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विभिन परिस्थितियों में लोको पायलट की ड्यूटी

स्टेशन का प्रथम रोक सिगनल आन स्थिति में मिलने पर 

जब किसी गाड़ी के लोको पायलट को किसी स्टेशन का प्रथम रोक सिगनल आॅन स्थिति में दिखाई दे तो उसे लगातार लम्बी सीटी बजाते हुए उस सिगनल से पहले अपनी गाड़ी को रोक देनी चाहिए और यदि बिना किसी उचित कारण के 5 मिनट तक सिगनल आॅफ नहीं होता है तो उसे आॅन स्थिति मे  पार करने के लिए स्टेशन मास्टर द्वारा लिखित प्राधिकार जारी नहीं किया जाता तो लोको पायलट को अपने सहायक लोको पायलट को स्टेशन की ओर सूचना देने हेतु भेजना चाहिए। सहायक लोको पायलट को स्टेशन की ओर जाते समय आगे की ओर खतरे का हाथ सिगनल दिखाते हुए जाना चाहिए और यदि पहले केबिन मिलती है तो वहाँ अन्यथा स्टेशन पहुँचकर स्टेशन मास्टर को गाड़ी के प्रथम रोक सिगनल पर पहुँचने की सूचना देनी चाहिए। उसके पश्चात् सहायक लोको पायलट गाड़ी स्टेशन पर पहुँचने तक वहीं पर रुकेगा।


गाड़ी के प्रथम रोक सिगनल पर विलम्बित होने पर लोको पायलट द्वारा बजाई गई लगातार लम्बी सीटी की पावती गार्ड द्वारा दिन मे  लाल झंडी तथा रात मे  लाल बत्ती द्वारा ऊपर से नीचे तक हिलाकर देनी चाहिए तथा टेल लैम्प/टेल बोर्ड को देखकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गाड़ी पूरी है एव  पीछे से आने वाली गाड़ी को खतरे का हाथ सिगनल दिखाने के लिए तैयार रहना चाहिए। जब गाड़ी केा उस सिगनल पर रुके हुए 15 मिनट गुजर जाते हैं तो गार्ड को दिन के  समय साइड के साॅकिट मे  लाल झंडी लगाकर तथा रात के समय लोको पायलट की तरफ का साइड लैम्प आगे की ओर लाल करके पीछे से गाड़ी का बचाव करने जाना चाहिए और नियमानुसार निम्न विधि से बचाव करना चाहिए -

ब्राॅडगेज 600-1200-10-10 मीटर

मीटरगेज/नेरोगेज 400-800-10-10 मीटर

बचाव करके गार्ड को आखरी पटाखे के बाहर 45 मीटर दूर खतरे का हैंड सिगनल लेकर किसी भी आने वाली गाड़ी को रोकने के लिए तैयार खड़ रहना चाहिए।

स्टेशन मास्टर द्वारा सिगनल आॅफ किए जाने पर या सिगनल को आॅन स्थिति मे  पार करने के लिए प्राधिकार दिए जाने पर लोको पायलट को लगातार लम्बी सीटी बजाकर गार्ड को बुलाना चाहिए। गार्ड को सीटी सुनकर बीच वाला (600/400 मीटर) पहला पटाखा उठाकर वापस अपनी गाड़ी पर आना चाहिए और यदि बचाव नहीं किया है तो जहाँ पहुँचा हो वही एक पटाखा लगाकर वापस आ जाना चाहिए। गाड़ी पर आने के बाद लाल झंडी को साॅकिट से खोल लेना चाहिए या साइड लैम्प को वापस सामान्य स्थिति मे  कर देना चाहिए।

लोको पायलट को सीटी बजाकर गार्ड से आॅल राइट सिगनल लेकर गाड़ी को रवाना करना चाहिए और सहायक लोको पायलट केा स्टेशन से गाड़ी पर ले लेना चाहिए।

गाड़ी बिना/गलत प्रस्थान आदेश के साथ ब्लाॅक सेक्शन मे प्रवेश कर जाए

  • जब किसी लोको पायलट को यह पता चले कि उसकी गाड़ी बिना प्रस्थान आदेश या गलत प्रस्थान आदेश के साथ ब्लाॅक सेक्शन मे  प्रवेश कर गई है तो उसे तुरन्त अपनी गाड़ी खड़ी करनी चाहिए और फ्लैशर लाइट आॅन करके 0 - 0 (छोटी लम्बी छोटी) सीटी बजाकर अपने गार्ड को इसकी सूचना देनी चाहिए।
  • इसके पश्चात् गार्ड व लोको पायलट दोनों को अपनी गाड़ी ब्लाॅक सेक्शन में रुकावट मानते हुए उसका बचाव ब्राॅडगेज में 600-1200-10-10 मीटर तथा मीटरगेज/नेरोगेज में 400-800-10-10 मीटर की दूरी पर पटाखे लगाकर करना चाहिए। बचाव करने के बाद गार्ड को इसकी सूचना कन्ट्रोल या नजदीकी स्टेशन को देनी चाहिए। इसके आगे गाड़ी का संचालन स्टेशन मास्टर के आदेशानुसार होगा। 
ब्लाॅक सेक्शन में पता चले कि प्रस्थान आदेश खो गया है

