  • गाड़ी का ‘ट्रेन एन्टरिंग सेक्शन’ एव  मोटर ट्राॅली का ‘ट्रेन एन्टरिंग सेक्शन’ अलग-अलग दिया जाएगा और इसकी पावती भी अलग-अलग दी जाएगी। लाइन क्लीयर पर जाने वाली गाड़ी के लिए अन्तिम रोक सिगनल आॅफ किया जाएगा (यदि हो) लेकिन पीछे जाने वाली मोटर ट्राॅली के लिए अन्तिम रोक सिगनल नहीं दिया जाएगा। ब्लाॅक सेक्शन में इन्चार्ज अधिकारियों को गाड़ी व मोटर ट्राॅली के बीच का अन्तर कम से कम 100 मीटर बनाए रखना चाहिए।
  • अगले स्टेशन का स्टेशन मास्टर ‘ट्रेन एन्टरिंग सेक्शन’ प्राप्त होने पर गाड़ी सिगनल रजिस्टर मे प्रत्येक गाड़ी या मोटर ट्राॅली का समय अलग-अलग लिखेगा और पहली गाड़ी या मोटर ट्राॅली के लिए आगमन सिगनल आॅफ करवाएगा। फोलो करने वाली मोटर ट्राॅली का ‘ट्रेन एन्टरिंग सेक्शन’ संकेत लाल स्याही से लिखा जाएगा।
  • जहाँ आगमन सिगनल पर आॅटोमेटिक सिगनल रिप्लेसर लगे हों वहाँ पहली गाड़ी या मोटर ट्राॅली के पहुँचने पर सिगनल के लीवर को तब तक वापस बैक नहीं किया जाएगा जब कि कि उसके पीछे आने वाली सभी मोटर ट्राॅली स्टेशन पर नहीं आ जाती। जहाँ आॅटोमेटिक सिगनल रिप्लेसर न लगे हो  वहाँ लाइन क्लीयर पर आने वाली गाड़ी या मोटर ट्राॅली के पहुँचने पर सिगनल लीवर को बैक करके सिगनल को आॅन स्थिति मे  लाया जाएगा लेकिन पाॅइन्ट केा किसी भी हालत मे  नहीं बदला जाएगा।
  • जब मोटर ट्राॅली का प्रभारी सेक्शन मे  10 मिनट से अधिक रुकना चाहता हो तो उसे स्टेशन से रवाना होने से पूर्व यह बात स्टेशन मास्टर व गाड़ी नियंत्रक को बतानी चाहिए।
  • अन्तिम मोटर ट्राॅली आ जाने के बाद मोटर ट्राॅली परमिट को वापस लेकर रद्द कर दिया जाएगा और उस अन्तिम मोटर ट्राॅली के इन्चार्ज के उपस्थिति मे  सेक्शन को क्लोज किया जाएगा। मोटर ट्राॅली का इन्चार्ज यदि स्टेशन पर रुक रहा हो तो गाड़ी सिगनल रजिस्टर में हस्ताक्षर भी करेगा। प्रत्येक गाड़ी या मोटर ट्राॅली का आगमन अलग-अलग दिया जाएगा।
  • पाॅइन्ट तथा क्राॅसिंग पर मोटर ट्राॅली की गति 15 कि.मी.प्र.घ. से अधिक नहीं होगी।
  • मोटर ट्राॅली मे  खराबी हो जाने पर यदि उसे पुश करके भी किसी स्टेशन पर नहीं ले जाया जा सके तो उसका इन्चार्ज उसे लाइन से उतार लेगा और निकटवर्ती स्टेशन मास्टर को इसकी लिखित रूप मे  सूचना देगा साथ ही उसके पास मोटर ट्राॅली परमिट या प्रस्थान आदेश हो तो उसे भी लौटा देगा और मोटर ट्राॅली को दुबारा लाइन पर तब तक नहीं रखेगा जब तक कि स्टेशन मास्टर से अनुमति प्राप्त न हो गई हो।
