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गाड़ियों का संचालन

गाड़ियों का संचालन


नाॅन-इन्टरलाॅक्ड - पेडलाॅक्ड स्टेशन पर गाड़ियों का संचालन जब एक ही गाड़ी को लेना व रवाना करना हो -

गाड़ी की घोषणा करना - स्टेशन मास्टर गाड़ी को लाइन क्लीयर देने के बाद अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को सूचित करने हेतु स्टेशन घंटी द्वारा निर्धारित कोड में घंटी बजवाएगा, जिसे सुनकर दोनों तरफ के पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार तुरन्त स्टेशन मास्टर के पास निर्देश प्राप्त करने हेतु पहुँचेंगे। यदि लाइन क्लीयर देने से पूर्व ब्लाॅक सेक्शन मे  शंटिग टोकन के द्वारा शंटिंग कार्य चल रहा हो तो स्टेशन मास्टर लाइन क्लीयर देने से पूर्व निर्धारित घंटी बजवाएगा, जिसे सुनकर शंटिंग करवाने वाले कर्मचारी समझ जाएंगे कि स्टेशन मास्टर उस दिशा मे  किसी गाड़ी को लाइन क्लीयर देना चाहता है तब वे शंटिंग कार्य को बन्द करवाकर ब्लाॅक सेक्शन साफ करने के बाद स्टेशन पर आकर स्टेशन मास्टर को शंटिंग टोकन लौटा देंगे और मौखिक इस बात की रिपोर्ट देंगे कि ब्लाॅक सेक्शन साफ है। इसके बाद स्टेशन मास्टर उस दिशा में गाड़ी को लाइन क्लीयर देगा। पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार अगले निर्देश हेतु वहीं रुकेंगे।
  • पाइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार को निर्दे श जारी करना - स्टेशन मास्टर दोनों तरफ के पाॅइन्ट्समेन/
पाॅइन्ट्स जमादार को एक दूसरे की उपस्थिति मे  निम्नलिखित निर्देश जारी करेगा -
  • गाड़ी का विवरण व उस स्टेशन का नाम जहाँ से गाड़ी आ रही है।
  • वह लाइन जिस पर गाड़ी को लिया जाना है और क्या गाड़ी स्टेशन पर रुककर जाएगी, रनिंग थ्रू जाएगी या टर्मीनेट होगी।
  • यदि क्राॅसिंग करना हो तो दोनो  गाड़ियाँ किस-किस लाइन पर आएगी तथा पहले कौनसी गाड़ी आएगी।
  • प्रत्येक गाड़ी को लेने तथा भेजने के लिए कौन-कौन से पाॅइन्ट सेट व लाॅक किए जाएंगे।
  • यदि आने वाली गाड़ी में शंटिंग करना हो तो उसकी विस्तृत जानकारी।
  • यदि कोई गेट हो तो क्या उसे बन्द करके तालित करना है या नहीं, आदि।
  • पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार द्वारा स्टेशन मास्टर के निर्देशो  को दोहराना - स्टेशन मास्टर द्वारा जारी निर्देशों को दोनों पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार दोहराएंगे ताकि स्टेशन मास्टर समझ सके कि उसके निर्दे शों को वे अच्छी तरह समझ गए हैं।
  •  स्टेशन मास्टर द्वारा लाइन लेबल व पाइन्ट की चाबियाँ जारी करना - इसके पश्चात् स्टेशन मास्टर दोनो  पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार को सम्बन्धित लाइन के लाइन लेबल तथा पाॅइन्ट की चाबियाँ (यदि किसी पाॅइन्ट को बदलना आवश्यक हो), जिसे दोनो  पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार देखकर सुनिश्चित करेगे कि वे निर्दे श के अनुसार सही है।
  •  पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार द्वारा पाइन्ट सेट व लाक करके स्टेशन मास्टर को अपने बैज देना -