  • जब सही प्रस्थान आदेश के साथ गाड़ी ब्लाॅक सेक्शन में गई हो परन्तु ब्लाॅक सेक्शन मे  लोको पायलट को पता चले कि उसका प्रस्थान आदेश खो गया है तो लोको पायलट को अपनी गाड़ी अगले ब्लाॅक स्टेशन पर रोककर (चाहे सिगनल रनिंग थ्रू के ही क्यों न हो ) इसकी सूचना लिखित में स्टेशन मास्टर को देनी चाहिए।
  • ऐसी सूचना प्राप्त होने के बाद ब्लाॅक उपकरण को फेल मानते हुए स्टेशन मास्टर सर्वसंबंधित को इसकी सूचना देगा ताकि खोए हुए प्रस्थान को ढूंढा जा सके। जब तक खोया हुआ प्रस्थान आदेश नहीं मिलता है तब तक गाड़ियाँ पेपर लाइन क्लीयर टिकट द्वारा चलाई जाएंगी।
लोको पायलट गाड़ी चलाने में असमर्थ हो जाए
  • जब किसी गाड़ी का लोको पायलट ब्लाॅक सेक्शन में किसी कारणवश गाड़ी चलाने मे  असमर्थ हो जाए तो उसे गाड़ी खड़ी कर देनी चाहिए व सहायक लोको पायलट को इस बात से अवगत कराना चाहिए। यदि उस गाड़ी का सहायक लोको पायलट प्रशिक्षित (लोको पायलट प्रशिक्षण पास) हो तो उसे गाड़ी को सावधानीपूर्वक चलाते हुए ब्लाॅक सेक्शन साफ करना चाहिए व अगले स्टेशन पहुँचकर स्टेशन मास्टर को परिस्थिति से अवगत कराना चाहिए।
  • यदि वह सवारी गाड़ी हो तो उसके लोको पायलट का कार्यभार वहाँ पहुँचने वाली किसी मालगाड़ी, सामान गाड़ी या अन्य किसी गाड़ी के लोको पायलट को दे दिया जाएगा जो उसे आगे संचालित करेगा। यदि वह मालगाड़ी हो तो यथासंभव उसके लोको पायलट को अगले स्टेशन पर बदल दिया जाएगा अथवा प्रशासन की आवश्यकतानुसार उस मालगाड़ी को प्रशिक्षित सहायक लोको पायलट अगले क्रू चेंज पाॅइन्ट या जहाँ लोको पायलट उपलब्ध हो वहाँ तक किसी सहायक की मदद लेते हुए अधिकतम 30 कि.मी.प्र.घ. की गति से संचालित करेगा।
  • जब सहायक लोको पायलट प्रशिक्षित न हो तो वह ऐसी परिस्थिति मे  गाड़ी का संचालन नहीं करेगा व गार्ड की मदद से नजदीकी स्टेशन को इसकी सूचना दे देगा। ताकि किसी दूसरे लोको पायलट/इंजन की मदद से उस गाड़ी को पहुँचाया जा सके। दूसरे लोको पायलट/इंजन के आने तक किसी भी खतरे से बचने के लिए उस गाड़ी का नियमानुसार बचाव किया जाएगा।
फाउलिंग मार्क अवरुद्ध हो जाने पर

आगे का फाउलिंग मार्क अवरुद्ध - जब गाड़ी स्टेशन पर खड़ी होने के पश्चात् लोको पायलट को पता चलता है कि उसके इंजन द्वारा आगे का फाउलिंग मार्क अवरुद्ध हो गया है तो वह तुरन्त सिंगल लाइन मे  आगे की फ्लैशर लाइट को चालू करके इसकी सूचना स्टेशन मास्टर व गार्ड को देने के लिए - - - (तीन लम्बी) सीटी बजाएगा, जिसे सुनकर स्टेशन मास्टर व गार्ड समझ जाएंगे कि आगे फाउलिंग मार्क अवरुद्ध हो गया है। स्टेशन मास्टर को चाहिए कि ऐसी सूचना मिलने के बाद तुरन्त उस लाइन के पासवाली लाइन पर होने वाले किसी भी संचलन को तुरन्त रोका जाए। इसके लिए यदि पास वाली लाइन के लिए कोई सिगनल आॅफ किए गए हो  तो उन्हें भी आॅन स्थिति में करवाना चाहिए।