  • यदि मोटर ट्राॅली की खराबी के समय धक्का देकर चलाया जा सकता है तो निकटवर्ती स्टेशन पर उसे ले जाया जाएगा और सिंगल लाइन पर प्रथम रोक सिगनल पर या डबल लाइन मे  अन्तिम रोक सिगनल या पासवाली लाइन का प्रथम रोक सिगनल जो भी पहले आता हो, वहाँ रोककर स्टेशन मास्टर को लिखित रूप मे  सूचना दी जाएगी और स्टेशन मास्टर उसे स्टेशन पर लेने की व्यवस्था करेगा।
  • अगले स्टेशन पर मोटर ट्राॅली का इन्चार्ज सिगनल आॅन स्थिति मे  हो तो मोटर ट्राॅली को रोककर सावधानीपूर्वक स्टेशन तक आ जाएगा।
टाई टेम्पिंग मशीन 

यह इंजीनियरिंग विभाग के काम में आने वाला एक स्वचलित वाहन है जिसे रेलपथ की मरम्मत आदि के काम में लिया जाता है। इसके द्वारा रेलपथ के कई कार्य सरलता से व कम समय में किए जा सकते हैं।

टाई टेम्पिंग मशीन से संबंधित विशेष बाते  -
दिन के समय जब दृश्यता स्पष्ट हो तब अधिकतम 5 टी.टी.एम. जूनि.इंजी.-2 के अधीन कार्य करने जा सकती है।
धुंध/कोहरे के मौसम में व पूर्ण संचार व्यवस्था भंग के दौरान इसे काम करने की अनुमति नहीं है। आपात स्थिति में मंडल रेल प्रबंधक की अनुमति से रात में भी कार्य कर सकती है।
टी.टी.एम. पर 8 से अधिक व्यक्ति नहीं होने चाहिए।
इसके सक्षमता प्रमाण पत्र की वैधता एक वर्ष है जो मंडल रेल प्रबंधक (कार्य) द्वारा जारी किया जाता है।
इसमे  ब्रेकवान नहीं लगाया जाता है और न ही गार्ड की आवश्यकता होती है।
इसे बिना टी-806 प्राधिकार के रनिंग लाइन पर नहीं लाया जाना चाहिए।
काम करने वाली टी.टी.एम. की संख्या इन्चार्ज द्वारा लिखित मे  दी जाए जिसे स्टेशन मास्टर प्राइवेट नम्बर के आदान प्रदान के साथ अगले स्टेशन को बताएगा।
इसकी प्रविष्टि लाल स्याही से गाड़ी सिगनल रजिस्टर में की जाएगी।
सेक्शन इंजीनियर (रेलपथ) कार्य के दौरान इसके साथ रहेगा।
दो टी.टी.एम. के बीच की दूरी कम से कम 120 मीटर होगी।
इसकी अधिकतम गति ब्लाॅक सेक्शन में 40 कि.मी.प्र.घ. तथा क्राॅसओवर पर 10 कि.मी.प्र.घ होगी। टी.टी.एम. की कार्य प्रणाली

सिंगल लाइन -
  • कार्य करके अगले स्टेशन पर जाना हो (स्टेशन पर कोई भी ब्लाॅक उपकरण लगा हो)
  • काम करने वाली टी.टी.एम. की संख्या बताते हुए सतर्कता आदेश सभी को नोट करवाकर इन्चार्ज को दिया जाएगा।
  • इन्चार्ज अन्तिम टी.टी.एम. मे  यात्रा करेगा।
  • प्रस्थान आदेश पर जाएगी।
  • विशेष सतर्कता आदेश जारी किया जाएगा।
  • अगले स्टेशन पर आगमन सिगनल आॅफ करके लिया जाएगा।
  • एक कर्मचारी अन्तिम टी.टी.एम. आने तक प्रोसीड हैंड सिगनल दिखाते हुए प्रथम रोक सिगनल के नीचे खड़ा रहेगा।
  • इन्चार्ज वापसी पर सभी चीजों के साथ लाइन साफ व सुरक्षित होने का प्रमाण पत्र स्टेशन मास्टर को सौप देगा।