दोनों पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार स्टेशन मास्टर से लाइन लेबल व चाबियाँ प्राप्त करने के बाद अपनी अपनी दिशा के पाॅइन्ट की तरफ जाएंगे और जाते समय यह भी सुनिश्चित करंगे कि उस लाइन पर किसी प्रकार की रुकावट नहीं है। आवश्यकतानुसार वे पाॅइन्ट को सेट व तालित करेंगे व जिसे सेट न करना हो उसका भी निरीक्षण करेंगे कि वे सही लगे हुए हैं व उनमें किसी प्रकार की रुकावट नहीं है। इसके पश्चात् वे स्टेशन पर आकर स्टेशन मास्टर को मौखिक आॅल राइट रिपोर्ट देगे कि उन्होंने निर्देश के अनुसार पाॅइन्ट सेट व तालित कर दिए हैं और अपने अपने पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट जमादार बैज स्टेशन मास्टर को सौप देगें, जिसे देखकर स्टेशन मास्टर सुनिश्चित करेगा कि उन्होंने उसके निर्देश के अनुसार ही कार्यवाही की है।
  • पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट जमादार का पुनः पाॅइन्ट पर जाना व स्टेशन मास्टर से आॅल राइट सिगनल मिलाना - इसके बाद दोनो  पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार अपनी अपनी दिशा के पाॅइन्ट की तरफ जाएंगे व एक बार पुनः सुनिश्चित करेगे कि पाॅइन्ट सही सेट व तालित तथा बेरुकावट है तब पहले ट्रेलिंग सिरे वाला (यदि वह वहाँ हो तो) व फिर फेसिंग सिरे वाला पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार उस लाइन के बीच में खडे  होकर स्टेशन मास्टर से आॅल राइट सिगनल मिलाएंगे। यदि सिगनल आॅफ करने हेतु पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार की आवश्यकता हो तो ट्रेलिंग साइड वाला स्टेशन पर ही रुकेगा और पाॅइन्ट पर नहीं जाएगा।
  • गाड़ी के आगमन सिगनल आॅफ करवाना - स्टेशन मास्टर आॅल राइट सिगनल एक्सचेंज करने व पाॅइन्ट इंडीकेटर्स हो तो उनको देखकर सुनिश्चित करने के बाद आगमन सिगनल आॅफ करने हेतु चाबी जारी करेगा व अपनी उपस्थिति में आगमन सिगनल आॅफ करवाएगा। यदि आउटर सिगनल का लीवर पाॅइन्ट के पास लगा हो तो पाॅइन्ट्समेन/ पाॅइन्ट्स जमादार पाॅइन्ट पर जाने से पूर्व उसके लीवर लाॅक की चाबी स्टेशन मास्टर से लेकर पाॅइन्ट पर जाएगा और स्टेशन मास्टर द्वारा होम सिगनल आॅफ करवाने के बाद वह आउटर सिगनल को भी आॅफ करेगा।
  • फेसिंग पाइन्ट का मेनिंग - फेसिंग पाॅइन्ट पर खड़ा पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार आने वालीगाड़ी के लोको पायलट को प्रोसीड हैंड सिगनल दिखाएगा।
  • गाड़ी को रवाना करना - स्टेशन मास्टर उस गाड़ी के लिए अगले ब्लाॅक स्टेशन से लाइन क्लीयरप्राप्त करेगा और गाड़ी चलाने से पूर्व यह सुनिश्चित करेगा कि गाड़ी को जाने के लिए सभी पाॅइन्ट सही सेट व तालित हैं। यदि कोई गेट हो तो उसे बन्द व तालित कर दिया गया हो तो सके लिए पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार से आॅल राइट सिगनल मिला लिया हो। जाने वाली गाड़ी को पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार (यदि वहाँ हो) द्वारा प्रोसीड हैंड सिगनल दिखाएगा। 
  • पाइन्टो  को सामान्य स्थिति मे  करना - गाड़ी गुजरने के बाद दोनों पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार स्टेशन मास्टर से पाॅइन्ट की चाबियाँ लेकर (यदि पाॅइट को बदलना हो) अपने-अपने पाॅइन्ट की तरफ जाकर देखेंगे कि गाड़ी से कोई पाॅइन्ट क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है या वहाँ किसी प्रकार की रुकावट तो नहीं है तथा पाॅइन्ट को बदलना हो तो सामान्य स्थिति में करके वापस स्टेशन पर आएंगे। 
  • पाइन्ट की चाबियाँ व स्टेशन मास्टर लाइन लेबल लौटाना - स्टेशन पर आकर दोनो  पाॅइन्ट्समेन/ पाॅइन्ट्स जमादार सम्बन्धित चाबियाँ व स्टेशन मास्टर के लाइन लेबल स्टेशन मास्टर को लौटा देंगे व मौखिक पाॅइन्ट की आॅल राइट रिपोर्ट देंगे। स्टेशन मास्टर पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार को उनके बैजेस लौटा देगा। 

