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विभिन्न परिस्थितियों मे स्टेशन मास्टर की ड्यूटी

पेट्रोलमेन ओवरड्यू हो जाना

जब कभी भी पेट्रोलमेन ब्लाॅक सेक्शन मे  अपने निर्धारित आगमन समय से 15 मिनट विलम्ब तक नहीं आता है तो स्टेशन मास्टर को तुरन्त इस बात की सूचना कन्ट्रोल को देनी चाहिए व गाड़ियों को तब तक सतर्कता आदेश जारी करना चाहिए जब तक कि पेट्रोलमेन से सब कुशल है का संदेश प्राप्त न हो जाए। इसके लिए दूसरी ओर के स्टेशन मास्टर को प्रत्येक गाड़ी को रोककर सतर्कता आदेश जारी करने का संदेश देना चाहिए।
  • स्टेशन मास्टर द्वारा जारी किए जाने वाले सतर्कता आदेश मे  दिन के समय जब दृश्यता साफ हो तो गाड़ी की गति को अधिकतम 40 कि.मी.प्र.घ. व रात या जब दृश्यता स्पष्ट न हो तो 15 कि.मी.प्र.घ. का प्रतिबंध लिखकर दिया जाएगा एवं यह भी बताया जाना चाहिए कि ब्लाॅक सेक्शन में पेट्रोलमेन दिखाई देने पर उससे जानकारी प्राप्त करके अगले ब्लाॅक स्टेशन को सूचना देनी चाहिए।
  • इसके साथ साथ दोनो  तरफ के स्टेशन मास्टरों को पेट्रोलमेन का पता लगाने हेतु उचित कार्यवाही करेगे।
गाड़ी ब्लाॅक सेक्शन में ओवरड्यू हो जाना

जब भी कोई सवारी गाड़ी ब्लाॅक सेक्शन मे  अपने निर्धारित रनिंग समय के अतिरिक्त 10 मिनट व मालगाड़ी निर्धारित रनिंग समय के अतिरिक्त 20 मिनट गुजर जाने तक स्टेशन नहीं पहुँचे तो ऐसी गाड़ी को ब्लाॅक सेक्शन मे  ओवरड्यू माना जाता है और स्टेशन मास्टर की ड्यूटी है कि वह तुरन्त इसकी सूचना कन्ट्रोलर व दूसरे सिरे के स्टेशन मास्टर को दे। यदि डबल लाइन का सेक्शन हो तो पासवाली लाइन पर जाने वाली गाड़ी को रोककर सतर्कता आदेश जारी करे कि ब्लाॅक सेक्शन मे  गाड़ी ओवरड्यू हो गई है और उसे रास्ते मे  गाड़ी दिखाई दे तो वह उससे पूछताछ करके इसकी सूचना अगले स्टेशन पर दे। इसके साथ-साथ दोनो  तरफ के स्टेशन मास्टर अपने-अपने यहाँ के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को ब्लाॅक सेक्शन मे  गाड़ी की तलाश करने हेतु भेजेगे व उनके नाम कन्ट्रोल को नोट करवाएंगे।
कन्ट्रोल ऐसी सूचना मिलने पर आवश्यकतानुसार उस स्टेशन के नजदीकी । मुख्यालय स्टेशन को । तैयार रखने के लिए आदेश देगा।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ब्लाॅक सेक्शन से जैसी भी सूचना लाएगा, उसे कन्ट्रोल को बताया जाएगा व उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। इस दरम्यान स्टेशन मास्टर को कन्ट्रोल के संपर्क में रहना चाहिए।

रेल फ्रेक्चर की सूचना प्राप्त होना
जब किसी स्टेशन मास्टर को रेल फ्रेक्चर की सूचना दी जाती है तो उसे तुरन्त इस सूचना को दूसरी ओर के स्टेशन मास्टर व कन्ट्रोल को सूचित करना चाहिए व उस ब्लाॅक सेक्शन मे  किसी भी गाड़ी को नहीं भेजना चाहिए जब तक कि इंजीनियरिंग विभाग के जिम्मेदार कर्मचारी द्वारा उस रेल फ्रेक्चर की अस्थाई रूप से मरम्मत करके लिखित रूप मे  गाड़ियों को चलाने की सूचना न दे दी गई हो।
स्टेशन मास्टर जिसको ये सूचना प्राप्त हुई है, तुरन्त एक लिखित संदेश उस सेक्शन के सेक्शन इंजी. (रेलपथ) के नाम बनाकर भेजेगा जिसकी प्रति सभी संबंधित को दी जाएगी। उसमे  उस व्यक्ति का नाम जिसने सूचना दी है, उसका पद, किलोमीटर संख्या जहाँ रेल फ्रेक्चर हुआ है, आदि विवरण लिखे जाएंगे।