गार्ड तुरन्त पीछे की ओर टेल लैम्प/टेल बोर्ड देखकर सुनिश्चित करेगा कि उसकी गाड़ी पूर्ण है और यदि गाड़ी को पीछे बैक करवाने के लिए वहाँ जगह उपलब्ध हो तो वह दिन मे  हरी झंडी व रात के समय हरी बत्ती द्वारा लोको पायलट की तरफ ‘प्रोसीड विथ काॅशन’ संकेत दिखाएगा। आगे का फाउलिंग मार्क साफ होते ही लोकेा पायलट गाड़ी को रोक देगा और स्टेशन मास्टर को सूचित करेगा।

 जब गाड़ी को बैक करवाने के लिए यदि पीछे जगह उपलब्ध न हो तो गार्ड - - - (तीन लम्बी) सीटी सुनने के बाद लोको पायलट की तरफ लाल झंडी/बत्ती दिखाएगा जिसे देखकर लोको पायलट को समझ जाना चाहिए कि पीछे जगह उपलब्ध नहीं है। ऐसे में उसे अपने सहायक लोको पायलट को आगे से होने वाले किसी भी संचलन को रोकने के लिए तैनात करना चाहिए।

पीछे का फाउलिंग मार्क अवरुद्ध - जब गाड़ी स्टेशन पर खड़ी हो और गार्ड को ज्ञात हो कि पीछे का फाउलिंग मार्क अवरुद्ध रह गया है तो उसे गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए लोको पायलट को प्रोसीड विथ काॅशन हैंड सिगनल दिखाना चाहिए। यदि गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए जगह हो तो लोको पायलट, गार्ड के हैंड सिगनलों का पालन करते हुए गाड़ी को आगे बढ़ाएगा और पीछे का फाउलिंग मार्क साफ हो जाने पर गार्ड लाल झंडी/बत्ती से लोको पायलट को रुकने का संकेत देना चाहिए।

जब गाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए जगह उपलब्ध न हो तो गार्ड को ट्रेन इन्टेक्ट रजिस्टर मे  फाउलिंग मार्क अवरुद्ध होने की टिप्पणी लाल स्याही से लिखने के बाद खतरे का हैड सिगनल के साथ पीछे की ओर होने वाले किसी भी संचलन, जिससे संरक्षा को खतरा हो, को रोकने के लिए तैयार रहना चाहिए।

लोको पायलट द्वारा रोक सिगनल को आन स्थिति में पार कर जाने पर

जब लोको पायलट खतरे की स्थिति में सिगनल पार कर जाता है तो परिस्थिति के अनुसार निम्नानुसार कार्यवाही की जाएगी -
  • लोको पायलट की जिम्मेदारी है कि खतरे का सिगनल पार करने पर तत्काल लिखित मे  एक मीमो बनाकर स्टेशन मास्टर को या सेक्शन के मध्य प्रभारी को सौंप देगा, जिसमें बताएगा कि उसने कौन कौन से सिगनल/सिगनलों को व कितनी दूरी तक पार किया है। इस मीमो पर गार्ड के हस्ताक्षर होने चाहिए।
  • स्टेशन मास्टर को केबिन/स्टेशन फ्रेम में सिगनल लीवरों की स्थिति नोट करते हुए उन्हे  संचालित करने वाले के स्टेटमेट लेकर गाड़ी सिगनल रजिस्टर मे  नोट करने चाहिए तथा इस संबंध में सेक्शन कन्ट्रोलर व सर्व संबंधित को सूचित करना चाहिए।
विवादास्पद मामलों में जब लोको पायलट लिखकर देने से मना करे तो निम्न कार्यवाही की जाएगी -
  • मुख्य गाड़ी नियंत्रक व वरि. मंडल संरक्षा अधिकारी को सूचना दी जाएगी। 
  • कार्यरत स्टेशन मास्टर गार्ड, लोको पायलट व दूसरे विभाग के अन्य दो कर्मचारी जो वहाँउपलब्ध हो, को लेकर संबंधित सिगनल पर जाएगा और वे निम्नलिखित विवरण लिखित रूप में प्रमाणित करेगे -
  1. सिगनल/सिगनलों का विवरण
  2. परीक्षण की तारीख और समय
  3. प्रत्येक सिगनल की भुजा और बैक लाइट इंडीकेशन की स्थिति
  4. मौसम, दृश्यता की स्थिति
  5. खतरे का सिगनल पार करने के पश्चात तय की गई दूरी
  6. केबिन, स्टेशन फ्रेम में सिगनलों, संबंधित पाॅइन्टों, लीवरो  की स्थिति
  7. स्टेशन पर रनिंग लाइनो  की स्थिति और
  8. नोट की जाने वाली अपेक्षित अन्य कोई स्थिति जैसे - चश्मा, नशे की स्थिति, नींद आना आदि।
  • उपरोक्त विवरण के मीमो पर लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर और साक्षियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने चाहिए।
  • यह पेपर कार्यरत स्टेशन मास्टर की अभिरक्षा में रहेगा और आवश्यकतानुसार जाँच समिति को सौप दिया जाएगा।
  • खतरे के सिगनल को बिना प्राधिकार के पार कर जाने पर दुर्घटना वर्गीकरण में दर्शाए अनुसार सवारी गाड़ी के मामले मे  डी/1 एवं सवारी रहित गाड़ी के मामले में डी/2 के अन्तर्गत सर्व संबंधित को सूचित किया जाएगा।
इलेक्ट्रीफाइड सेक्शन में ओ.एच.ई. में खराबी होना