  • कार्य करके उसी स्टेशन पर वापस लौटना हो (जब स्टेशन पर टोकन/टेबलेट वाला ब्लाॅक उपकरण लगा हो)
  • सतर्कता आदेश मे  टी.टी.एम. की संख्या व वापस लौटने की सूचना दी जाएगी। सभी आॅपरेटरो  को नोट करवाकर हस्ताक्षर लेने के बाद भेजेगे।
  • इन्चार्ज प्रथम टी.टी.एम. में यात्रा करेगा।
  • प्रस्थान आदेश पर जाएगी।
  • विशेष सतर्कता आदेश जारी किया जाएगा।
  • वापसी पर सिगनल आॅफ करके स्टेशन पर लिया जाएगा।
  • प्रथम रोक सिगनल के नीचे कर्मचारी अन्तिम टी.टी.एम. आने तक प्रोसीड हैंड सिगनल दिखाएगा।
  • इन्चार्ज वापसी पर सभी चीजों के साथ लाइन साफ व सुरक्षित होने का प्रमाण पत्र स्टेशनमास्टर को सौप देगा।
  • कार्य करके उसी स्टेशन पर वापस लौटना हो (जब स्टेशन पर टोकनलैस वाला ब्लाॅक उपकरण लगा हो)
  • ब्लाॅक बैक किया जाएगा।
  • एस.एच.चाबी को सेफ कस्टडी मे  रखा जाएगा।
  • सतर्कता आदेश व टी-806 जारी किया जाएगा।
  • विशेष सतर्कता आदेश जारी किया जाएगा।
  • सभी आॅपरेटरो  को नोट करवाया जाएगा व हस्ताक्षर लिए जाएंगे।
  • अन्तिम रोक सिगनल को आॅन स्थिति मे  पार करने की अनुमति टी-806 पर दी जाएगी।
  • इन्चार्ज प्रथम टी.टी.एम. में यात्रा करेगा।
  • वापसी पर सिगनल आॅफ करके स्टेशन पर लिया जाएगा।
  • एक कर्मचारी अन्तिम टी.टी.एम. आने तक प्रोसीड हैंड सिगनल दिखाते हुए प्रथम रोक सिगनल के नीचे खड़ा रहेगा।
  • इन्चार्ज इस बात का प्रमाण पत्र देगा कि लाइन साफ व सुरक्षित है।
  • ब्लाॅक बैक रद्द करके एस.एच.चाबी वापस ब्लाॅक उपकरण में लगाएंगे।
डबल लाइन -
  • कार्य करके अगले स्टेशन जाना हो
  • राइट लाइन से -
  • लाइन क्लीयर प्राप्त करके अन्तिम रोक सिगनल को आॅफ किया जाएगा।
  • सतर्कता आदेश सभी को नोट करवाकर इन्चार्ज को सौंप दिया जाएगा।
  • इन्चार्ज अन्तिम टी.टी.एम. मे  यात्रा करेगा।
  • अगले स्टेशन पर आगमन सिगनल आॅफ करके लिया जाएगा।
  • एक कर्मचारी अन्तिम टी.टी.एम. आने तक प्रोसीड हैंड सिगनल दिखाते हुए प्रथम
  • रोक सिगनल के नीचे खड़ा रहेगा।
  • इन्चार्ज सभी चीजें स्टेशन मास्टर को सौंप देगा तब ब्लाॅक सेकशन को बन्द किया जाएगा।
  • रोंग लाइन से -
  • टी.टी.एम. की संख्या बताते हुए लाइन क्लीयर प्राप्त किया जाएगा।
  • टीसी-1425 या टीडी-1425 जारी किया जाएगा।
  • पाॅइन्टो  को सेट व क्लैम्प करवाकर टी-511 जारी करके अन्तिम पाॅइन्ट तक पायलट किया जाएगा।
  • इन्चार्ज अन्तिम टी.टी.एम. मे  यात्रा करेगा।