जब दो गाड़ियो  का क्राॅसिंग करना हो -
  • जहाँ नाॅन-इन्टरलाॅक्ड स्टेशन पर दो गाड़ियों का क्राॅसिंग करना हो तो उपरोक्त कार्यवाहियों केअतिरिक्त दोनो  गाड़ियों के फेसिंग पाॅइन्टो  को सही सेट व तालित किया जाएगा तथा ट्रेलिंग पाॅइन्ट विरूद्ध दिशा मे  लगाए जाएंगे। 
  • यदि दोनो  पाॅइन्टो  पर कर्मचारी हो  तो फेसिंग सिरे वाला आने वाली गाड़ी को प्रोसीड हैंड सिगनल व ट्रेलिंग सिरे वाला खतरे का हैड सिगनल दिखाएगा। 
  • प्रथम गाड़ी के आकर फाउलिंग मार्क के अन्दर खड़ी हो जाने के बाद दूसरी गाड़ी को सिगनल दिया जाएगा। यदि पर्याप्त समय हो तो उसे सिगनल आफ करने से पूर्व ट्रेलिंग सिरे के पाॅइन्टों को भी बदलकर दूसरी गाड़ी के लिए ही लगा दिया जाएंगे और समय न हो तो गाड़ी आने के बाद लोको पायलट को प्रस्थान आदेश सौपने से पूर्व पाॅइन्टों को बदला जाएगा। 
  • पहली गाड़ी को रवाना करने से पूर्व भी ट्रेलिंग सिरे का पाॅइन्ट बदला जाएगा।
  • क्राॅसिंग के समय जहाँ आवश्यक हो, स्टेशन मास्टर द्वारा पाॅइन्ट का व्यक्तिगत निरीक्षण किया जाना चाहिए।
लाइन लेबल व लाइन बैजेस

स्टेशन मास्टर्स लाइन लेबल - ये पीतल के चाबी के आकार के होते हैं। इनके आगे की ओर  पीछे की ओर स्टेशन का कोड नाम खुदा होता है। ये स्टेशन मास्टर के व्यक्तिगत संरक्षण में रहते हैं। स्टेशन पर जितनी रनिंग लाइनें होती हैं वहाँ उतने ही लाइन लेबल के सेट (प्रत्येक लाइन के एक जैसे दो-दो) रखे जाते हैं। इन्हें इनके सिरे की बनावट के आकार के अनुसार पहचाना जाता है। अप गाड़ी के लिए सिरा अंडाकार, डाउन गाड़ी के लिए आयताकार तथा ब्रान्च लाइन के लिए तिकोना होता है। इसके दूसरे सिरे पर लाइन की संख्या के अनुसार नोक उभरी हुई रहती है जिसे देखकर अनपढ़ पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार लाइन के बारे में जान सकता है।

पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार के बेज - ये स्टेशन मास्टर्स लाइन लेबल के जैसी ही बनावट वाले परन्तु आकार में छोटे होते हैं। ये अप दिशा के लिए स्टेनलैस स्टील के तथा डाउन दिशा के लिए तांबे के होते हैं। ये पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार के पास रहते हैं। इन पर आगे की ओर  तथा पीछे की ओर स्टेशन का नाम खुदा रहता है। 

ये लाइन लेबल व लाइन बैज का गाड़ी संचालन के दौरान स्टेशन मास्टर व पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स मादार आदान-प्रदान करते हैं। जिससे उनकी मौखिक स्वीकृति की पुनरावृति हो सके। इनके द्वारा आवश्यकता पड़ने पर जिम्मेदारी भी निर्धारित की जा सकती है। इनकी विस्तृत जानकारी स्टेशन संचालन नियम में होती है। जब इनका उपयोग नहीं किया जा रहा हो तब स्टेशन मास्टर इन्हे  नाॅन-इन्टरलाॅक्ड की-बाॅक्स में सुरक्षित रखता है। इनके खो जाने पर स्टेशन मास्टर द्वारा स्वयं पाॅइन्ट का व्यक्तिगत निरीक्षण करने के बाद ही गाड़ी का संचालन किया जाएगा व इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर को भेजी जाएगी। स्टेशन मास्टर लाइन लेबल व पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार बैज का उपयोग