  • इलेक्ट्रिफाइड सेक्शन में ओ.एच.ई. लाइन पर खराबी होने की जानकारी होते ही टी.पी.सी. (ट्रेकशन पावर कन्ट्रोलर) को उस लाइन की ओ.एच.ई. सप्लाई तुरन्त आइसोलेट कर देनी चाहिए तथा डबल लाइन व मल्टीपल लाइन सेक्शन पर पासवाली लाइन के स्वस्थ सेक्शन को भी अस्थाई रूप से आइसोलेट कर देना चाहिए और इसकी सूचना सेक्शन कन्ट्रोलर को तुरन्त देनी चाहिए।
  • सेक्शन कन्ट्रोलर को सूचना प्राप्त होने के तुरन्त बाद उस फाॅल्टी सेक्शन के सभी स्टेशनों के स्टेशन मास्टरों को प्राइवेट नम्बर के आदान प्रदान के साथ इसकी सूचना देते हुए निर्देश देने चाहिए कि इसे आपातकालीन यातायात ब्लाॅक  मानते हुए उसके अनुसार कार्यवाही की जाए।
  • सेक्शन कन्ट्रोलर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई गाड़ी फाॅल्टी सेक्शन में प्रवेश कर गई है या नहीं। यदि कोई गाड़ी वहाँ न हो तो उसे टी.पी.सी. से कहकर अस्थाई रूप से आइसोलेट किए गए स्वस्थ सेक्शन को वापस चालू करवा देना चाहिए।
  • यदि कोई गाड़ी फाॅल्टी सेक्शन में प्रवेश कर गई हो तो सेक्शन कन्ट्रोलर को संबंधित सभी स्टेशनो  के स्टेशन मास्टरों को प्राइवेट नम्बर के आदान प्रदान के साथ सूचना देनी चाहिए कि वे प्रभावित सेक्शन मे  पहली गाड़ी निम्नलिखित बिन्दुओं को दर्शाते हुए बिना सतर्कता आदेश दिए रवाना नहीं करें -
  • दिन मे  35 कि.मी.प्र.घ. व रात मे  20 कि.मी.प्र.घं. की प्रतिबन्धित गति से आगे बढ़ो तथा अन्य गति प्रतिबन्ध (जो लागू हो ) का भी पालन करें।
  • तीक्ष्ण दृष्टि रखते हुए आगे बढ़िए व किसी भी रुकावट से पहले रुकने के लिए तैयार रहिए। साथ ही पासवाली लाइन को भी देखते हुए चलिए कि उस पर कोई असामान्य बात तो नहीं है।
  • अगले स्टेशन पर पहुँचकर इसकी सूचना दे कि सेक्शन अन्य गाड़ियों के लिए सुरक्षित है या नहीं।
  • सेक्शन कन्ट्रोलर से यह सूचना प्राप्त होने के बाद कि गाड़ियों की संरक्षा संबंधी कार्यवाही करदी गई है, टी.पी.सी. को आइसोलेट किए गए स्वस्थ सेक्शन को चालू कर देना चाहिए।
  • पहली गाड़ी को सतर्कता आदेश के साथ रवाना करने के बाद दूसरी गाड़ी को उस सेक्शन में बिना सेक्शन कन्ट्रोलर की अनुमति के नहीं भेजा जाना चाहिए। सेक्शन कन्ट्रोलर अगले स्टेशन के स्टेशन मास्टर से लोको पायलट व गार्ड की रिपोर्ट संबंधी बात करके ही यह तय करेगा कि गति प्रतिबंध और कम किए जाएं या बढ़ाएं जायें। यह जानकारी सेक्शन कन्ट्रोलर द्वारा टी.पी. सी. को दी जानी चाहिए। जब तक यह तय नहीं हो जाए कि प्रतिबंध हटाया जाए, तब तक गाड़ियाँ सतर्कता आदेश पर चलती रहेंगी।
