रेल सेवकों पर साधारणतया लागू होने वाले नियम
नियमों की प्रति देना
रेल प्रशासन द्वारा प्रत्येक स्टेशन, इंजन शेड तथा अन्य निर्धारित कार्यालय को सामान्य एव सहायक नियमो की प्रति जारी की जायेगी।
प्रत्येक रेल सेवक को, जिसे उक्त नियमो द्वारा कोई निष्चित जिम्मेदारी सौंपी गई है, सामान्य एवं सहायक नियमो की प्रति या उसके कार्य से संबंधित नियमो की प्रति या उसके कार्य से संबंधित उन भागो का अनुवाद जो विशेष अनुदेषों द्वारा निर्धारित किये गये हो , जारी किया जायेगा।
नियमों की प्रति की देखभाल
प्रत्येक रेल सेवक, जिसे नियमो की प्रति दी गयी है, वह उसे शुद्धि-पत्रो सहित अद्यतन रखेगा, वरिष्ठ अधिकारी की मांग पर प्रस्तुत करेगा तथा प्रति खो जाने या खराब हो जाने पर अपने वरिष्ठ अधिकारी से एक नयी प्रति प्राप्त करेगा। उपरोक्त की पालना अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के द्वारा किया जाना सुनिष्चित करेगा।
नियमों की जानकारी
- प्रत्येक रेल सेवक - अपने कार्य से संबंधित नियमो से परिचित रहेगा चाहे उसे नियमों की प्रति/अनुवाद दिया गया हो या नहीं।
- नियमानुसार कार्य करेगा निर्धारित परीक्षाएं पास करेगा।
- अपने अधीन कर्मचारियो से उपरोक्त की अनुपालना सुनिश्चित करेगा एव आवश्यकता होने पर नियमो को समझायेगा।
- स्वचलित सिगनल व्यवस्था वाले खण्डों पर कार्य करने वाले सभी गार्डो व लोको पायलट/मोटरमेन/सहायक लोको पायलटो को प्रत्येक वर्ष मे एक दिन के लिये स्वचलित सिगनल व्यवस्था संबंधी नियमों का गहन प्रशिक्षण देकर सक्षमता प्रमाण-पत्र जारी/नवीनीकृत किया जायेगा। इन प्रमाण पत्रों का रिकाॅर्ड संबंधित वरि. मंडल परि. प्रबंधक/मंडल परि. प्रबंधक, मंडल यांत्रिक इंजीनियर, मंडल विद्युत इंजीनियर के द्वारा रखा जायेगा। ऐसे प्रमाण-पत्र के बिना किसी भी गार्ड, लोको पायलट, मोटर मेन व सहायक लोको पायलट को कार्य पर नहीं लगाया जायेगा।
नियम पालन में सहयोग
- प्रत्येक रेल सेवक इन नियमों के पालन में सहयोग देगा और इनके उल्लंघन होने का पता चलने पर तुरंत इसकी रिपोर्ट अपने वरिष्ठ अधिकारी तथा संबंधित अधिकारी को करेगा। क्षेत्रीय रेल प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर 7 परिवहन पाठ्य सामग्री (पश्चिम रेलवे) 2013
अतिचार, नुकसान या हानि की रोकथाम
प्रत्येक रेल कर्मी रेल प्रषासन की ऐसी सभी संपत्ति की सुरक्षा व रक्षा के लिये जिम्मेदार है जो उसके चार्ज मे है। प्रत्येक रेल सेवक निम्नलिखित बातों को रोकने का पूरा प्रयत्न करेगा -
- रेल परिसर मे अतिचार,
- रेल संपत्ति की चोरी, नुकसान या हानि,
- स्वयं या अन्य लोगो की क्षति और
- रेल परिसर मे आग लगना।
नियमों और आदेशों का पालन प्रत्येक रेल कर्मी -
- सभी नियमो और विशेष अनुदेशों का तथा
- अपने वरिष्ठो के सभी विधि संगत आदेशों का तत्परता से पालन करेगा। ड्यूटी पर उपस्थिति/ अनुपस्थिति
- प्रत्येक रेल कर्मी अपने नियत कार्य स्थल पर या ऐसे स्थान पर जहाँ आवश्यकता पड़ती है; समय पर उपस्थित होगा।
- कोई भी रेल कर्मी अपने वरिष्ठ की अनुमति के बिना ना तो कार्य से अनुपस्थित होगा और न ही नियत कार्यावधि को बदलेगा या ड्यूटी को किसी अन्य के साथ बदलेगा और कार्यमुक्त किये जाने तक ड्यूटी का चार्ज नहीं छोडेगा। यदि वह बीमार है तो अपने से वरिष्ठ को तत्काल सूचित करेगा और कार्य से तब तक नहीं हटेगा जब तक कि किसी सक्षम रेल कर्मी को उस कार्य हेतु न लगा दिया हो। बिना पूर्व अनुमति के कार्य से अनुपस्थित होने, कार्यस्थल छोड़ने व छुटटी की अवधि से अधिक ठहरने को कार्य से अनुपस्थित माना जायेगा और ऐसे कर्मचारी के विरुद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही जिसमें बर्खास्तगी भी शामिल है, की जायेगी।