  • नाॅन-इन्टरलाॅक्ड पेडलाॅक्ड स्टेशन पर गाड़ी संचालन के दौरान।
  • की-लाॅक्ड या मोडिफाइड नाॅन-इन्टरलाॅक्ड स्टेशन पर लाॅकिंग खराब हो जाने पर।
  • जहाँ यार्ड के एक भाग में इन्टरलाॅकिंग या की-लाॅकिंग हो तथा दूसरे भाग मे  पाॅइन्ट पेडलाॅक्ड हो तो उस पेडलाॅक्ड यार्ड मे  गाड़ी संचालन के दौरान।
  • इन्टरलाॅक्ड स्टेशन की इन्टरलाॅकिंग खराब हो गई हो या उसे डिस्कनेक्ट कर दिया गया हो।
स्टेशन मास्टर द्वारा पाॅइन्ट का व्यक्तिगत निरीक्षण
ऐसे नाॅन-इन्टरलाॅक्ड स्टेशन जहाँ पाॅइन्ट जमादार नहीं है, पाॅइन्ट की सही सेटिंग व लाॅकिंग तथा वे डेमेज तो नहीं है इसे सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन मास्टर निम्नलिखित परिस्थितियो  मे  पाॅइन्ट का स्वयं निरीक्षण करेगा -
सभी पेडलाॅक्ड व की-लाॅक्ड पाॅइन्ट जिन पर से यात्री गाड़ी को रनिंग थ्रू जाना हो।
जब दो गाड़ियों का क्राॅसिंग हो या ओवरटेकिंग हो और उनमें से एक गाड़ी सवारी हो तो सभी पेडलाॅक्ड फेसिंग पाॅइट का निरीक्षण आवश्यक है। मेटेरियल ट्रेन जिसमें कुली हों या विभागीय गाड़ी जिनमें कर्मचारी हों उसे भी सवारी गाड़ी समझा जाएगा।

  • जब लाइन लेबल/बैज खो गया हो।
  • जब पाॅइन्ट खराब हो गया हो।
  • जब स्टेशन से कोई वी.आई.पी. स्पेशन गाड़ी गुजरने वाली हो।
  • क्लच री-सेटिंग लीवर का प्रयोग करने से पहले।
  • मोटर आॅपरेटेड पाॅइन्ट फेल होने पर जब उसे क्रेंक हैंडल द्वारा सेट किया गया हो।
  • परमानेन्टली लाॅक्ड ‘ए’ क्लास पाॅइन्ट का संचालन होने से पहले व बाद मे ।
  • जब की-लाॅक्ड स्टेशन की लाॅकिंग खराब हो गई हो।
  • केवल एक गाड़ी पद्धति में उन स्टेशनों पर जहाँ लाइन लेबल/बैज की कार्यप्रणाली चालू न हो।
  • स्टेशन संचालन नियम में किसी पाॅइट के निरीक्षण के बारे मे  लिखा गया हो तो।
  • नाॅन-इन्टरलाॅक्ड स्टेशन पर गाड़ियों को लेने व रवाना करने हेतु पाॅइन्टों की चाबियाँ जारी करना व उन्हें वापस लेना
  • स्टेशन मास्टर पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार को जिस लाइन के पाॅइन्ट बदलने हैं, उनकी ही चाबियाँ देगा। क्राॅसिंग के समय पहली गाड़ी आ जाने के बाद दूसरी गाड़ी को रवाना करने से पहले स्टेशन मास्टर प्रस्थान सिरे की तरफ के पाॅइन्ट बदलने के लिए पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार को चाबियाँ देगा व वे देखेंगे कि चाबियाँ बराबर हैं तथा जिस लाइन के लिए मौखिक आदेश दिए गए हैं उसी लाइन से सम्बन्धित हैं।
  • सिगनल आॅफ करने से पहले स्टेशन मास्टर निम्नलिखित चाबियाँ वापस ले लेगा तथा जाँच लेगा कि वे ठीक हैं तथा चबियों के नम्बर गाड़ी सिगनल रजिस्टर मे  लिख लेगा।
  • किसी गाड़ी को लेने या रवाना करने से पहले परमानेन्टली लाॅक पाॅइन्ट की चाबियाँ स्टेशन मास्टर के पास होनी चाहिए।
  • यदि उपरोक्त रिलीज चाबियाँ सिगनल पोस्ट मे  लगाकर सिगनल को रिलीज करने के काम मे ं आती है तब वे स्टेशन मास्टर के पास नहीं रहेगी।
  • क्राॅसिंग के समय स्टेशन मास्टर दूसरी गाड़ी के सिगनल आॅफ करने से के लिए सिगनल की चाबियाँ दे देगा चाहे ट्रेलिंग पाॅइट विरूद्ध दिशा मे  लगा हुआ हो। लेकिन इस गाड़ी को प्रस्थान अनुमति देने से पहले स्टेशन मास्टर पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार के साथ आॅल राइट सिगनल का आदान-प्रदान करेगा कि पाॅइन्ट सही लगे हुए तथा फेसिंग पाॅइन्ट तालित किए हुए हैं और यदि गाड़ी को रनिंग थ्रू भेजना हो तो सम्बन्धित पाॅइन्ट की रिलीज पाॅजीटिव चाबी स्टेशन मास्टर के पास होनी चाहिए।
  •  यह सुनिश्चित करने के लिए कि पाॅइन्ट एवं डिरेलिंग स्विच ठीक प्रकार से लगाकर लाॅक कर दिए गए हैं , इनकी रिलीज चाबियाँ पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार स्वयं स्टेशन मास्टर को दे जाएगा या स्टेशन मास्टर किसी अन्य चतुर्थ श्रणी कर्मचारी को भेजकर मँगवा लेगा।
  • पेडलाॅक पाॅइन्ट की चाबियाँ गाड़ी के आने व जाने के समय पाॅइन्ट्समेन/पाॅइन्ट्स जमादार के पास रह सकती है लेकिन आवागमन पूरा हो जाने के बाद पाॅइन्ट को सामान्य स्थिति मे  लगाकर चाबियाँ वापस स्टेशन मास्टर को लौटा दी जाएगी। इन पेडलाॅक पाॅइन्ट में परमानेन्टली लाॅक पाॅइन्ट एवं स्लिप/कैच साइडिंग पाॅइन्ट शामिल नहीं है। इनकी चाबियाँ तो स्टेशन मास्टर के पास ही रहेंगी। गाड़ी को स्टेशन पर लेने व भेजने हेतु पाॅइन्टों को सेट व तालित करना