  • जब कोई गाड़ी किसी फॅाल्टी ओ.एच.ई. वाले सेक्शन में प्रवेश कर गई हो और टी.पी.सी. द्वारा ओ.एच.ई. सप्लाई बन्द करने का लोको पायलट को पता चले तो उसे अपनी गाड़ी आने वाले प्रथम इमरजेंसी टेलीफोन साॅकिट पर रोकनी चाहिए व उपलब्ध पोर्टबल टेलीफोन द्वारा टी. पी.सी. से बात करके पता करना चाहिए कि सप्लाई क्यों बन्द की गई है। उसके पश्चात् टी. पी.सी. द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्यवाही करनी चाहिए। टी.पी.सी. यदि ओ.एच.ई. मे  फाॅल्ट होने की जानकारी देने के बाद सप्लाई चालू करवा देता है तो लोको पाायलट को वहाँ से अपनी गाड़ी अधिकतम दिन मे  35 कि.मी.प्र.घ. व रात में 20 कि.मी.प्र.घ. की गति से चलानी चाहिए व अपनी लाइन तथा पासवाली लाइन की ओ.एच.ई. को चैक करते हुए जाना चाहिए और इसकी सूचना जाकर अगले स्टेशन पर देनी चाहिए। इस सूचना के आधार पर ही टी.पी.सी. व सेक्शन कन्ट्रोलर फाॅल्टी लाइन की सप्लाई चालू करने संबंधी निर्णय लेगे।
  • इलेक्ट्रिाफाइड सेक्शन मे गाड़ी मे  असामान्य बात दिखाई देने पर ओ.एच.ई. सप्लाई को बंद करवाना - स्टेशन से रनिंग थ्रू गुजरने वाली गाड़ी में कोई असामान्य स्थिति (हाॅट एक्सल, हैंगिंग पाट्र्स, आग लगना, फ्लेट टायर आदि) दिखाई देने पर उस गाड़ी को तुरन्त रोकने के लिए उचित कार्यवाही की जानी चाहिए। यदि सभी कार्यवाही करने के बाद भी गाड़ी नहीं रुकती है तो परिस्थिति से अवगत कराते हुए स्टेशन मास्टर को इलेक्ट्रिफाइड सेक्शन मे  ओ.एच.ई. सप्लाई बन्द करवाने हेतु तुरन्त टी.पी.सी. को कहना चाहिए। पासवाली लाइन से गुजरने वाली गाड़ियों की संरक्षा को ध्यान मे  रखते हुए इस तरह की कार्यवाही डीजल इंजन से चलने वाली गाड़ी के लिए भी की जानी चाहिए। नाॅन-इलेक्ट्रिफाइड सेक्शन मे  गेटमेन या अगले स्टेशन को कहकर गाड़ी को रुकवाना चाहिए। ओ.एच.ई. सप्लाई बन्द होने के बाद लोको पायलट यदि किसी भी साधन से सम्पर्क न कर पाए और उसे सप्लाई बन्द होने का कारण ज्ञात न हो तो उसे अपनी गाड़ी मे  असामान्य परिस्थिति मानते हुए पहले अपनी गाड़ी को सहायक लोको पायलट द्वारा चैक करवाना चाहिए और जैसी परिस्थिति हो उसके अनुसार कार्यवाही करनी चाहिए। जहाँ आवश्यकता हो सहायता माँगनी चाहिए। ओ.एच.ई. सप्लाई बन्द होने का कारण ज्ञात न होने पर गाड़ी का नियमानुसार बचाव करना चाहिए।

