यात्री और माल गाड़ी का ब्लाक रैक
उदेश्य एवं सामान्य नियम
ब्लाक रैक : ब्लाक रैक जा अभिप्राय है, नामांकित वाहनो का समूह कोचों एवं वैगनो का ऐसा सेट होता है जिनका विशेष रूप से मार्शलिंग करके किसी सेक्शन में चलाने के लिये किसी नामांकित पेसेंजर या मालगाड़ी के लिये चुना गया है उन्हें COM की अनुमति से नामांकित किया जाता है. ब्लाक रैक का मेंटेनेस, रिपेयर , और पी ओ एच एक ही समय में किया जा सके.
1. उचित बैटरी चार्जिंग व्दारा लाइट की व्यवस्था करना.
2.
गाडियों को आकर्षण व सुंदर बनाना.
3.
बड़े स्टेशनों पर शंटिंग के काम को कम से कम
करना.
4. ब्लाक रैक में अन्तराल दरवाजे से खान पान एवं अन्य यात्री सेवाओ / सुविधाओ आसानी से प्राप्त होती है.
5.
यात्रियों को आरक्षण की सुविधा पहले से ही मालुम
हो जाती है.
6.
यात्रियों को अपनी श्रेणी में कोचों एवं सीट को
ढूढने में आसानी रहती है.
7.
गाडियों में एक रूपता रहती है.
8. व्यापारियों को माल चढाने में एवं उतारने में सुविधा रहती है/
9.
माल खराब होने या चोरी होने की संभावना नही रहती
है.
10. माल
गोदाम पर लदान उतरान में कम समय लगता है, और अधिक सुविधा रहती है.
11. वैगनो का खाली चलन कम हो जाता है, और व्यापारियों में रेलवे के प्रति साख बढती है.
12. दुर्घटनाएँ
कम होती है.
13. समय
पालन बनाये रखने में मदद मिलती है.
14. हर समय मार्शलिंग की आवश्यकता नही होती जिसके कारण समय की बचत होती है.
ब्लाक रैक संबंधी नियम :
1. कोई भी कोच ब्लाक रैक से तब अलग नही किया जाएगा, जब तक की वह सिक न हो.
2. यदि कोई कोच सिक हो जाता है तो इसकी सूचना COM, प्रारम्भिक स्टेशन, एवं अंतिम स्टेशन को दी
जायेगी.
फिट होने पर उसे बेस स्टेशन को भेजा जाएगा या उसी रैक में भी लगाने पर भी इसी प्रकार सूचित किया जाएगा.
3.यदि सिक वाहन की जगह पर कोई अन्य वहाँ लगाया जाए तो COM की अनुमति आवश्यक है.
4. ब्लाक रैक का नंबर कोच के पैनल पर बायीं ओर लिखा
रहता है.
5. किसी भी ब्लाक रैक का कोच दूसरे ब्लाक रेल में
नही लगाया जाएगा.
6. पी ओ एच कल लिये रैक एक साथ भेजा जाएगा.
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