नाॅन इन्टरलाॅक्ड स्टेशन पर -

  • जब एक ही गाड़ी का  लेना व भेजना  हो - जिस लाइन पर गाड़ी को लेना है उस लाइन के फेसिंग तथा ट्रेलिंग पाॅइन्ट सेट करवा दिए जाएंगे तथा फेसिंग पाॅइन्ट को तालित करवा दिया जाएगा।
  • जब दो  गाड़यों का क्रासिंग करना हो तो  -
  • प्रत्येक गाड़ी को जिस जिस लाइन पर लेना हो उनके सभी फेसिंग पाॅइन्ट को सेट करके तालित कर दिया जाएगा।
  • ट्रेलिंग पाॅइन्ट सम्बन्धित लाइन के विरूद लगे रहेंगे लेकिन इनको रूकावट नहीं माना जाएगा।
  • सिगनल आॅफ करने के लिए पर्याप्त दूरी मेन लाइन पर ट्रेलिंग पाॅइन्ट से आगे दी जाएगी।
  • यदि लूप लाइन के साथ डेड एन्ड साइडिंग हो तब पाॅइन्ट डेड एन्ड या साइडिंग की ओर लगाए जाएंगे तथा सिगनल आॅफ करने की पर्याप्त दूरी इन्हीं में दी जाएगी।
  • पहली गाड़ी के फाउलिंग मार्क के अन्दर खड़ी होने के बाद ही दूसरी तरफ की गाड़ी के लिए सिगनल आॅफ किए जाएंगे।
  • पहली गाड़ी के आ जाने के बाद दूसरी गाड़ी के ट्रेलिंग पाॅइन्ट भी उसी लाइन के लिए लगा दिए जाएंगे जिस लाइन पर दूसरी गाड़ी केा लिया जा रहा है, यदि समय हो तो ट्रेलिंग पाॅइन्ट को सिगनल आॅफ करने से पहले ही बदल दिया जाएगा और यदि समय न हो तो उस पाॅइन्ट को प्रस्थान आदेश सौंपने से पहले बदल दिया जाएगा।
  • यदि दूसरी गाड़ी स्टेशन से रनिंग थ्रू जाने वाली हो तब ट्रेलिंग पाॅइन्ट को सिगनल आॅफ  करने से पूर्व अवश्य सेट कर दिया जाएगा।
  • दूसरी गाड़ी आ जाने के बाद पहली गाड़ी के लिए भी ट्रेलिंग पाॅइन्ट को लगा दिया जाएगा।