दुर्घटनास्थल से अप्रभावित भाग को बिना जाँच स्टेशन भेजना

दुर्घटना स्थल पर दुर्घटना राहत गाड़ी आकर आसानी से अपना कार्य कर सके, इसलिए वहाँ से दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी के अप्रभावित अगले भाग को हटाकर स्टेशन भेजना पड़ता है। ऐसे अप्रभावित भाग को गाड़ी परीक्षक से जाँच करवाने के बाद ही भेजा जाना चाहिए। यदि किसी कारणवश उसे बिना गाड़ी परीक्षक की जाँच के भेजना हो तो ऐसे भाग को अधिकतम 40 कि.मी.प्र.घ. की गति से भेजा जाएगा।

इंजन की सीटी /ई.एम.यू. व डी.एम.यूत्र गाड़ी का हूटर खराब हो जाना

किसी इंजन की सीटी प्रारम्भिक स्टेशन पर खराब हो जाती है तो उस इंजन को खराब माना जाना चाहिए और उसके बदले दूसरा इंजन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। गाड़ी संचालन के दौरान यदि इंजन की सीटी खराब हो जाती है तो लोको पायलट को सावधानीपूर्वक गाड़ी संचालन करते हुए अगले स्टेशन पर रुककर स्टेशन मास्टर को सूचित करना चाहिए। स्टेशन मास्टर इसकी सूचना कन्ट्रोलर को देगा जो कि दूसरा  इंजन उपलब्ध करवाने की कार्यवाही करेगा।
  • यदि टी.एल.सी./पी.सी.आर. द्वारा दूसरा इंजन उपलब्ध कराने मे  किसी प्रकार की असमर्थता जताई जाती है और लोको पायलट को उस गाड़ी के संचालन के आदेश दिए जाते हैं तो वह दृश्यता साफ होने पर अधिकतम 25 कि.मी.प्र.घ. एव  दृश्यता साफ न होने पर अधिकतम 8 कि.मी.प्र.घ. की गति से गाड़ी को संचालित करेगा। गाड़ी के विलम्ब को लोको पायलट व गार्ड द्वारा कम्बाइंड रिपोर्ट मे  टिप्पणी सहित दर्ज किया जाएगा।
  • यदि  गाड़ी का हूटर प्रारम्भिक स्टेशन पर खराब हो जाए तो उसे यात्री सेवा से हटा दिया जाएगा। रास्ते मे  खराबी होने पर उसे प्रथम उपलब्ध स्टेशन/अवसर पर यात्री सेवा से हटा दिया जाएगा और सेक्शन को दृश्यता साफ होने पर 25 अन्यथा 8 कि.मी.प्र.घ. की गति से साफ किया जाएगा।
यात्रा के दौरान इंजन का स्पीडोमीटर खराब हो जाए

प्रत्येक इंजन को शेड से बाहर निकालने से पूर्व लोको पायलट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इंजन का स्पीडोमीटर कार्यस्थिति मे  है। यदि गाड़ी संचालन के दौरान रास्ते में स्पीडोमीटर खराब हो जाए तो लोको पायलट को अपनी गाड़ी को निर्धारित गति से 10 प्रतिशत कम गति से चलाते हुए ब्लाॅक सेक्शन साफ करना चाहिए व अगले स्टेशन पहुँचकर स्टेशन मास्टर के माध्यम से कन्ट्रोलर तथा टीएलसी/पीसीआर को सूचित करना चाहिए ताकि स्पीडोमीटर को ठीक करवाने की उचित कार्यवाही की जा सके। गाड़ी के विलम्ब को लोको पायलट व गार्ड द्वारा कम्बाइंड रिपोर्ट मे  टिप्पणी सहित दर्ज करना चाहिए।

गाड़ी के चढ़ाई या ढलान पर खड़ी हो जाने पर उसकी सुरक्षा के लिए की जाने वाली कार्यवाही जब कोई भी गाड़ी किसी भी कारण से 15 मिनट से अधिक समय तक 1 इन 400 या इससे खतरनाक चढ़ाई या ढलान पर खड़ी हो जाती है तो लोको पायलट को अपनी गाड़ी के वैक्यूम/एयर ब्रेक के साथ हैंड ब्रेक भी लगा देने चाहिए तथा इसके अतिरिक्त गाड़ी की सुरक्षा हेतु निम्न कार्यवाही भी करनी चाहिए -

सवारी गाड़ी मे  गार्ड अपने ब्रेकवान के हैंड ब्रेक लगा देगा। मालगाड़ी में कम से कम 1/3 डिब्बो  के हैड ब्रेक या 10 डिब्बों के इंजन के पीछे व 5 डिब्बों के ब्रेकवान के अन्दर से जो भी ज्यादा हो, लगाए जाने चाहिए। गार्ड को अपने ब्रेकवान के हैंड ब्रेक भी लगा देने चाहिए।

विशेष प्रकार के राॅलिंग स्टाॅक  की सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिए।
जब ऐसी गाड़ी को रवाना करना हो तो पहले पर्याप्त वैक्यूम/एयर प्रेशर आ जाने क बाद ब्रेक लगाकर ही हैंड ब्रेक रिलीज किया जाना चाहिए व फिर वैक्यूम/एयर प्रेशर रिलीज करके गाड़ी रवाना करनी चाहिए।

इंजन के पीछे वाले डिब्बों मे  हैड ब्रेक लगाने की जिम्मेदारी लोको पायलट पर या उसके निर्देश पर सहायक लोको पायलट की होगी या ब्रेकवान के अन्दर वाले डिब्बो  में हैंड ब्रेक लगाने की जिम्मेदारी गार्ड की होगी।