सेक्शन इंजी. (रेलपथ) की अनुपस्थिति में रेलपथ सुपरवाइजर या गैंगमेट द्वारा उस स्थान पर जाकर उस रेल फ्रेक्चर को अस्थाई रूप से रिपेयर किया जाएगा व उसकी लिखित सूचना स्टेशन मास्टर को दी जाएगी। उस सूचना पर गाड़ियों को भेजते समय स्टेशन मास्टर द्वारा उस भाग पर अगली लिखित सूचना तक रुककर व 10 कि.मी.प्र.घ. का सतर्कता आदेश जारी किया जाएगा। 

गाड़ी बिना टेल लैम्प/टेल बोर्ड के गुजर जाए
  • जब भी कोई गाड़ी स्टेशन से रनिंग थ्रू जा रही हो और आॅल राइट सिगनल मिलाते समय स्टेशन मास्टर यह देखता है कि उसके अन्तिम डिब्बे पर टेल लैम्प/टेल बोर्ड नहीं है तो ‘ट्रेन एन्टरिंग सेक्शन’ घंटी देने के पश्चात् ब्लाॅक पर (000000 00 ) Six pause two
  •  घंटी देनी चाहिए व उसकी पावती प्राप्त करनी चाहिए। इसके साथ-साथ पिछले स्टेशन को ‘ट्रेन आउट आॅफ सेक्शन’ संकेत नहीं देना चाहिए। टोकन/टेबलेट हो तो उसे सुरक्षित रखना चाहिए तथा पाॅइन्ट को खाली लाइन के लिए सेट रखना चाहिए।
  • अगला स्टेशन मास्टर उस गाड़ी को अपने स्टेशन पर रोककर सक्षम रेल कर्मचारी के माध्यम से ‘ट्रेन इन्टेक्ट रजिस्टर’ मे  गार्ड के हस्ताक्षर करवाएगा उसके पश्चात् ‘ट्रेन आउट आॅफ सेक्शन’ संकेत दिया जाएगा। गाड़ी पूरी हो तो पीछे टल लैम्प/टेल बोर्ड लगाने के लिए कहेगा। जब पिछले स्टेशन को ऐसा संकेत अगले स्टेशन से प्राप्त होता है तो वह टोकन/टेबलेट को ब्लाॅक उपकरण  डालकर अपने पीछे वाले स्टेशन को ‘ट्रेन आउट आॅफ सेक्शन’ संकेत देगा।
  • यदि ब्लाॅक स्टेशनों के बीच ब्लाॅक प्रुविंग बाय एक्सल काउन्टर (बीपीएसी) या लगातार ट्रेक सर्किट की व्यवस्था हो वह चालू अवस्था में हो और उससे ब्लाॅक सेक्शन के साफ होने एवं गाड़ी के पूर्ण आगमन का साफ संकेत मिल रहा हो और गाड़ी उस स्टेशन से बिना टेल लेम्प/बोर्ड पास हो तो स्टेशन मास्टर पिछले स्टेशन को गाड़ी ‘गाड़ी सेक्शन से बाहर‘ संकेत तो दे देगा लेकिन अगले स्टेशन को गाड़ी को अपने स्टेशन पर रोककर उस कमी को पूरा करने को कहेगा।