  • अगले स्टेशन पर दोनो  लाइनो  मे  से जिस लाइन का रोक सिगनल पहले आए, वहाँ सक्षम रेल कर्मचारी खतरे का हैंड सिगनल दिखाकर रोकेगा व फिर टी-510 के प्राधिकार पर स्टेशन मे  लिया जाएगा। यदि वहाँ कर्मचारी न हो तो नियम 4.44 के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
  • स्टेशन पहुँचकर इन्चार्ज सभी चीजें अगले स्टेशन पर सौप देगा।
  • कार्य करके उसी स्टेशन पर वापस लौटना हो
  • राइट लाइन से -
  • ब्लाॅक फाॅरवर्ड की कार्यवाही की जाएगी व काॅम्यूटेटर को ‘ट्रेन आॅन लाइन’ स्थिति पर रखा जाएगा।
  • सतर्कता आदेश सभी आॅपरेटरों को नोट करवाकर हस्ताक्षर लिए जाएंगे। अन्तिम रोक सिगनल को आॅन स्थिति में पार करने के लिए टी-806 का प्राधिकार जारी किया जाएगा।
  • इन्चार्ज प्रथम टी.टी.एम. में यात्रा करेगा।
  • वापसी पर दोनो  लाइन में से जिस लाइन का रोक सिगनल पहले आए वहाँ सक्षम रेल कर्मचारी खतरे का हैंड सिगनल दिखाकर रोकेगा व फिर टी-510 के लिखित प्राधिकार पर स्टेशन में लिया जाएगा। यदि वहाँ कर्मचारी न हो तो नियम 4.44 के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
  • रोंग लाइन से -
  • ब्लाॅक बैक की कार्यवाही की जाएगी व काॅम्यूटेटर को ‘ट्रेन आॅन लाइन’ स्थिति पर रखा जाएगा।
  • सतर्कता आदेश, टी-806 व टी-511 जारी करके अन्तिम पाॅइन्ट तक पायलट किया जाएगा।
  • इन्चार्ज प्रथम टी.टी.एम. में यात्रा करेगा।
  • वापसी पर सिगनल आॅफ करके स्टेशन पर लिया जाएगा।
  • एक कर्मचारी अन्तिम टी.टी.एम. आने तक प्रोसीड हैंड सिगनल दिखाते हुए प्रथम रोक सिगनल के नीचे खड़ा रहेगा।

रेल कम रोड़ व्हीकल 

यह एक स्वचलित वाहन है जो रेल व सड़क दोनों पर चल सकता है। यह आवश्यक सामग्री से सुसज्जित होता है और मरम्मत के कार्य मे  लिया जाता है। जब इसे सड़क पर चलाया जाता है तो सड़क नियमों के अन्तर्गत चलाया जाएगा।

संबंधित सामान्य बाते  -
  •  उसका नम्बर, मुख्यालय व प्रभारी व्यक्ति का पदनाम अंकित रहता है।
  • इसका ड्राइवर निरीक्षक (एमएमयू) के अधीन कार्य करता है।
  • इस पर यात्रा करने वाले कर्मचारियों की अधिकतम संख्या 25 होती है।
  • सफलतापूर्वक प्रशिक्षण उत्तीर्ण करने के बाद त्त्ट ड्राइवर को सक्षमता प्रमाण पत्र सेक्शन के वरि.मं.इंजी, वरि.मं.सं.अधि. व वरि.मं.सिग. एवं दूसं इंजी. द्वारा जारी किया जाता है। जिसकी वैधता 3 वर्ष होती है। इसे ड्यूटी पर साथ रखना आवश्यक है। निरीक्षक (एमएमयू) सक्षमता प्रमाण पत्र की अवधि पूर्ण होने से पहले वरि.मं.इंजी. को सूचित करेगा ताकि इसकी अवधि को उपरोक्त अधिकारियों द्वारा फिर तीन वर्ष के लिए बढ़ाया जा सके। त्त्ट ड्राइवर को प्रत्येक तीन वर्ष बाद पुनश्चर्या कोर्स पास करना होगा तथा रोड़ लाइसेंस का भी समय समय पर नवीनीकरण कराना होगा। ओवरड्यू होने पर उसे कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • कार्य हेतु ट्रेफिक ब्लाॅक, मध्य सेक्शन से ब्लाॅक हटाना, लाइन का बचाव करने की जिम्मेदारी निरीक्षक  की होती है।