इन्टरलाॅक्ड स्टेशन पर -

जब एक गाड़ी को लिया व रवाना किया जा रहा  हो - मेन लाइन पर यदि गाड़ी को लेना हो तो मेन लाइन के सभी फेसिंग व ट्रेलिंग पाॅइन्ट सेट कर दिए जाएंगे तथा फेसिंग पाॅइन्ट को तालित कर दिया जाएगा। जब गाड़ी को लूप लाइन पर लेना हो तो फेसिंग तथा ट्रेलिंग पाॅइन्ट लूप लाइन की ओर सेट कर दिए जाएंगे तथा फेसिंग पाॅइन्ट को तालित कर दिया जाएगा। ट्रेलिंग पाॅइन्ट को आवश्यकतानुसार मेन लाइन या डेड एन्ड की तरफ सेट किया जा सकता है।

जब सिंगल लाइन पर दो   गाड़ियों का क्रासिंग करना हो और यार्ड मे  दोनो  तरफ की गाड़िया   को एक साथ सिगनल आॅफ करके लेने की सुविधा न  हो- जहाँ पर लूप लाइन डेड एन्ड मे ं समाप्त नहीं होती वहाँ पर जिस लाइन पर गाड़ी लेनी है उसके फेसिंग तथा ट्रेलिंग पाॅइन्ट सेट कर दिए जाएंगे तथा फेसिंग पाॅइन्टों को तालित कर दिया जाएगा तथा जहाँ पर लूप लाइन डेड एन्ड मे ं समाप्त होती है वहाँ पर पाॅइन्ट इस तरह सेट तथा फेसिंग पाॅइन्टो  को तालित कर दिए जाएंगे कि गाड़ी अपनी नामित लाइन पर ली जा सके तथा उसके ट्रेलिंग पाॅइन्ट डेड एन्ड की ओर सेट कर दिए जाएंगे। इस तरह पहली गाड़ी लूप लाइन पर ली जाएगी जिसके ट्रेलिंग साइड के पाॅइन्ट डेड एन्ड की ओर लगे हुए हैं। यदि पहली गाड़ी लूप लाइन की बजाय मेन लाइन पर लेनी है तो मेन लाइन के फेसिंग तथा ट्रेलिंग पाॅइन्ट सेट करके फेसिंग पाॅइन्ट को तालित कर दिया जाएगा।

जब सिंगल लाइन पर दो  गाड़ियों का क्रासिंग करना हो  और  यार्ड में  दोनो   तरफ की गाड़िया   को एक साथ सिगनल आॅफ करके लेने की सुविधा हो  - दोनो  लूप लाइन के लिए दूर सिरे तक के पाॅइन्ट सेट तथा फेसिंग पाॅइन्ट तालित कर दिए जाएंगे, जहाँ पर उनके लिए पर्याप्त दूरी दी गई है।

बर्थिंग आॅफ पैसेन्जर ट्रेन

  • साधारणतया स्टेशन पर रुकने वाली सवारी गाड़ी को प्लेटफाॅर्म लाइन पर लिया जाएगा।
  • सिंगल लाइन के स्टेशन पर क्राॅसिंग के समय पहले आने वाली गाड़ी को हमेशा लूप लाइन पर लेना चाहिए। उपरोक्त नियम का उल्लंधन नहीं होना चाहिए।
  • जब किसी स्टेशन पर दो सवारी गाड़याँ जो कि उस स्टेशन पर समय सारिणी के अनुसार रुकती हो, क्राॅसिंग करना हो और स्टेशन पर एक ही प्लेटफाॅर्म हो तो निम्न विधि अपनायी जाएगी -
  • यदि प्लेटफाॅर्म की ऊँचाई रेल लेवल या 455 मिलीमीटर तक है तो पहले आने वाली सवारी गाड़ी को प्लेटफाॅर्म लाइन पर लिया जाएगा और दूसरी सवारी गाड़ी को नाॅन-प्लेटफाॅर्म लाइन पर लिया जाएगा। दोनो  गाड़ियों को इतना आगे बढ़ाया जाएगा कि गाड़ी का इंजनफाउलिंग मार्क साफ करके खड़ा हो तथा दोनों गाड़ियों का आखरी डिब्बा, जहाँ तक संभव हो, एक दूसरे से साफ हो।