पिछले स्टेशन से गाड़ी में हाॅट एक्सल की सूचना प्राप्त होना

स्टेशन से रनिंग थ्रू जाने वाली गाड़ी से आॅल राइट सिगनल मिलाते समय स्टेशन मास्टर यदि गाड़ी मे  कोई हाॅट एक्सल वैगन देखता है तो उस गाड़ी को रोकने के लिए खतरे का हैंड सिगनल दिखाएगा व आवश्यकता हो अन्तिम रोक सिगनल को आॅन स्थिति में किया जाएगा और यदि गाड़ी का लोको पायलट गाड़ी को वहाँ नहीं रोकता है तो स्टेशन मास्टर को 000000 - 0 (Six pause one)घंटी द्वारा हाॅट एक्सल की सूचना व उस डिब्बे की इंजन या ब्रेकवान से लगभग स्थिति बताएगा।
अगला स्टेशन मास्टर ऐसी सूचना प्राप्त होने पर उस गाड़ी को जहाँ तक संभव हो, बिना बाहर रोके मेन लाइन पर लेन  की व्यवस्था करेगा और यदि मेन लाइन खाली न हो या अन्य किसी कारण से गाड़ी मेन लाइन पर न ली जा सके तो प्रथम रोक सिगनल के बाहर खड़ी करने के बाद लूप लाइन पर लेने की व्यवस्था करेगा।
स्टेशन पर गाड़ी आने के बाद यदि उस स्टेशन पर गाड़ी परीक्षक कर्मचारी हो  तो उनके द्वारा अन्यथा उस गाड़ी का लोको पायलट को उस हाॅट एक्सल वैगन को अटेन्ड करने का संदेश स्टेशन मास्टर द्वारा दिया जाएगा। वह उसे चैक करके उसके आगे के संचालन से संबंधित लिखित सूचना स्टेशन मास्टर को देगा। स्टेशन मास्टर इस जानकारी को कन्ट्रोल को सूचित करेगा व उसी के आधार पर उसका आगे संचालन करेगा।
यदि वह आगे जाने की स्थिति मे  हो तो किस गति से जा सकता है और यदि नहीं जा सकता तो काटने की जानकारी दी जाएगी। यदि काटना हो तो शंटिग के द्वारा उसे काटकर साइडिंग मे  रखवा दिया जाएगा व उस स्टेशन पर गाड़ी परीक्षक डिपो न हो तो नजदीकी डिपो को पूर्ण विवरण सहित संदेश दिया जाएगा ताकि उस विभाग के कर्मचारी उसे अटेन्ड कर सकें व उनके द्वारा जैसा भी स्टेशन मास्टर को लिखित में दिया जाए उसके आधार पर उस वैगन का आगे संचालन किया जाएगा।
डबल लाइन के सेक्शन पर यदि एक लाइन पर हाॅट एक्सल वाली गाड़ी प्रवेश कर गई हो तो पासवाली लाइन पर जाने वाली गाड़ी के लोको पायलट को खड़ा करके सतर्कता आदेश के द्वारा इस बात की सूचना दी जाएगी। ताकि वह अपनी लाइन पर सावधानीपूर्वक चले और ध्यान रखे कि उस हाॅट एक्सल के कारण उसकी लाइन पर कोई खतरा नहीं है।
यदि हाॅट एक्सल वाली गाड़ी ओ.एच.ई. वाले सेक्शन मे  प्रवेश कर जाए तो कन्ट्रोलर के माध्यम से टीपीसी से सेक्शन को आइसोलेट करवा देना चाहिए जिससे लोको पायलट को किसी असामान्य स्थिति की जानकारी मिल सके। डीजल इंजन से चलने वाली गाड़ी के लिए भी ओएचई सेक्शन को आइसोलेट करवा देना चाहिए जिससे दुर्घटना की स्थिति में पासवाली लाइन का बचाव हो सके।