  • सेक्शन के मध्य में  लाइन पर चढ़ाने या उतारने के कार्य हेतु   निरीक्षक एक प्राइवेट नम्बर की किताब जारी की जाती है।
  • ड्राइवर को ए-1 कोटि की मेडीकल जाँच पास करना अनिवार्य है।
  • डाॅक्टर द्वारा चश्मा निर्धारित किया गया हो तो ड्यूटी पर  ड्राइवर के पास दो जोड़ी चश्मे  होना आवश्यक है।
  • संरक्षा उपकरण  के पैरा 4.4 के अनुसार होने चाहिए।
  • स्टेशन पर  को स्टेबल करते समय उसे सा. व स.नि. 5.23 के अनुसार सुरक्षित किया जाना चाहिए।
  • कार्यरत स्टेशन मास्टर की लिखित अनुमति के बिना रनिंग लाइन व साइडिंग/ स्टेबलिंग लाइन के बीच नहीं चलाया जाएगा।
  • शंटिग संचालन शंट सिगनल व हैंड सिगनल की सहायता से शंटिग के सामान्य नियमों के अनुसार किया जाएगा।
 कार्यप्रणाली

एक ब्लाॅक स्टेशन से दूसरे ब्लाॅक स्टेशन तक भेजना -
  • डबल लाइन व मल्टीपल लाइन पर इसे सही लाइन पर ही भेजा जाएगा।
  • निरीक्षक अगले ब्लाॅक स्टेशन तक जाने संबंधी सूचना स्टेशन मास्टर को लिखित में देगा।
  •  लिखित सूचना प्राप्त होने पर स्टेशन मास्टर कन्ट्रोल से अनुमति प्राप्त करेगा और गाड़ी की तरह ही अगले ब्लाॅक स्टेशन से लाइन क्लीयर प्राप्त करके प्रस्थान आदेश जारी करेगा। यदि प्रस्थान सिगनल हों तो उन्हें भी आॅफ करेगा।
  • अनुमति मिलने के बाद स्टेशन मास्टर निरीक्षक  को उसके द्वारा दी गई लिखित सूचना की प्रति पर प्रस्थान का समय व विशेष निर्दे श, यदि आवश्यक हो, तो लिखकर लौटा देगा।
  • अगले स्टेशन पर त्त्ट को आगमन सिगनल आॅफ करके लिया जाएगा।
  • अगले स्टेशन पर पहुँचकर निरीक्षक ;डडन्द्ध ब्लाॅक सेक्शन साफ होने संबंधी लिखित प्रमाण पत्र कार्यरत स्टेशन मास्टर को देगा। उसके बाद ही ब्लाॅक सेक्शन को बंद किया जाएगा। स्टेशन मास्टर कन्ट्रोलर को व सभी संबंधित को इसकी सूचना देगा।
ब्लाॅक सेक्शन के मध्य  को लाइन से उतारना -

निरीक्षक  कार्यरत स्टेशन मास्टर को लिखित मे  अवगत कराएगा कि त्त्ट को मध्य सेक्शन मे  लाइन से उतारना है। इस सूचना में निम्नलिखित बाते  होगी -
  • समपार फाटक संख्या व किलोमीटर संख्या जहाँ  उतारना है।
  • सूचना देने का साधन (गेट का टेलीफोन/फील्ड टेलीफोन/वाॅकी-टाॅकी)
  • उतारे जाने वाले स्थान पर पहुँचने का संभावित समय