जब कभी एयर ब्रेक वाली गाड़ी ढलान वाले सेक्शन पर खड़ी हो जाए तो गाड़ी की सुरक्षा के लिए निम्न विधि अपनानी चाहिए -

  • 1 इन 400 या उससे अधिक की ढलान पर गाड़ी खड़ी हो जाए तो ऐसी गाड़ी के लोको पायलट को इंजन के ब्रेक (एसए-9) और गाड़ी के ब्रेक (ए-9) लगाने चाहिए।
  • यदि उपरोक्त बताई गई ढलान पर गाड़ी खड़ी को ऐसी गाड़ी के इंजन के कम्प्रेशर मे , दुर्घटना या ओ.एच.ई. खराबी आदि के कारण, पूर्णतया या आंशिक रूप से निष्क्रिय हो जाता है और इंजन के मेन रिजर्वायर व ब्रेकपाइप मे  ब्रेकवान तक आवश्यक एयर प्रेशर बनाए न रखा जा सके तो निम्नलिखित अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए -
  • लोको पायलट द्वारा या सहायक लोको पायलट द्वारा स्वयं सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि इंजन तथा इसके साथ लगे 10 वैगनो  के भी हैंड ब्रेक लगा दिए गए हैं।
  • गार्ड के लिए आवश्यक है कि वह अपने ब्रेकवान व इसके साथ लगे 10 वैगनों के भी हैंड ब्रेक लगा दे। यदि आवश्यक हो तो उपरोक्त कार्यवाही सा. व स.नि. 6.03 नियम के अनुसार गाड़ी के अचाव के लिए जाने से पूर्व कर लेनी चाहिए।
  • गाड़ी को दुबारा चलाने से पूर्व इंजन के ए-9 को रिलीज स्थिति मे  तभी करना चाहिए जबकि पर्याप्त मात्रा मे  प्रेशर आ गया हो। गाड़ी के ब्रेकों को लगाए रखना चाहिए। इंजन के हैंड ब्रेक को लगाए रखना चाहिए। गाड़ी एवं इंजन के ब्रेक  को गाड़ी चलाने से तुरन्त पहले रिलीज करना चाहिए।

नोट - घाट सेक्शन मे  काम करने वाले लोको पायलट व गार्ड के घाट नियमो  का भी पालन करना चाहिए।

धुन्ध/कोहरा होने पर गाड़ियों का संचालन
  • लोको पायलट/मोटरमेन द्वारा सीटी/हाॅर्न का स्वतंत्रतापूर्वक उपयोग किया जाएगा तथा हैड लाइट व मार्कर लाइट को जला दिया जाएगा। ऐसी परिस्थिति मे  आने वाली गाड़ी केा लाइन क्लीयर देने के बाद बिना आइसोलेशन वाली लाइन पर शंटिंग कार्य नहीं किया जाएगा।
  • आॅटोमेटिक सेक्शन मे  धुंध, कोहरा होने  पर गाड़ियों का संचालन निम्न गति से किया जाएगा -
  • सिगनल हरा संकेत बता रहा हो तो - अधिकतम 60 कि.मी.प्र.घ.
  • सिगनल दो पीला संकेत बता रहा हो तो - अधिकतम 30 कि.मी.प्र.घ.
  • सिगनल एक पीला संकेत बता रहा हो तो - सावधानीपूर्वक एवं अगले सिगनल पर रुकने के लिए तैयार रहते हुए आगे बढ़ 
  • सिगनल लाल संकेत बता रहा हो तो - रुकने के बाद निर्धारित समय पश्चात् अधिकतम 10 कि.मी.प्र.घ. की गति से आगे बढ़े उपरोक्त के अतिरिक्त लोको पायलट/मोटरमेन ऐसी परिस्थिति मे  पूर्ण सतर्क रहेगा।
  • सम्पूर्ण ब्लाॅक पद्धति में धुंध कोहरे की परिस्थिति में गाड़ियों की अधिकतम गति 60 कि.मी.प्र.घ. होगी तथा लोको पायलट कोहरे की परिस्थिति को ध्यान मे  रखते हुए गति को नियंत्रित करके अपने विवेक के अनुसार गाड़ी को पूर्ण सावधानी से चलाएगा।
लाइन पर पानी आ जाने पर गाड़ी का संचालन
गाड़ी संचालन के दौरान किसी लोको पायलट या मोटरमेन को रेल लाइन के ऊपर पानी मिलता है तो उसे नीचे बताई गई गति व सावधानी का पालन करना चाहिए।