पिछले स्टेशन से गाड़ी में हैंगिंग पाट्र्स की सूचना प्राप्त होना
  • जब कभी पिछले स्टेशन मास्टर से 000000 0 (Six pause one) घंटी द्वारा किसी गाड़ी  हैंगिंग पाट्र्स की सूचना आगे वाले स्टेशन को दी जाए तो वहाँ के स्टेशन मास्टर की ड्यूटी है कि वह कन्ट्रोल को सूचित करे एव  ऐसी गाड़ी को अपने स्टेशन के प्रथम रोक सिगनल पर खड़ा करेगा और सक्षम रेल कर्मचारी के द्वारा उस लटकते हुए भाग को बँधवाकर व सुरक्षित करने के पश्चात् ही गाड़ी को स्टेशन पर लेने की व्यवस्था करेगा।
  • स्टेशन पर आने के बाद यदि वह डिब्बा सुरक्षित रूप से आगे जा सकता है तो भेजा जाएगा और गाड़ी के लिए किसी प्रकार से असुरक्षित हो तो कन्ट्रोल से सलाह करके उसे वहीं काट दिया जाएगा व संदेश के द्वारा नजदीकी गाड़ी परीक्षक डिपो वाले स्टेशन को इसकी सूचना दे दी जाएगी ताकि उनके कर्मचारी उसे ठीक कर सकें। संदेश  उस वैगन केा किसी गाड़ी से, किस दिन, कितने बजे काटा गया तथा उस वैगन का नम्बर व रेलवे आदि भी बताया जाएगा। भरे हुए बाॅक्स, बीसीएक्स आदि वैगन में स्प्रिंग या सेकल पिन टूट जाना
  • किसी स्टेशन से बाॅक्स, बीसीएक्स की भरी हुई गाड़ी गुजरते समय यदि किसी भरे हुए वैगन की स्प्रिंग या सेकल पिन टूटी हुई दिखाई दे तो उस गाड़ी को स्टेशन पर रोककर या वहाँ न रुक पाए तो अगले स्टेशन को गाड़ी रोकने का संकेत देकर वहाँ रोका जाएगा व उस पर लगाने के लिए रेलवे द्वारा जारी किए गए क्लैम्प के द्वारा उसे अस्थाई रूप से ठीक करवाकर उस गाड़ी के लोको पायलट को सतर्कता आदेश जारी किया जाएगा। जिसमें गाड़ी की गति तब तक 40 कि.मी.प्र.घ. से अधिक नहीं होगी जब तक कि ऐसा स्प्रिंग टूटा हुआ वैगन उस गाड़ी मे  लगा हुआ है।
  • इसके साथ-साथ उस गाड़ी के नाम के आगे  शब्द जोड़ दिया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि इस गाड़ी मे  स्प्रिंग टूटा हुआ वैगन लगा है। किसी वैगन की दोनो  ट्राॅलियों में यदि स्प्रिंग टूट जाए तो उसे काटना पड़ेगा। क्लैम्प लगाने के बाद वह वैगन अगले गाड़ी परीक्षक डिपो या अन्तिम स्टेशन, जो नजदीक हो, तक प्रतिबंधित गति से जा सकता है। स्टेशन पर क्लैम्प उपलब्ध रहने चाहिए, यदि उपलब्ध न होने पर स्टेशन मास्टर को नजदीकी डिपो के इन्चार्ज केा संदेश देकर वहाँ से मँगवा लेना चाहिए।

धुन्ध/कोहरा होने पर की जाने वाली कार्यवाही एवं गाड़ियों का संचालन
  • प्रत्येक स्टेशन के स्टेशन संचालन नियम मे  उस स्टेशन के वी.टी.ओ. (विजिब्लिटी टेस्ट आॅब्जेक्ट) की जानकारी दी जाती है जिसे देखकर स्टेशन मास्टर को अपने स्टेशन की दृश्यता के बारे मे  पता लगता है। वी.टी.ओ. बहु संकेतीय सिगनल व्यवस्था मे  180 मीटर व दो संकेतीय सिगनल व्यवस्था मे  300 से 350 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है।
  • स्टेशन मास्टर लाइन क्लीयर देने से पहले वीटीओ द्वारा सुनिश्चित करेगा कि उसके स्टेशन पर दृश्यता साफ है या नहीं। जब स्टेशन मास्टर को वीटीओ से ज्ञात हो कि उसके स्टेशन पर दृश्तया स्पष्ट नहीं है तो वह निम्नलिखित कार्यवाही करेगा -
  • स्टेशन पर मौजूद सभी भुजावाले सिगनल की बत्ती जलवा देगा। (यदि वहाँ रात मे  जलाने की व्यवस्था हो)
  • कन्ट्रोलर को सूचित करेगा।
  • निर्धारित पटाखे देकर फाॅग सिगनलमेन को तुरन्त पटाखे लगाने हेतु भेजेगा (जहाँ नियमानुसार लगाना आवश्यक हो)
  • फाॅग सिगनलमेन स्टेशन के प्रथम रोक सिगनल से बाहर 270 मीटर व 10 मीटर के अन्तर से दो पटाखे लाइन पर लगाएगा व स्वयं 45 मीटर दूर हैंड सिगनल के साथ खड़ा रहेगा। वह स्टेशन की ओर आने वाली गाड़ी के लोको पायलट को कोई भी बत्ती नहीं बताएगा जबकि सिंगल लाइन मे  स्टेशन से जाने वाली गाड़ी के लोको पायलट को प्रोसीड हैंड सिगनल बताएगा। गाड़ी पटाखों पर से गुजरते ही फूट  हुए पटाखां  को हटाकर तुरन्त वह दूसरे दो पटाखे लाइन पर उसी स्थान पर लगा देगा। इसी प्रकार वह अपनी ड्यूटी तब तक निभाता रहेगा जब तक कि दूसरा फाॅग सिगनलमेन उसे रिलीव न करे या स्टेशन मास्टर दृश्यता साफ होने पर वापस न बुला ले।