  • यह सूचना मिलने पर स्टेशन मास्टर कन्ट्रोलर से अनुमति लेगा और गाड़ी की तरह ही अगले ब्लाॅक स्टेशन से लाइन क्लीयर प्राप्त करेगा, यदि प्रस्थान सिगनल हो तो उन्हें भी आॅफ करेगा।
  • निर्धारित स्थान पर पहुँचकर निरीक्षक  सूचना देने के निर्धारित साधन से स्टेशन मास्टर से सम्पर्क करेगा और  को लाइन से उतारने की अनुमति माँगेगा।
  • डबल लाइन, मल्टीपल लाइन व पेरेलल लाइन पर स्टेशन मास्टर दूसरी तरफ के स्टेशन मास्टर से संपर्क करके पता करेगा कि पासवाली लाइन पर कोई गाड़ी नहीं है व उसके क्लीयरे स दिए जाने तक कोई गाड़ी उस ब्लाॅक सेक्शन मे  प्रवेश नहीं करेगी।

लाइन से उतारने से पहले निरीक्षक  सुनिश्चित करेगा कि -
यदि समपार फाटक इन्टरलाॅक्ड हो तो दोनो  दिशाओं के गेट सिगनल आॅन स्थिति में रखे जाएं। यदि इन्टरलाॅक्ड नहीं हो तो गेटमेन को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।
  • संशोधित लाल झंडी/बत्ती नियमानुसार लगा दी जाए।
  • गेट का बचाव करने के बाद निरीक्षक  प्राइवेट नम्बर सहित स्टेशन मास्टर को सूचना देगा।
  • इसके बाद स्टेशन मास्टर निरीक्षक ;डडन्द्ध को त्त्ट को लाइन से उतारने की अनुमति प्राइवेट नम्बर सहित देगा।
  • जब तक त्त्ट को लाइन से उतारकर लाइन पर रुकावट पैदा किए बिना नहीं रख दिया जाता जब तक झंडी/बत्ती खतरे की स्थिति मे  फिक्स रखी जाएगी।
  • लाइन से उतारने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद निरीक्षक  यह सुनिश्चित करेगा कि लाइन पर किसी प्रकार की रुकावट नहीं है तथा स्टेशन मास्टर को प्राइवेट नम्बर सहित सूचित करेगा कि लाइन गाड़ी संचालन के लिए सुरक्षित है।
  • निरीक्षक  द्वारा सूचना प्राप्त होने के बाद स्टेशन मास्टर दूसरी तरफ के स्टेशन मास्टर से बात करके ब्लाॅक सेक्शन को बन्द करेगा और कन्ट्रोलर को भी सूचित करेगा।
  • जहाँ समपार फाटक पर गेट सिगनल नहीं हां  वहाँ दोनां स्टेशनों के स्टेशन मास्टर सेक्शन मे  जाने वाली पहली गाड़ी को सतर्कता आदेश देकरे भेजेगे। जिसमे  समपार फाटक का स्थान व लाइन से उतारने का समय बताया जाएगा।

ब्लाॅक सेक्शन के मध्य  को लाइन पर चढ़ाना -
सिंगल लाइन पर जिस समपार फाटक से त्त्ट को लाइन पर चढ़ाना है, वहाँ से निरीक्षक  दोनों तरफ के स्टेशन मास्टरों से गेट टेलीफोन/फील्ड टेलीफोन/वाॅकी-टाॅकी से सम्पर्क करेगा व प्राइवेट नम्बर सहित त्त्ट को लाइन पर चढ़ाने की अनुमति लेने के लिए सूचना देगा। इस सूचना में समपार फाटक का नम्बर, किलोमीटर संख्या तथा गन्तव्य स्टेशन की दिशा बताएगा। डबल लाइन पर संचालन सही दिशा में ही किया जाएगा।

स्टेशन मास्टर निम्नलिखित कार्यवाही करेगा। -