  • जहाँ प्लेटफाॅर्म की ऊँचाई 760 मिलीमीटर या उससे अधिक हो तो स्टेशन पर पहले आने वाली सवारी गाड़ी को प्लेटफाॅर्म लाइन पर लिया जाएगा तथा यात्रियों के गाड़ी में चढ़ने व उतरने के बाद पहली गाड़ी को नाॅन-प्लेटफाॅर्म लाइन पर शंट कर दिया जाएगा व उसके बाद दूसरी गाड़ी को प्लेटफाॅर्म लाइन पर लिया जाएगा। पहली गाड़ी को नाॅन-प्लेटफाॅर्म वाली लाइन से ही रवाना कर दिया जाएगा। या
  • पहली सवारी गाड़ी को प्लेटफाॅर्म लाइन पर लिया जाएगा व दूसरी सवारी गाड़ी को नाॅन-प्लेटफाॅर्म लाइन पर लेने के बाद जब पहली गाड़ी प्लेटफाॅर्म लाइन से रवाना हो जाएगी तब दूसरी गाड़ी को शंटिंग मूवमेट द्वारा प्लेटफाॅर्म लाइन पर बैक कर दिया जाएगा।या
  • जिस स्टेशन पर प्लेटफाॅर्म लाइन की लम्बाई पर्याप्त हो वहाँ पहली सवारी गाड़ी को प्लेटफाॅर्म लाइन पर लेकर दूसरी सवारी गाड़ी को साफ लाइन से शंटिंग मूवमेट द्वारा थ्र ूपास करके सावधानीपूर्वक उसी प्लेटफाॅर्म वाली लाइन पर जिस पर कि पहली सवारी गाड़ी खड़ी हुई है, बैक कर दिया जाएगा।

यदि दोनो  सवारी गाड़ियों मे  से कोई भी स्टेशन पर रुकने वाली न हो  - पहली आने वाली सवारी गाड़ी प्लेटफाॅर्म लाइन पर ली जाएगी तथा दूसरी सवारी गाड़ी को नाॅन-प्लेटफाॅर्म लाइन से थ्र ू पास किया जाएगा।

यदि दोनो  सवारी गाड़िया  मे  से एक सवारी गाड़ी स्टेशन पर रुकने वाली हो - पहली रुकने वाली सवारी गाड़ी को प्लेटफाॅर्म लाइन पर लिया जाएगा तथा दूसरी सवारी गाड़ी को नाॅन-प्लेटफाॅर्म वाली लाइन से थ्रू पास कर दिया जाएगा।

  • जब नाॅन-प्लेटफाॅर्म लाइन पर कोई सवारी गाड़ी खड़ी हो तो प्लेटफाॅर्म लाइन से किसी भी गाड़ी को थ्रू पास नहीं किया जाएगा।
  • साधारणतया जंक्शन स्टेशन पर सभी यात्री गाड़ियों को अपनी नामित लाइन पर लिया जाएगा और रवाना किया जाएगा यदि ऐसा नहीं किया जा सके तो इसकी अग्रिम सूचना इन्कवायरी क्लर्क, पार्सल क्लर्क, आर.एम.एस. और उद्घोषक को देनी चाहिए।
  • किसी गाड़ी को मेन लाइन या सीधी लाइन पर लेने के बाद किसी दूसरी लाइन पर शंट आॅफ नहीं किया जाना चाहिए। यदि दुर्घटना या आपातकालीन परिस्थिति मे  ऐसा करना आवश्यक हो तो स्टेशन मास्टर कन्ट्रोल से अनुमति प्राप्त करेगा।

अतालित रहने वाले पाॅइन्ट्स

सामान्य स्थिति में नाॅन-इन्टरलाॅक्ड पेडलाॅक्ड पाॅइन्ट बिना ताला लगाए रखे जाएंगे। इसमें परमानेन्टली लाॅक्ड पाॅइन्ट, कैच साइडिंग पाॅइन्ट, स्लिप साइडिंग पाॅइन्ट और ऐसे स्टेशन के पाॅइन्ट जहाँ पाॅइन्ट जमादार नहीं है, शामिल नहीं हैं।

