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यार्ड संकुचन (Yard-Congestion) - लक्षण, कारण एवं उपाय

साधारणतया किसी यार्ड की कार्य क्षमता, यार्ड में लगाये गये कुल बैगनो की दो - तिहाई माना जाता है. यदि यार्ड में कार्य क्षमता से ज्यादा वैगने आ जाय तो यार्ड सुचारू रूप से कार्य नही कर पाता है 

यदि किसी यार्ड की क्षमता बार - बार घटती है, जब कोई यार्ड प्राप्त होने वाले यातायात को सम्भालने में असमर्थ हो जाय या किसी प्रकार की कठिनाई के कारण उसकी कार्य क्षमता कम हो जाय तो उससे चल स्टाक की गतिशीलता अवरूध्द हो जाती है, जिससे ऐसा यातायात जमा हो जाता है. जिसका निपटान न होने के कारण यातायात के संचालन में कठिनाई आती है. तो यह माना जाता है कि यार्ड संकुचित हो गया है. इस स्थिति को यातायात का जमाव / यातायात की सघनता या यार्ड सकुचन कहते है. 

यार्ड संकुचन के निम्नलिखित लक्षण  है - 

 1. यार्ड का संतुलन बिगड़ जाने से.

2. गाडियों को देरी से रवाना होने से.

3. गाडियों को बाहरी सिगनलो पर अनावश्यक बिलम्बन.

4. यार्ड में क्रास ट्रेफिक का बढ़ जाना.

5. गाडियों को स्टेबल करना.

6. गाडियों का डायवर्शन होना.

7. गाडियों का पाथ बार - बार बदलना.

8. यार्ड में थ्रू लोड हेतु लाइन क्लियर न देना.

9. स्थानीय वैगनो को यार्ड से न निकाल पाना.

10. गाड़ियाँ तैयार न कर पाना.

यार्ड संकुचन के कारण - 

 1. शंटिंग इंजन की कमी होना. 

2. क्रास ट्रेफिक को न भेज पाना.

3. आने वाली गाडियों की संख्या में अचानक वृध्दि होना.

4. आने वाली गाडियों में उचित अंतराल का न होना.

5. गाडियों को निकालने में देरी करना.

6. यार्ड में डीरेलमेंट का होना.

7. सेक्शन में डीरेलमेंट का होना.

8. TXR स्टाफ व्दारा गाडियों सिक मार्किंग अधिक करना.

9. TRX स्टाफ व्दारा परीक्षण में समय अधिक लेना.

10. सिक वैगनो को सिक साइडिंग में समय से न भेजना. 

11. ज्यादा अवैध बी पी सी वाली गाड़ी का यार्ड में प्रवेश.

12. यार्ड में उचित प्रकाश की व्यवस्था का न होना.

13. क्षतिग्रस्त वाहनों की संख्या में एकाएक वृध्दि.

14. यार्ड मास्टर का अकुशल होना.

15. पड़ोसी यार्ड में ज्यादा संकुचन का हो जाना.

16. स्टाफ उपलब्धता का सही न होना.

17.यार्ड मास्टर एवं क्षेत्रीय नियंत्रण तथा उप मुख्य नियंत्रक (माल) में आपसी समन्वय का न होना. 

18. स्थानीय वैगनो का यार्ड में जमावाडा हो जाना.

19. अन्य कारण जैसे - ओला, तूफ़ान, तेज वर्षा आदि का होना.

यार्ड संकुचन दूर करने के उपाय - 

1. कारणों का विश्लेषण कर उचित उपाय करना.

2. यार्ड के कुछ कार्य पड़ोसी यार्ड को स्थानांतरित करना चाहिए.

3. ट्रांजिट शेडो में रात्रि में भी कार्य करना चाहिए.

4. यातायात पर प्रतिबंध लगाकर, यातायात का प्रवाह को कम करना चाहिए.

5. गाडियों को वैकल्पिक मार्ग से चलना चाहिए.

6. मार्शलिंग संबंधी आदेशो में छूट देना चाहिए.

7. अच्छे शंटिंग इंजनो तथा अतिरिक्त शंटिंग इंजनों का प्रयोग करना चाहिए.

8. पड़ोसी यार्ड से अतिरिक्त कर्मचारी, ब्रेकयान, क्रू दल का प्रबंध करना चाहिए.

9. वरि. पर्यवेक्षक और अधिकारी द्वारा लगातार बेहतर  पर्यवेक्षण करना चाहिए.

10. ज्यादा गाड़ियाँ मेंन लाइन से चलाना चाहिए.

11. कार्य कुशल कर्मचारियों को काम पर लगाना चाहिए.

12. अन्य विभागों से समुचित तालमेल रखना चाहिए.

13. छोटी - मोटी मरम्मत लोड पर करना चाहिए.

14. यार्ड दुर्घटना को तुरंत अटेंड करना एवं अवरोध को हटाना चाहिए.

15. दुर्घटना से निपटने हेतु / थ्रू लोड निकालने हेतु एक लाइन को साफ़ रखना. 




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