लाइन पर असामान्य परिस्थिति (झटका आदि) का पता लगने पर
  • गाड़ी गुजरते समय लोको पायलट/गार्ड को ब्लाॅक सेक्शन में ट्रेक पर असामान्य परिस्थिति की जानकारी मिलती है और उनको लगता है कि ट्रेक का वह भाग गाड़ियों के संरक्षित संचालन के लिए खतरनाक हो सकता है तो वह निम्नलिखित कार्यवाही करेगा -
  • अगले ब्लाॅक स्टेशन पर ब्लाॅक सेक्शन को अवरुद्ध रखते हुए अपनी गाड़ी को खड़ी करेगा और उपलब्ध साधन द्वारा स्टेशन मास्टर को संदेश देगा। स्टेशन मास्टर द्वारा प्रभावित ब्लाॅक सेक्शन मे  गाड़ी नहीं भेजने का आश्वासन मिलने के बाद ही वहाँ से गाड़ी को रवाना करेगा और स्टेशन पर जाकर इस संबंध मे  लिखित रिपोर्ट देगा। आई.बी.पी. वाले सेक्शन या आॅटोमेटिक ब्लाॅक पद्धति मे  गाड़ी खड़ी करके उपलब्ध संचार साधन द्वारा लोको पायलट पिछले स्टेशन को सूचित करने के बाद ही आगे जाएगा।
  • यदि ऐसे समय कोई इंजीनियरिंग प्रभारी उपलब्ध न हो तो लोको पायलट को प्रभावित कि. मी. का उल्लेख करते हुए 10 कि.मी.प्र.घ. का सतर्कता आदेश लिया जाएगा। लोको पायलट उस स्थान पर रुककर देखेगा और यदि वह स्थान गाड़ी पास करने के लिए असुरक्षित हो तो वह अपनी गाडी को वापस पिछले स्टेशन पर ले आएगा। यदि लोको पायलट को कुछ भी असामान्य दिखाई न दे तो वह प्रभावित भाग पर 10 कि.मी.प्र.घ. की गति से चलते हुए अगले ब्लाॅक स्टेशन तक जाएगा व लिखित सूचना देगा। ऐसी स्थिति मे  बाद वाली गाड़ियों को भी तब तक प्रभावित भाग के लिए 10 कि.मी.प्र.घ. का सतर्कता आदेश दिया जाएगा जब तक कि इंजीनियरिंग प्रभारी द्वारा जारी ट्रेक के संरक्षित होने का प्रमाण पत्र नहीं मिल जाए।
  • सतर्कता आदेश के साथ गए हुए लोको पायलट की सूचना के अनुसार यदि ट्रेक असुरक्षित हो तो इंजीनियरिंग प्रभारी द्वारा ट्रेक के संरक्षित होने का प्रमाण पत्र जारी किए जाने तक उस ब्लाॅक सेक्शन में कोई गाड़ी नहीं भेजी जानी चाहिए।
  • यदि गाड़ी के गार्ड को ट्रेक में असामान्य परिस्थिति की जानकारी होती है तो वह वाॅकी-टाॅकी या अन्य संचार साधन के द्वारा गाड़ी के लोको पायलट केा सूचित करेगा। ऐसी सूचना मिलने पर लोको पायलट उपरोक्त विधि के अनुसार कार्यवाही करेगा। यदि उपरोक्त संचार साधनो  से लोको पायलट से संपर्क नहीं हो पाए तो यह सूचना देने के लिए गार्ड गाड़ी को खड़ी करेगा।
  • यदि लोको पायलट/गार्ड को पासवाली लाइन पर या उसके निकट कोई असंरक्षित परिस्थिति दिखाई दे जो गाड़ियों के संचालन के लिए असुरक्षित हो तो निम्नलिखित कार्यवाही की जाएगी -
  1. इंजन की फ्लेशर लाइट को तत्काल चालू कर दिया जाएगा।
  2. उपलब्ध संचार साधन से स्टेशन मास्टर/कन्ट्रोलर को सूचना दी जाएगी।
  3. गाड़ी को रोककर सामान्य नियम 3.62 के अनुसार खतरे का हैंड सिगनल बताते हुए लाइन का बचाव किया जाएगा।
  4. उसके बाद फ्लेशर लाइट को चालू रखते हुए एवं 0 0 0 0 0 (छोटी छोटी सीटी बार बार) बजाते हुए लोको पायलट अगले स्टेशन तक सावधानीपूर्वक जाएगा।
  5. सामने से आती हुई गाड़ी को रोकने के लिए उपलब्ध संचार साधन या वाॅकी-टाॅकी और हैंड सिगनल का उपयोग किया जाएगा।
  6. अगले स्टेशन पर पहुँचकर घटना की लिखित रिपोर्ट स्टेशन मास्टर को सौंपी जाएगी।
  7. उपरोक्त सूचना मिलने पर स्टेशन मास्टर उचित कार्यवाही करेगा।

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