परमानेन्टली लाॅक्ड पाॅइन्ट


  • नाॅन-इन्टरलाॅक्ड पेडलाॅक्ड व की-लाॅक्ड पाॅइन्ट जो रनिंग लाइन से माल गोदाम की लाइन, सिक लाइन, स्टेबलिंग लाइन, साइडिंग आदि की तरफ जाने वाले पाॅइन्ट हमेशा ताला लगाकर रखे जाएंगे जिससे रनिंग लाइन को आइसोलेट किया जा सके।
  • रनिंग लाइनों के क्राॅस ओवर के नाॅन-इन्टरलाॅक्ड पाॅइन्ट को हमेशा ताला बन्द करके रखा जाएगा।
  • ऐसे पाॅइन्ट जो ट्राफिक यार्ड को दूसरे यार्ड से (लोको यार्ड आदि) आइसोलेट करते हैं, उनके पाॅइन्ट को भी हमेशा ताला बन्द करके रखा जाएगा। परमानेन्टली लाॅक पाॅइन्ट दो प्रकार के होते हैं -

‘ए’ क्लास परमानेन्टली लाक्ड पाइन्ट - ऐसे पाॅइन्ट जिनका उपयोग कम होता है तथा जो स्टेशन के नजदीक होते हैं तथा जिन्हें स्टेशन मास्टर आसानी से अटेन्ड कर सकता हो, ऐसे पाॅइन्टो ं को ‘ए’ क्लास परमानेन्टली लाॅक्ड पाॅइन्ट करते हैं।

बी’ क्लास परमानेन्टली लाक्ड पाइन्ट - ऐसे पाॅइन्ट जिनका उपयोग अधिक होता है तथा जो स्टेशन से दूर होते हैं एवं जिन्हें स्टेशन मास्टर आसानी से अटेन्ड नहीं कर सकता हो, ऐसे पाॅइन्टो  को ‘बी’ क्लास परमानेन्टली लाॅक्ड पाॅइन्ट कहते हैं। रनिंग लाइन पर स्थित परमानेन्टली लाॅक्ड पाॅइन्ट रनिंग लाइन के लिए लगे हुए रहेगे।

साइडिंग से रनिंग लाइन की ओर बढ़ने वाले परमानेन्टली लाॅक्ड पाॅइन्ट साइडिंग की ओर लगे हुए रहेंगे।
सामान्यतया परमानेन्टली लाॅकड पाॅइन्ट की चाबियाँ स्टेशन मास्टर के पास सुरक्षित रहेंगी जिन्हें स्टेशन मास्टर तब ही जारी करेगा जब पाॅइन्ट को बदलना जरूरी हो।
परमानेन्टली लाॅक्ड पाॅइन्ट की संख्या, उनका वर्गीकरण और सामान्य स्थिति मे  लगे होने का विवरण स्टेशन संचालन नियम मे  दिया रहता है।

परमानेन्टली लाॅक्ड पाॅइन्ट के उपयोग के बाद उन्हें पुनः तालित करना -
यदि ‘ए’ क्लास परमानेन्टली लाॅक्ड पाॅइन्ट हो तो स्टेशन मास्टर स्वयं यह देखेगा कि पाॅइन्ट पुनः सामान्य स्थिति मे  सेट करके तालित कर दिया गया है।

  • यदि ‘बी’ क्लास परमानेन्टली लाॅक्ड पाॅइन्ट हो तो उपयोगकर्ता, उपयोग के बाद पुनः सामान्य स्थिति में पाॅइन्ट को सेट करके व ताला लगाकर स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना देगा।
  • गाड़ी को स्टेशन पर लेने से पहले या गाड़ी को स्टेशन से रवाना करने से पहले परमानेन्टली लाॅक्ड पाॅइन्ट की चाबियाँ स्टेशन मास्टर के पास होनी चाहिए। यदि ये चाबियाँ सिगनल को रिलीज करने के लिए जरूरी हो अथवा चाबी लीवर को नाॅर्मल पोजीशन में जाने पर ही निकली हो तो ऐसी स्थिति में चाबी स्टेशन मास्टर के पास नहीं रहेगी।
  • पाॅइन्टो , ट्रेप पाॅइन्टो , स्काॅच ब्लाॅक, सिगनल आदि की चाबियाँ स्टेशन मास्टर के की-लाॅक्ड बाॅक्स मे रहेंगी। यदि कोई आॅफ ड्यूटी कर्मचारी या अन्य कोई व्यक्ति उन चाबियों का संचालन करता हुआ पाया गया तो वह रेल सेवा से बर्खास्त  के दण्ड का भागी होगा।

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