निम्नलिखित परिस्थितियों में पटाखे लगवाने की आवश्यकता नहीं है -
  • जिन सेक्शनों में इंजन पर फॅाग सिगनल डिवाइस लगा दी गई हो जहाँ डबल डिस्टेट सिगनल लगे हो इंजीनियरिंग कार्यस्थल समपार फाटक जहाँ स्टेशन सेक्शन में 15 कि.मी.प्र.घ. से कम गति का सतर्कता आदेश चल रहा हो जहाँ स्टेशन का प्रथम सिगनल रोक सिगनल न हो एवं ब्लाॅक सेक्शन मे  गति 50 कि.मी. प्र.घ. तक हो आॅटोमेटिक ब्लाॅक सेक्शन लाइन पर असामान्य परिस्थिति (झटका आदि) की सूचना मिलने पर कार्यवाही लोको पायलट से इस संबंध में लिखित सूचना मिलने पर स्टेशन मास्टर दूसरे सिरे के स्टेशन मास्टर जूनि. इंजी.(रेलपथ), सहा. इंजी., मंडल इंजी., सीटीएनएल व वरि. मं.परि.प्रबं. को संदेश देगा। इंजीनियरिंग प्रभारी को रेल मेटेनेंश मशीन/टावर वैगन/लाइट इंजन या गाड़ी के साथ प्रभावित ब्लाॅक सेक्शन मे  भेजा जाएगा। उसको प्रभावित किलोमीटर से पहले रुकने का सतर्कता आदेश दिया जाएगा। इंजीनियरिंग प्रभारी ट्रेक का निरीक्षण करेगा और गाड़ी को आगे जाने के लिए सुरक्षित पाये जाने पर अनुमति देगा, यदि कोई गति प्रतिबंध की आवश्यकता हो तो उस बारे मे  स्टेशन मास्टर को सूचित किया जाएगा।
  • यदि ऐसे समय कोई इंजीनियरिंग प्रभारी नहीं हो तो लोको पायलट को प्रभावित कि.मी. का उल्लेख करते हुए 10 कि.मी.प्र.घ. का सतर्कता आदेश लिया जाएगा। लोको पायलट उस स्थान पर रुककर देखेगा और यदि वह स्थान गाड़ी पास करने के लिए असुरक्षित हो तो वह अपनी गाड़ को वापस पिछले स्टेशन पर ले आएगा। यदि लोको पायलट को कुछ भी असामान्य दिखाई न दे तो वह प्रभावित भाग पर 10 कि.मी.प्र.घ. की गति से चलते हुए अगले ब्लाॅक स्टेशन तक जाएगा व लिखित सूचना देगा। ऐसी स्थिति में बाद वाली गाड़ियों को भी तब तक प्रभावित भाग के लिए 10 कि.मी.प्र.घ. का सतर्कता आदेश दिया जाएगा जब तक कि इंजीनियरिंग प्रभारी द्वारा जारी ट्रेक के संरक्षित होने का प्रमाण पत्र नहीं मिल जाए।
  • सतर्कता आदेश के साथ गए हुए लोको पायलट की सूचना के अनुसार यदि ट्रेक असुरक्षित हो तो इंजीनियरिंग प्रभारी द्वारा ट्रेक के संरक्षित होने का प्रमाण पत्र जारी किए जाने तक उस ब्लाॅक सेक्शन मे  कोई गाड़ी नहीं भेजी जानी चाहिए।
  • स्टेशन मास्टर को स्थाई संरचना पर तोड फोड़/बम विस्फोट आदि की सूचना मिलने पर उसे प्रभावित ब्लाॅक सेक्शन एवं पास वाली लाइन पर गाड़ियों के संचालन को रोक देना चाहिए और उपरोक्त रेल मंटेनेंश मशीन/टावर वैगन/लाइट इंजन आदि को यह जानने के लिए भेजना चाहिए कि गाड़ियों के संरक्षित संचालन के लिए लाइन साफ है या नहीं।

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