TMभारतीय रेल में मुंबई उपनगरीय सेक्शन को मुंबई का लाइफ लाइन कहा जाता है जिसका श्रेय मुंबई उपनगरीय क्षेत्र में चलने वाली लोकल ट्रेनो को जाता है. यह खंड अत्यधिक व्यस्त होने के कारण, गाड़ी का संचालन करना दिन - प्रतिदिन कठिन होता जा रहा था. इसी को ध्यान में रखते हुये मुंबई उपनगरीयसेक्शन को एक ऐसी प्रणाली की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जो संरक्षा, समयपालन, शीघ्र निर्णय आदि संचालनिकगतिविधियो पर खरा उतरे) इसी बात को ध्यान में रखते हुये भारतीय रेल ने और जर्मनी की ब्रोम्बाडियर कंपनी के साथ मिलकर ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम (TMS) को अपनाने हेतु निर्णय लिया.
ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम (TMS) भारतीय रेल में सर्वप्रथम पश्चिमी रेलवे व्दारा कार्यान्वित की गई, जिसे मध्य रेलवे व्दारा भी संचालित किया जा रहा है, जिसके तहत उपनगरीय ट्रेन संचालनो के साथ - साथ मेल/ एक्सप्रेस गाडियों हेतु एकीकृत प्रबंधन और सिंगनलिंग की निगरानी के साथ - साथ इत्यादि कार्य सफलता पूर्वक किया जा रहा है.
वर्तमान में मध्य रेलवे में सीएसटी मुंबई से कल्याण तक के बड़े हिस्से को ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम (TMS) व्दारा संचालित किया जा रहा है, इसके साथ ही चार अतिरिक्त छोटे खंडो जिसमे कल्याण से अम्बिबली (इगतपुरी साइड), कल्याण से अम्बरनाथ (पुणे की ओर), डोंबीवली से भिवंडी रोड, और दिवा से दाटीवल्ली कार्ड केबिन (पनबेल की तरफ ) तक संचालित किये जाना प्रस्तावित है.
TMS लगाने की आवश्यकता -
1. अत्याधिक व्यस्त
मार्ग होने के कारण.
2. ज्यादा गाडियों को
संरक्षा पूर्वक संचालन करने हेतु.
3. गाडीयों पर कुशलता
पूर्वक नियंत्रण रखने हेतु.
4. रेल संसाधनो का
अधिकतम उचित उपयोग सुनिश्चित करने हेतु.
5. यात्रियों को गाड़ी की सटीक जानकारी उपलब्ध कराने हेतु.
ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम से लाभ -
1. गाडियों के चल स्थिति
की जानकारी डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से मिलने के कारण लगातार उनकी मानिटरिंग की
जाती है.
2. स्टेशन मास्टर को गाडियों के चल स्थिति की जानकारी डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से मिलने के कारण, निर्णय लेने की सुविधा होती है.
3. स्टेशन मास्टर व्दारा
किये गये गलत क्रासिंग, अग्रता आदि की
जानकारी टी.एम.एस. सेंटर में बैठे कंट्रोलर को आन लाइन मिलने के कारण गलती तुरंत
सुधारी जाती है
4. इस प्रणाली में किसी
भी तरह का फेल्युर होने पर उसकी तुरंत जानकारी हो जाती है, जिससे उसे दुरस्त करने में आसानी हो जाती है.
5. इस प्रणाली के माध्यम से उपनगरीय क्षेत्रो में यात्रा करने वाले यात्रियों को उनके ट्रेन की सटीक जानकारी स्टेशनों पर लगे डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से मिलती रहती है.
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