रेलवे परिसीमा में नशा
रेलवे परिसीमा मे नषे की हालत मे पाये जाने पर किसी भी रेल सेवक को चाहे वह आॅन ड्यूटी हो या आॅफ ड्यूटी रेल सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है। इस के लिए दो स्वतंत्र गवाहो के सबूत और यदि संभव हो तो उसकी स्थिति की मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त कर लेनी चाहिये। उसे कार्यमुक्त करने की व्यवस्था कर उचित अधिकारी के पास रिपोर्ट करनी चाहिये। गाड़ी संचालन से सीधे जुडे कर्मचारी को किसी भी नषीले पदार्थ का सेवन कार्य पर आने के 8 घंटे पहले तक एवं कार्य पर रहते हुए नहीं करना चाहिये ।
रेल सेवकों का आचरण
प्रत्येक रेल सेवक कार्य पर बिल्ला व निर्धारित वर्दी पहनेगा, साफ सुथरा, चुस्त, सभ्य एव षिष्ट रहेगा। अवैध पारितोषिक न तो मांगेगा और न स्वीकार करेगा, जनता को हर प्रकार की उचित सहायता देगा और सही जानकारी देने मे पूरी सावधानी बरतेगा तथा पूछे जाने पर अपना नाम व पदनाम बतायेगा।
संरक्षा सुदृढ़ करना
प्रत्येक रेल सेवक का कर्तव्य है कि वह जनता की संरक्षा सुनिष्चित करे। कार्य स्थल पर घटित ऐसी प्रत्येक घटना जिससे कार्य चालन प्रभावित होता है उसकी सूचना तुरंत वरिष्ठ अधिकारी को देगा एवं दुर्घटना/अवरोध के समय हर संभव सहायता देगा। सिगनल की खराबी, रेल पथ या निर्माण कार्य में अवरोध या खराबी, गाड़ी में खराबी या कोई असाधारण परिस्थिति हो तो तुरंत उसे टालने के उद्देष्य से कार्यवाही करेगा एव समीप के स्टेषन मास्टर को भी सूचित करेगा। गाड़ी विभाजन मे लाल दिखाकर गाड़ी नहीं रोकेगा वरन् लोको पायलट व गार्ड का ध्यान आकर्षित करेगा।
तूफान तथा तेज आंधी के दौरान गाड़ियों के संचालन में बरती जाने वाली सावधानियाँ
- जब मौसम विभाग से चक्रवात, तूफान या तेज हवा की पूर्व सूचना देते हुए चेतावनी संदेश प्राप्त हो और/या इस बात की समुचित आशंका हो कि तेज तूफान आने वाला है जिससे यात्रियों, गाड़ियों आदि की संरक्षा खतरे में पड़ सकती है तो स्टेशन मास्टर गाड़ी के गार्ड और लोको पायलट से परामर्श कर गाड़ी को रोक देगा और किसी भी गाड़ी को तब तक लाइन क्लीयर नहीं देगा जब तक तूफान थम न जाये और वह गाड़ियों के संचलन को निरापद न समझें।
- यदि कोई चलती हुई गाड़ी ऐसे चक्रवात, तूफान या तेज हवा में फंस जाये जिसकी गति लोको पायलट की राय मे इतनी तेज हो कि उससे गाड़ी की संरक्षा खतरे मे पड़ सकती हो तो वह अपनी गाड़ी की गति को तत्काल नियंत्रित करेगा और गाड़ी को प्रथम सुविधाजनक स्थान पर रोक देगा तथा यथासंभव यह ध्यान रखेगा कि गाड़ी तीव्र मोड़ो, ऊँंचे तटबंधों और पुलों (इसमे उनके पहुँच मार्ग शामिल हैं) पर न रोकी जाए तथा गति केा नियंत्रित करते समय और गाड़ी को रोकते समय लोको पायलट अपनी गाड़ी बड़ी सावधानी से और बिना झटके के रोकेगा। वह गाड़ी को गार्ड के परामर्श से तभी पुनः चलाएगा जब चक्रवात, तूफान या तेज हवा थम जाए और आगे बढ़ना निरापद समझा जाए।
- गार्ड तथा लोको पायलट गाड़ी मे यात्रा कर रहे रेलकर्मचारियों के सहयोग से यह देखने का प्रयास करेगे कि यात्रियों द्वारा सवारी डिब्बो की खिड़कियाँ और दरवाजे खुले रखे जाते है ताकि उनसे होकर तेज हवा निर्वाध रूप से गुजर सके।
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