  • कन्ट्रोलर को त्त्ट के लाइन पर चढ़ाने व समय संबंधी सूचना देकर उसकी अनुमति प्राप्त करेगा।
  • अनुमति मिलने पर स्टेशन मास्टर सुनिश्चित करेगा कि ब्लाॅक उपकरण ‘‘लाइन क्लोज्ड’’ स्थिति मे  है और ब्लाॅक सेकशन साफ है।
स्टेशन माटर दूसरी तरफ के/अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर से संपर्क करके निम्नलिखित सावधानियाँ रखते हुए ब्लाॅक सेक्शन को अवरुद्ध करेगा -
  • सिंगल लाइन टोकनलैस स्टेशन वाले सेक्शन में जहाँ त्त्ट को लिया जाना है, उस स्टेशन का स्टेशन मास्टर एस.एच. चाबी को ब्लाॅक उपकरण में से बाहर निकाल लेगा।
  • सिंगल लाइन टोकन/टेबलेट वाले सेक्शन मे  पिछले स्टेशन का स्टेशन मास्टर टोकन/टेबलेट को ब्लाॅक उपकरण में से निकालकर अपने कब्जे मे  तब तक रखेगा जब तक त्त्ट अगले स्टेशन पर न पहुँच जाए।
  • डबल लाइन पर जहा सीमेन्स टाइप ब्लाॅक उपकरण लगे हेां वहाँ दोनो  तरफ के स्टेशन मास्टर काॅम्यूटेटर को ‘ट्रेन आॅन लाइन’ स्थिति मे  कर देंगे। त्त्ट को अगले स्टेशन पर पहुँचने तक उस लाइन से संबंधित ब्लाॅक उपकरण का काॅम्यूटेटर ‘ट्रेन आॅन लाइन’ स्थिति मे ही रहेगा जबकि पास वाली लाइन से संबंधित ब्लाॅक उपकरण का काॅम्यूटेटर निरीक्षक  द्वारा लाइन साफ होना प्रमाणित करने के बाद ‘लाइन क्लोज्ड’ स्थिति पर किया जा सकता है।
  • डबल लाइन पर जहाँ  ब्लाॅक उपकरण लगे हों वहाँ दोनो  तरफ के स्टेशन मास्टर  चाबी को बाहर निकाल लेंगे तथा अगले स्टेशन पर वह चाबी तब तक स्टेशन मास्टर के कब्जे मे  रहेगी जब तक त्त्ट वहाँ न पहुँच जाए। जबकि पास वाली लाइन से संबंधित ब्लाॅक उपकरण की चाबी निरीक्षक  द्वारा लाइन साफ होना प्रमाणित करने के बाद पुनः ब्लाॅक उपकरण में  लगा दी जाएगी।
  • उपरोक्त विधि से सेक्शन को अवरुद्ध करने के बाद स्टेशन मास्टर निरीक्षक  को त्त्ट लाइन पर चढ़ाने की अनुमति प्राइवेट नम्बर सहित गेट टेलीफोन/फील्ड टेलीफोन/ वाॅकी-टाॅकी द्वारा देगा।
  • स्टेशन मास्टर की अनुमति मिलने पर निरीक्षक ;डडन्द्ध उपरोक्त बचाव के निर्धारित तरीके से बचाव करेगा। त्त्ट को लाइन पर चढ़ाने के बाद व स्टेशन मास्टर को प्राइवेट नम्बर सहित सूचना देगा जिसमें प्रस्थान समय भी बताएगा। डबल लाइन पर पासवाली लाइन साफ होना भी प्रमाणित करेगा।
  • त्त्ट को स्टेशन पर सिगनलों द्वारा लिया जाएगा। स्टेशन पर पहुँचकर निरीक्षक  के पहुँचने की लिखित सूचना देगा। स्टेशन मास्टर दुसरी तरफ के स्टेशन मास्टर से सम्पर्क करके ब्लाॅक सेक्शन को बन्द करेगा व कन्ट्रोलर को भी सूचित करेगा।

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